मुजफ्फरनगर: जनपद की गैंगस्टर कोर्ट ने सोमवार को 3 आरोपियों को दोषी ठहराया है. जबकि तीनों आरोपियों को एससी व एसटी मामले में कोर्ट ने 10 अप्रैल को बरी करने का हवाला दिया था. इसके बाद अभियुक्तों की रेप, हत्या, गैंगस्टर के मामले में गैंगेस्टर कोर्ट में पेशी हुई.
19 दिसंबर 2017 को मुजफ्फरनगर के एक गांव निवासी वादी की 18 वर्षीय पुत्री और छह वर्षीय भांजा दिन में खेत में गन्ना छीलने गए थे. दोनों खेत पर नहीं पहुंचे थे. दोनों रास्ते से ही गायब हो गए. परिजनों द्वारा काफी खोजबीन के बाद भी वह नहीं मिले. घटना के अगले दिन दोनों के शव गांव में ही एक ग्राम वासी तेजवीर के खेत में पाया गया था. लड़की की गर्दन आधी कटी थी. जबकि 6 वर्षीय बच्चे का गर्दन धड़ से अलग था.
घटना की जानकारी लड़की के पिता ने सूचना पुलिस को दी थी. पुलिस तुरंत मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई में जुट गई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में लड़की के साथ रेप की पुष्टि हुई थी. पुलिस ने जांच के बाद गांव निवासी तीन अभियुक्तों मुकम्मिल, जानू उर्फ जान आलम और शराफत को जेल भेजा था. इस घटना की जांच तत्कालीन सीओ सदर योगेंदर सिंह ने की. पुलिस ने अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम, हत्या, बलात्कार की धाराओं में आरोप पत्र न्यायालय प्रेषित किया था.
तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक विंध्याचल तिवारी ने इन तीनों अभियुक्तों का गैंगस्टर एक्ट में चालान किया था. गैंगेस्टर एक्ट प्रकरण की जांच तत्कालीन मुजफ्फरनगर के थाना छपार प्रभारी निरीक्षक ह्रदय नारायण सिंह ने तीनों अभियुक्तों के विरुद्ध आरोप पत्र गेंगेस्टर कोर्ट में प्रेषित किया. इसमें अभियुक्तों ने कोर्ट में बहस के दौरान हत्या, रेप के मूल अभियोग एससी एसटी की कोर्ट संख्या 2 से दोष मुक्त होने का हवाला दिया. इसमें गेंगेस्टर कोर्ट के जज अशोक कुमार ने गिरोह बनाकर अनुसूचित जाति की 18 वर्षीय युवती के साथ रेप करने के बाद छह वर्षीय बालक सहित दोनों की गर्दन काटकर हत्या के अपराध में तीनों अभियुक्तों मुकम्मिल, जानू उर्फ़ जानआलम और शराफत को दोष सिद्ध करार दिया है. अब मामले में 16 मई को सजा सुनाई जाएगी.
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