मुजफ्फरनगर: किसान आंदोलन की आड़ में दिल्ली में हुई हिंसा के बाद अब किसान आंदोलन कमज़ोर पड़ता दिखाई दे रहा है. कई किसान संगठनों ने अपना आंदोलन खत्म करने का एलान कर दिया है. इसी क्रम में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जब 40 संगठन आंदोलन से निकल जाएंगे तो क्या रह जाएगा, हम भी आंदोलन हटा लेंगे. उन्होंने कहा कि जब सारे किसान चले जाएंगे तो हम क्या ही करेंगे. इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि इन सब मुकदमों से क्या होगा अगली कोई सरकार आएगी वह मुकदमे वापस ले लेगी.
'26 जनवरी की घटना को लेकर किसान उठा रहे शर्मिंदगी'
26 जनवरी की घटना को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह लोग किसान नहीं थे, किसान के रूप में उन्हें भेड़िया ही कहेंगे. उन्होंने कहा कि इस घटना को लेकर किसान भी बड़ी शर्मिंदगी उठा रहे हैं. सारे किसानों के चेहरे पर इस घटना को लेकर मायूसी है.
होनी चाहिए जांच
वहीं जब नरेश टिकैत से लालकिले पर झंडा फहराने वाले व्यक्ति पर कार्रवाई को लेकर किए गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा इस बात की जांच होना चाहिए. वह व्यक्ति 50 फुट के खम्बे पर चढ़ गया, 10-20 मिनट वहां रहा भी और उसके बाद उतर कर चला गया. उसे खोजना चाहिए. उसका उद्देश्य पता करना चाहिए. उसने तो सारी किसान बिरादरी को बदनाम कर दिया.
'राकेश टिकैत कार्रवाई के लिए रहेंगे तैयार'
राकेश टिकैत पर दर्ज एफआईआर को लेकर उन्होंने कहा कि राकेश पर जो कार्रवाई होगी उसके लिए वह तैयार रहेंगे. उन्होंने कहा कि उनपर काहे का केस बन रहा है. राकेश टिकैत की गिरफ्तारी को लेकर उन्होंने कहा यह जनता की बात है हम यह सब जनता के लिए ही कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह आंदोलन उनका कोई निजी मामला नहीं है. सरकार से विरोध को लेकर नरेश टिकैत ने कहा कि सरकार से उनका कोई विरोध नहीं है. वह सरकार की नीतियों का विरोध कर रहे हैं और करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि वह कार्रवाई से पीछे नहीं हटते, जमानत या जेल जो भी होगी वह स्वीकार्य है.
'सब अलग होंगे तो हम भी आंदोलन से अलग हो जाएंगे'
बीएम सिंह को लेकर उन्होंने कहा वह घर के ही आदमी हैं ऐसे समय में उन्होंने हाथ खींच लिया. कोई बात नहीं है. जब 40 संगठन हैं ज्यादातर उसमें से निकल जाएंगे तो क्या ही रह जाएगा. हम भी अपना हाथ खींच लेंगे. हमारी कौन सी गरज है. जब किसान भाग रहे हैं तो हम ही उसमें अकेले क्या करेंगे.
होगी किसान पंचायत
भविष्य में होने वाले चुनावों में किसानों के निर्णय को लेकर उन्होंने कहा देखो किसान क्या निर्णय होता है. 4 साल से गन्ने का रेट नहीं बढ़ा, लेकिन बिजली महंगी होती जा रही है.कहीं ना कहीं यह सब बातें किसानों के मन में हैं. किसानों की पंचायत को लेकर कहा कि पंचायत होगी, मायावती वाले मामले में भी हुई थी. पंचायत में जरूर कोई फैसला लिया जाएगा.
'26 जनवरी की घटना किसी की साजिश'
उन्होंने 26 जनवरी के दिन हुए हंगामे को किसी की साजिश करार देते हुए कहा कि किसान सीधे साधे हैं. उन्हें इतना नहीं पता. इस हंगामें के लिए कितने दिनों से प्लान बन रहा था.इसके लिए 26 जनवरी का ही दिन चुना जाए. उन्होंने कहा इसमें तो कुछ ना कुछ मामला है जो पर्दे के पीछे है. यह घटना करने वाले असामाजिक तत्व हैं, जिन्हें समाज का ज्ञान नहीं है. हमारी सोच तो राष्ट्रहित की सोच है. उन्होंने 26 जनवरी की घटना की निंदा करते हुए कहा कि कलंक देश पर तो लग चुका है, वह तो धुलेगा नहीं, लेकिन अब इसमें जो भी हो फैसला हो जाए. उन्होंने कहा कि इन सब बातों की बजाय राष्ट्र के विकास की बात हो. इन सब मुकदमों से क्या होगा अगली कोई सरकार आएगी वह मुकदमे वापस ले लेगी.