मुजफ्फरनगरः जिले की एमपी एमएलए कोर्ट ने 2009 में लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान के दौरान टीएसआई से अभद्रता के मामले में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक संगीत सोम को बरी कर दिया है. संगीत सोम 2009 में समाजवादी पार्टी से लोकसभा प्रत्याशी थे. एमपी एमएलए कोर्ट के जज मयंक जायसवाल ने संगीत सोम को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है. वहीं, कोर्ट ने संगीत सोम के तीन प्राइवेट सिक्योरिटी गार्डों को दो-दो साल की सजा सुनाई है.
मेरठ की सरधना विधानसभा सीट से दो बार विधायक रह चुके संगीत सोम 2009 के एक मामले में कोर्ट में पेश हुए. यहां सुनवाई के दौरान स्पेशल मजिस्ट्रेट एमपी एमएलए कोर्ट मयंक जायसवाल ने पूर्व विधायक संगीत सोम को बरी कर दिया. वहीं उनके तीन प्राइवेट सिक्योरिटी गार्डो को दो-दो साल की सजा सुनाई.
दरअसल, समाजवादी पार्टी के टिकट पर 2009 में लोकसभा का चुनाव लड़े पूर्व विधायक संगीत सोम अपने काफिले के साथ थाना सिविल लाइन क्षेत्र के मालवीय चौक से जा रहे थे. इस दौरान गाड़ी खड़ी करने को लेकर तत्कालीन सपा प्रत्याशी संगीत सोम व उनके सिक्योरिटी गार्डों के साथ तत्कालीन टीएसआई हरमीत सिंह से कहासुनी हो गई थी. इसके बाद टीएसआई हरमीत सिंह ने पूर्व विधायक संगीत सोम और उनके तीन सिक्योरिटी गार्डों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. इसकी सुनवाई स्पेशल एमपी एमएलए जज मयंक जयसवाल की कोर्ट में चल रही थी.
बुधवार को इस मामले की सुनवाई हो गई. इसमें पूर्व विधायक संगीत सोम स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में पेश हुए और कोर्ट ने सुनवाई के बाद हरमीत सिंह के बयान के आधार पर पूर्व विधायक संगीत सोम को बरी कर दिया. उनके तीन सिक्योरिटी गार्डों को दो-दो साल की सजा सुनाई. कोर्ट ने तीनों सुरक्षा गार्डों को जमानत पर रिहा कर दिया.
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