मुजफ्फरनगरः जिले के स्पोर्ट्स स्टेडियम में अग्निवीर सेना भर्ती रैली बुधवार को सम्पन्न हो गई. पश्चिमी यूपी की पहली अग्निवीर थल सेना भर्ती के दौरान कई रिकार्ड बने. पहली बार जिले में इतनी बड़ी सैन्य भर्ती का आयोजन हुआ है, जो जिले में यह तीसरी थल सेना भर्ती रही. भर्ती के लिए सेना से लेकर जिला प्रशासन बेहद अलर्ट रहा. इस दौरान भर्ती में दलाली का नेटवर्क पकड़ा गया. वहीं बारिश इस भर्ती रैली में खलनायक की भूमिका में रहा. मौसम की खराबी के कारण 21 दिन चलने वाली सैन्य भर्ती परीक्षा 23 दिनों तक आयोजित हुई.
जानकारी के अनुसार, 20 सितम्बर को शुरू हुई अग्निवीर रैली भर्ती में मेरठ, मुरादाबाद और सहारनपुर मंडल के 13 जनपदों गौतमबुद्धनगर, हापुड़, रामपुर, शामली, गाजियाबाद, बिजनौर, बागपत, मुरादाबाद, अमरोहा, सहारनपुर, बुलन्दशहर, मुजफ्फरनगर और मेरठ की 54 तहसीलों के करीब दो लाख अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया था. इनमें से प्रतिदिन करीब छह से सात हजार अभ्यर्थी जिला मुख्यालय पर पहुंचे. सैन्य भर्ती परीक्षा एआरओ मेरठ के निदेशक कर्नल सोमेश जायसवाल के निर्देशन में चौ चरण सिंह स्पोर्टस स्टेडियम पर भर्ती प्रक्रिया संपन्न हुई.
शामली, गाजियाबाद, मेरठ की भर्ती को बारिश के कारण ही स्थगित करना पड़ा और इसके लिए दो दिन अतिरिक्त बढ़ाने पड़े. बुधवार को 24 सितम्बर को बारिश के कारण स्थगित की गयी गाजियाबाद जनपद की तहसील सदर गाजियाबाद और मुरादाबाद के साथ ही 10 अक्टूबर को स्थगित हुई. मेरठ जनपद की सरधना तहसील के अभ्यर्थियों की भर्ती परीक्षा का आयोजन कराया गया. इनको रात्रि में करीब 11 बजे मैदान पर सेना ने एंट्री दी. भर्ती रैली में भाग लेने के लिए इन दो जनपदों की तीन तहसीलों से करीब 8 हजार अभ्यर्थी यहां पहुंचे थे, हाइट कम होने के कारण करीब 550 अभ्यर्थियों को बाहर किया गया. इसके साथ ही डाक्युमेंटेशन में भी काफी युवा बाहर हुए.
सैन्य भर्ती में शारीरिक दक्षता परीक्षा बुधवार को सम्पन्न होने के बाद अब मेडिकल टेस्ट 15 अक्टूबर तक चलेगा, साल 2015 और 2017 के बाद जनपद में यह तीसरी थल सेना भर्ती है. 2018 में सेना भर्ती मुजफ्फरनगर में कराने की तैयारी थी, लेकिन ऐन वक्त में इसका स्थल जनपद सहारनपुर कर दिया गया था. जांच के दौरान 330 अभ्यर्थी फर्जी प्रमाणपत्र वाले निकले.
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