मुजफ्फरनगरः जनपद की एक कोर्ट ने भतीजों को फंसाने के लिए बेटी की हत्या करने वाले पिता को उम्रकैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने दोषी पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. 9 वर्ष पहले हुए हत्याकांड की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट दो में हुई.
9 वर्ष पूर्व थाना तितावी (Thana Titawi) के गांव नसीरपुर के जंगल में एक युवती की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में नसीपुर निवासी सूरजमल ने 7 अप्रैल 2013 को मुकदमा दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था, कि वह अपनी बेटी मीनाक्षी के साथ जंगल से जा रहा था. रास्ते में उसके भतीजों मोनू और सोनू पुत्र सोमपाल ने उस पर हमला बोल दिया था. उसे बचाने उसकी बेटी मीनाक्षी आई तो उसको गोली लग गई. जिससे उसकी मौत हो गई.
पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की थी. पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की तो घटना का खुलासा हुआ था. पुलिस विवेचना में सामने आया था कि सूरजमल ने अपने भतीजों को फंसाने के लिए अपनी बेटी मीनाक्षी के साथ पहले मारपीट की थी. उसके बाद गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी थी. जिसके उपरांत मृत मीनाक्षी को गोली मारी गई थी. जिसके उपरांत पुलिस ने हत्या में आरोपी सोनू और मोनू के नाम निकालकर सूरजमल के विरुद्ध कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी.
इस हत्या के मुकदमे की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट (Muzaffarnagar fast track court) संख्या दो में हुई. मामले की सुनवाई कर एडीजे अंजनी कुमार ने फैसला सुनाया. इससे पूर्व अभियोजन ने कोर्ट में 10 गवाह पेश किये. कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद सूरज मल को बेटी की हत्या का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई. हालांकि उसे शस्त्र अधिनियम के मुकदमे में बरी कर दिया गया.
यह भी पढ़ें-हिंदू बेटियां ऐसा न सोचें कि हमारा वाला अब्दुल आफताब नहीं हो सकता, साक्षी महाराज बोले