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किशोर से कुकर्म करने के दो दोषियों को 20 साल की सजा

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Published : Dec 7, 2022, 10:49 PM IST

मुजफ्फरनगर के विशेष अपर सत्र न्यायालय ने किशोर से कुकर्म करने के दो दोषियों को 20-20 साल की सजा सुनाई है. दोनों दोषियों के खिलाफ 2014 में मुकदमा दर्ज हुआ था.

मुजफ्फरनगर विशेष अपर सत्र न्यायालय
मुजफ्फरनगर विशेष अपर सत्र न्यायालय

मुजफ्फरनगरः विशेष अपर सत्र न्यायालय ने किशोर से कुकर्म करने के दो दोषियों को 20-20 साल के कठोर कारावास और 22-22 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है. इसके साथ ही दोनों को कस्टडी में लेकर जेल भेजा गया है. इस मामले की सुनवाई विशेष अपर सत्र न्यायालय के पीठासीन अधिकारी बाबूराम के यहां हुई.

शामली जनपद के गढ़ी पुख्ता थाना क्षेत्र के 13 वर्षीय पीड़ित के साथ मालेंडी निवासी विपुल, गौरव और अजय द्वारा सितंबर वर्ष 2014 को कुकर्म किया था. दोषी युवक उसके साथ वर्ष 2009 से 2014 पीड़ित की चारों बहनों के साथ दुष्कर्म की धमकी देकर घिनौनी करतूत को अंजाम दे रहे थे. पीड़ित की बहन ने मामले की शिकायत अध्यक्ष राष्ट्रीय बाल कल्याण आयोग दिल्ली को की थी. आयोग के आदेश के बाद तीनों के खिलाफ गढ़ी पुख्ता थाने में अक्तूबर 2014 को मुकदमा हुआ था.

पुलिस ने विवेचना के बाद तीनों के खिलाफ आरोप न्यायालय में दाखिल किया और प्रकरण की सुनवाई विशेष अपर सत्र न्यायालय में हुई. ट्रायल के दौरान आरोपी अजय की मौत हो गई. एसपीओ ने छह गवाह पेश किए और अदालत ने दलीलों को सुनने के बाद विपुल और गौरव को दोषी करार देते हुए 20-20 वर्ष के कारावास और 22-22 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई. अर्थदंड की राशि में से क्षतिपूर्ति के रूप में तीस हजार रुपये का भुगतान पीड़ित को करने के आदेश दिए हैं.

इसे भी पढ़ें-शौच के लिए बाहर जा रही थी किशोरी, गांव के युवक ने मुंह में कपड़ा ठूंसकर किया दुष्कर्म

मुजफ्फरनगरः विशेष अपर सत्र न्यायालय ने किशोर से कुकर्म करने के दो दोषियों को 20-20 साल के कठोर कारावास और 22-22 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है. इसके साथ ही दोनों को कस्टडी में लेकर जेल भेजा गया है. इस मामले की सुनवाई विशेष अपर सत्र न्यायालय के पीठासीन अधिकारी बाबूराम के यहां हुई.

शामली जनपद के गढ़ी पुख्ता थाना क्षेत्र के 13 वर्षीय पीड़ित के साथ मालेंडी निवासी विपुल, गौरव और अजय द्वारा सितंबर वर्ष 2014 को कुकर्म किया था. दोषी युवक उसके साथ वर्ष 2009 से 2014 पीड़ित की चारों बहनों के साथ दुष्कर्म की धमकी देकर घिनौनी करतूत को अंजाम दे रहे थे. पीड़ित की बहन ने मामले की शिकायत अध्यक्ष राष्ट्रीय बाल कल्याण आयोग दिल्ली को की थी. आयोग के आदेश के बाद तीनों के खिलाफ गढ़ी पुख्ता थाने में अक्तूबर 2014 को मुकदमा हुआ था.

पुलिस ने विवेचना के बाद तीनों के खिलाफ आरोप न्यायालय में दाखिल किया और प्रकरण की सुनवाई विशेष अपर सत्र न्यायालय में हुई. ट्रायल के दौरान आरोपी अजय की मौत हो गई. एसपीओ ने छह गवाह पेश किए और अदालत ने दलीलों को सुनने के बाद विपुल और गौरव को दोषी करार देते हुए 20-20 वर्ष के कारावास और 22-22 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई. अर्थदंड की राशि में से क्षतिपूर्ति के रूप में तीस हजार रुपये का भुगतान पीड़ित को करने के आदेश दिए हैं.

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