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मुजफ्फरनगर: एशिया की सबसे बड़ी गुड मंडी में व्यापारी हड़ताल पर - मुजफ्फरनगर समाचार

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में स्थित एशिया की सबसे बड़ी गुड मंडी 2.5 प्रतिशत टैक्स को लेकर दो दिन से बंद है. मंडी के व्यापारी हड़ताल पर हैं.

अध्यक्ष संजय मित्तल के साथ गुड़ मंडी के व्यापारी
अध्यक्ष संजय मित्तल के साथ गुड़ मंडी के व्यापारी
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Published : Jul 10, 2020, 8:02 PM IST

मुजफ्फरनगर: प्रदेश सरकार द्वारा किसान की उपज पर मंडी में लगने वाले 2.5 प्रतिशत शुल्क हटाने की मांग को लेकर उत्तर प्रदेश के उद्योग व्यापारमंडल और अखिल भारतीय उद्योग व्यापारमंडल के आह्वान पर प्रदेश की गुड और गल्ला मंडी के व्यापारी आज दूसरे दिन हड़ताल पर हैं. इसे लेकर शुक्रवार को खांडसारी एंड ग्रेन मर्चेंट एसोसिएशन ने भी समर्थन करते हुए एशिया की सबसे बड़ी गुड मंडी के बंद में सहयोग किया.

एशिया की सबसे बड़ी गुड मंडी मुजफ्फरनगर में स्थित है, जो 2.5 प्रतिशत टैक्स को लेकर दो दिन से बंद है. इसे लेकर द गुड खांडसारी एंड ग्रेन मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय मित्तल ने बताया कि सरकार ने जो 2.5 प्रतिशत शुल्क समाप्त किया है, वह सिर्फ मंडी के बाहर किया है. जो मंडी में व्यापारी व्यापार कर रहे हैं, उनके लिए यह शुल्क अभी सरकार ने समाप्त नहीं किया है. इसी के विरोध में यह धरना किया गया है.

व्यापारी-किसान एक गाड़ी के दो पहिए

अध्यक्ष संजय मित्तल ने कहा कि जब मंडी के बाहर शुल्क नहीं लगेगा, तब किसान मंडी में माल लेकर क्यों आएगा. हम तो किसान को पैसा देते हैं और किसान माल मंडी में अंदर लेकर आता है. उन्होंने कहा कि व्यापारी और किसान एक गाड़ी के दो पहिए हैं. जब मंडी के बाहर ढाई प्रतिशत ज्यादा मिलेगा और मंडी में ढाई प्रतिशत देना होगा, तो मंडी में कौन आएगा. कौन यहां से खरीदारी करेगा.

लॉकडाउन में नहीं होगा घरना

अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेशभर में इतनी लागत से बनी मंडियां बर्बादी की कगार पर आ गईं हैं. आज व्यापारी खून के आंसू रो रहा है. उन्होंने सरकार से मांग की कि मंडी के अंदर से शुल्क हटाया जाए, जिससे मंडी में काम करने वाले परिवारों, मजदूरों की रोजी-रोटी बच सके. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना महामारी को लेकर प्रदेश में लागू लॉकडाउन का अनुपालन किया जाएगा. लॉकडाउन के चलते घरना-प्रदर्शन नहीं होगा.

मुजफ्फरनगर: प्रदेश सरकार द्वारा किसान की उपज पर मंडी में लगने वाले 2.5 प्रतिशत शुल्क हटाने की मांग को लेकर उत्तर प्रदेश के उद्योग व्यापारमंडल और अखिल भारतीय उद्योग व्यापारमंडल के आह्वान पर प्रदेश की गुड और गल्ला मंडी के व्यापारी आज दूसरे दिन हड़ताल पर हैं. इसे लेकर शुक्रवार को खांडसारी एंड ग्रेन मर्चेंट एसोसिएशन ने भी समर्थन करते हुए एशिया की सबसे बड़ी गुड मंडी के बंद में सहयोग किया.

एशिया की सबसे बड़ी गुड मंडी मुजफ्फरनगर में स्थित है, जो 2.5 प्रतिशत टैक्स को लेकर दो दिन से बंद है. इसे लेकर द गुड खांडसारी एंड ग्रेन मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय मित्तल ने बताया कि सरकार ने जो 2.5 प्रतिशत शुल्क समाप्त किया है, वह सिर्फ मंडी के बाहर किया है. जो मंडी में व्यापारी व्यापार कर रहे हैं, उनके लिए यह शुल्क अभी सरकार ने समाप्त नहीं किया है. इसी के विरोध में यह धरना किया गया है.

व्यापारी-किसान एक गाड़ी के दो पहिए

अध्यक्ष संजय मित्तल ने कहा कि जब मंडी के बाहर शुल्क नहीं लगेगा, तब किसान मंडी में माल लेकर क्यों आएगा. हम तो किसान को पैसा देते हैं और किसान माल मंडी में अंदर लेकर आता है. उन्होंने कहा कि व्यापारी और किसान एक गाड़ी के दो पहिए हैं. जब मंडी के बाहर ढाई प्रतिशत ज्यादा मिलेगा और मंडी में ढाई प्रतिशत देना होगा, तो मंडी में कौन आएगा. कौन यहां से खरीदारी करेगा.

लॉकडाउन में नहीं होगा घरना

अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेशभर में इतनी लागत से बनी मंडियां बर्बादी की कगार पर आ गईं हैं. आज व्यापारी खून के आंसू रो रहा है. उन्होंने सरकार से मांग की कि मंडी के अंदर से शुल्क हटाया जाए, जिससे मंडी में काम करने वाले परिवारों, मजदूरों की रोजी-रोटी बच सके. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना महामारी को लेकर प्रदेश में लागू लॉकडाउन का अनुपालन किया जाएगा. लॉकडाउन के चलते घरना-प्रदर्शन नहीं होगा.

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