मुजफ्फरनगरः केंद्र सरकार के कृषि बिल के विरोध में किसानों का आंदोलन पिछले एक महीने से निरंतर जारी है. जिसके चलते देश की राजधानी दिल्ली में उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर हजारों की संख्या में अन्य राज्यों से पहुंचे किसान और किसान हितैषी संगठन के नेता केंद्र सरकार से बिल वापस किये जाने की मांग को लेकर डटे हैं. भारतीय किसान यूनियत के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एलान करते हुए कहा कि जबतक सरकार तीनों कृषि बिल वापस नहीं ले लेती, तबतक किसान भी घर वापसी नहीं करेंगे.
बता दें कि केंद्र सरकार और किसान नेताओं की अनेक बार कृषि बिल को संशोधन किये जाने को लेकर वार्ता हुई है, लेकिन सब अभी तक विफल नजर आ रही है. कड़ाके की ठंड में किसान और प्रदर्शनकारी खुले आसमान के नीचे डटे हुए हैं. वहीं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और किसान संगठनों के साथ हुई मीटिंग के बाद भी कृषि बिल वापसी को लेकर सरकार झुकती नजर नहीं आ रही है. केंद्र सरकार ने जहां किसानों को आगामी 8 जनवरी को फिर से वार्ता के लिए न्योता दिया है. वहीं भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने भी एक बड़ा एलान कर दिया है. उन्होंने कहा कि 'जबतक कानून की वापसी नहीं, तबतक घर वापसी नहीं.'
बता दें कि किसानों और सरकार के बीच सोमवार को हुई बैठक भी बेनतीजा रही. किसानों और सरकार के बीच अगले दौर की बातचीत अब 8 जनवरी को दोपहर 2 बजे होगी. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मीटिंग के बाद कहा, ‘हम चाहते थे कि किसान यूनियन तीन कानूनों पर चर्चा करे, किसान यूनियन कानूनों की वापसी पर अड़ी रही इस चलते कोई समाधान नहीं निकला. आज की चर्चा को देखते हुए, मुझे उम्मीद है कि हमारी अगली बैठक के दौरान एक सार्थक चर्चा करेंगे. जिसमें सभी लोग एक निष्कर्ष पर पहुंचेंगे.’
वहीं, भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हमारी मांगों पर चर्चा हुई, जिसमें तीन कानूनों को निरस्त किया जाना शामिल था. कानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं मीटिंग के बाद अखिल भारतीय किसान सभा के हन्नान मोल्लाह ने कहा कि सरकार काफी दबाव में है. हमारी मांग है कि कानूनों को निरस्त किया जाये, इसके अलावा किसी दूसरे विषय पर चर्चा नहीं चाहते हैं. कानूनों को निरस्त करने तक विरोध वापस नहीं होगा.