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आर्थिक संकट से जूझ रहे स्कूल संचालकों का प्रदर्शन - एफलाइटिड स्कूल एंड सोशल वेलफेयर एसोसिएशन

यूपी के मुजफ्फरनगर में डीएम कार्यालय पर एफलाइटिड स्कूल एंड सोशल वेलफेयर एसोसिएशन के दर्जनों स्कूल संचालकों ने स्कूल खोले जाने को लेकर प्रदर्शन किया.

स्कूल संचालकों का प्रदर्शन.
स्कूल संचालकों का प्रदर्शन.
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Published : Jan 13, 2021, 4:58 PM IST

मुजफ्फरनगर: कचहरी स्थित डीएम कार्यालय पर आज एफलाइटिड स्कूल एंड सोशल वेलफेयर एसोसिएशन के दर्जनों स्कूल संचालकों ने स्कूल खोले जाने को लेकर प्रदर्शन किया. स्कूल संचालको ने जिला प्रसाशन को ज्ञापन के माध्यम से बताया कि कोरोना काल में बंद हुए स्कूल के चलते जहां बच्चों को शिक्षा से वंचित होना पड़ रहा है. वहीं, आर्थिक तंगी से गुजर रहे स्कूल प्रसाशन को बिजली का बिल, शिक्षकों का वेतन, गाड़ियों के इंश्योरेंस की किस्त न जमा होने के कारण बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

जानकारी देते स्कूल संचालक.

स्कूल संचालकों ने बताया कि कोविड-19 का अत्यधिक प्रभाव शिक्षण संस्थाओं पर पड़ रहा है, जिससे विद्यालय में शिक्षा का बुरा असर पड़ रहा है. दूसरी ओर स्कूल संचालक भी इस वक्त आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. शिक्षण संस्थाओं के बंद होने के कारण अध्यापकों का वेतन, विद्युत बिल आदि का खर्च बढ़ता जा रहा है. उपरोक्त खर्चों के नियंत्रण करने के लिए अतिरिक्त फंड भी नहीं है.

वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में तो स्थिति और भी गंभीर है. विद्यालय के बंद होने के कारण बैंक कर्मी स्कूल संचालकों को भय दिखा रहे हैं. हम चाहते हैं कि सर्वप्रथम बेसिक व जूनियर स्कूलों को खोलने की अनुमति प्रदान करें, जिससे विद्यालय में बच्चों की शिक्षा प्रभावित होने से बच जाए. इन सभी मांगों को लेकर एक ज्ञापन जिला अधिकारी के नाम दिया गया. ज्ञापन देने वालों में प्रवेंद्र दहिया ,रविंद्र सिवाच, कुलदीप, सुभाष, चंद्र पाल सिंह, चंद्रवीर सिंह, सुरेश चंद्र त्यागी, अनिल शास्त्री, सुधीर विद्धवान, विकास बालियान, सन्नी मलिक, अनिल आर्य, मोहम्मद सौभान, सुरेश पाल सिंह पुंडीर, यशवीर राणा आदि दर्जनों स्कूल संचालक मौजूद रहे.

इसे भी पढे़ं- सरकार ने की जबरदस्ती तो मारे जा सकते हैं 10 हजार लोगः राकेश टिकैत

मुजफ्फरनगर: कचहरी स्थित डीएम कार्यालय पर आज एफलाइटिड स्कूल एंड सोशल वेलफेयर एसोसिएशन के दर्जनों स्कूल संचालकों ने स्कूल खोले जाने को लेकर प्रदर्शन किया. स्कूल संचालको ने जिला प्रसाशन को ज्ञापन के माध्यम से बताया कि कोरोना काल में बंद हुए स्कूल के चलते जहां बच्चों को शिक्षा से वंचित होना पड़ रहा है. वहीं, आर्थिक तंगी से गुजर रहे स्कूल प्रसाशन को बिजली का बिल, शिक्षकों का वेतन, गाड़ियों के इंश्योरेंस की किस्त न जमा होने के कारण बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

जानकारी देते स्कूल संचालक.

स्कूल संचालकों ने बताया कि कोविड-19 का अत्यधिक प्रभाव शिक्षण संस्थाओं पर पड़ रहा है, जिससे विद्यालय में शिक्षा का बुरा असर पड़ रहा है. दूसरी ओर स्कूल संचालक भी इस वक्त आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. शिक्षण संस्थाओं के बंद होने के कारण अध्यापकों का वेतन, विद्युत बिल आदि का खर्च बढ़ता जा रहा है. उपरोक्त खर्चों के नियंत्रण करने के लिए अतिरिक्त फंड भी नहीं है.

वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में तो स्थिति और भी गंभीर है. विद्यालय के बंद होने के कारण बैंक कर्मी स्कूल संचालकों को भय दिखा रहे हैं. हम चाहते हैं कि सर्वप्रथम बेसिक व जूनियर स्कूलों को खोलने की अनुमति प्रदान करें, जिससे विद्यालय में बच्चों की शिक्षा प्रभावित होने से बच जाए. इन सभी मांगों को लेकर एक ज्ञापन जिला अधिकारी के नाम दिया गया. ज्ञापन देने वालों में प्रवेंद्र दहिया ,रविंद्र सिवाच, कुलदीप, सुभाष, चंद्र पाल सिंह, चंद्रवीर सिंह, सुरेश चंद्र त्यागी, अनिल शास्त्री, सुधीर विद्धवान, विकास बालियान, सन्नी मलिक, अनिल आर्य, मोहम्मद सौभान, सुरेश पाल सिंह पुंडीर, यशवीर राणा आदि दर्जनों स्कूल संचालक मौजूद रहे.

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