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मुजफ्फरनगर में वर्दी की गुंडागर्दी, फर्जी वारंट पर पिता-पुत्र को भेजा जेल

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में पुलिस पर बिना वजह पिता पुत्र को जेल भेजने का आरोप लगा है. बताया जा रहा है कि फर्जी गैर जमानती वारंट के आधार पर दोनों को जेल भेजा गया.

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Published : Mar 19, 2020, 5:42 PM IST

पिता-पुत्र को भेजा जेल
फर्जी वारंट पर पिता-पुत्र को भेजा जेल

मुजफ्फरनगर: शहर कोतवाली पुलिस ने दुष्कर्म के मुकदमे में जारी फर्जी गैर जमानती वारंट पर बाप-बेटे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. जांच में मामला फर्जी पाया गया तो कोर्ट के आदेश पर दोनों की रिहाई का परवाना जारी किया गया. पुलिस ने जांच आख्या के बाद सीजेएम कोर्ट के आदेश पर अज्ञात आरोपी के विरुद्ध धोखाधड़ी सहित कई अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू की.

मुजफ्फरनगर सीजीएम के आदेश पर न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट संख्या 2 में आंचल राणा ने थाना सिविल लाइन में मुकदमा दर्ज कराया है. उन्होंने बताया कि 8 मार्च को नैन सिंह व उसके बेटे सचिन को उनके समक्ष थाने से गैर जमानती वारंट पर गिरफ्तार कर उनके सम्मुख प्रस्तुत किए गए थे. बताया कि दोनों को अपहरण और सामूहिक दुष्कर्म के आरोप में विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट से जारी वारंट बना कर जेल भेजा गया. इसके बाद संबंधित दस्तावेज विशेष उसको कोर्ट को उपलब्ध करा दिए गए थे. इस दौरान कोर्ट में 2 दिन का अवकाश रहा.

फर्जी वारंट पर पिता-पुत्र को भेजा जेल.

13 मार्च को दोनों उपस्थित अभियुक्तों ने कोर्ट में अपने निर्दोष होने का प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया. जिस पर संबंधित कोर्ट लिपिक से आख्या मांगी गई. इस पर उन्होंने बताया कि विशेष पक्षों में आरोपी के विरुद्ध इस तरह का कोई मामला लंबित नहीं है और न ही कोर्ट से इनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए हैं. कोर्ट की ओर से दोनों के नाम का जिला कारागार को परवाना जारी किया गया. मामला फर्जी साबित होने पर न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट संख्या 2 के आदेश पर थाना सिविल लाइन पुलिस को फर्जीवाड़ा करने के अज्ञात आरोपी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए. सिविल लाइन पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई प्रारंभ कर दी है.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ: फ्लैट के मालिकाना हक को लेकर दो पक्षों में भिड़ंत, FIR दर्ज

मुजफ्फरनगर: शहर कोतवाली पुलिस ने दुष्कर्म के मुकदमे में जारी फर्जी गैर जमानती वारंट पर बाप-बेटे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. जांच में मामला फर्जी पाया गया तो कोर्ट के आदेश पर दोनों की रिहाई का परवाना जारी किया गया. पुलिस ने जांच आख्या के बाद सीजेएम कोर्ट के आदेश पर अज्ञात आरोपी के विरुद्ध धोखाधड़ी सहित कई अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू की.

मुजफ्फरनगर सीजीएम के आदेश पर न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट संख्या 2 में आंचल राणा ने थाना सिविल लाइन में मुकदमा दर्ज कराया है. उन्होंने बताया कि 8 मार्च को नैन सिंह व उसके बेटे सचिन को उनके समक्ष थाने से गैर जमानती वारंट पर गिरफ्तार कर उनके सम्मुख प्रस्तुत किए गए थे. बताया कि दोनों को अपहरण और सामूहिक दुष्कर्म के आरोप में विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट से जारी वारंट बना कर जेल भेजा गया. इसके बाद संबंधित दस्तावेज विशेष उसको कोर्ट को उपलब्ध करा दिए गए थे. इस दौरान कोर्ट में 2 दिन का अवकाश रहा.

फर्जी वारंट पर पिता-पुत्र को भेजा जेल.

13 मार्च को दोनों उपस्थित अभियुक्तों ने कोर्ट में अपने निर्दोष होने का प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया. जिस पर संबंधित कोर्ट लिपिक से आख्या मांगी गई. इस पर उन्होंने बताया कि विशेष पक्षों में आरोपी के विरुद्ध इस तरह का कोई मामला लंबित नहीं है और न ही कोर्ट से इनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए हैं. कोर्ट की ओर से दोनों के नाम का जिला कारागार को परवाना जारी किया गया. मामला फर्जी साबित होने पर न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट संख्या 2 के आदेश पर थाना सिविल लाइन पुलिस को फर्जीवाड़ा करने के अज्ञात आरोपी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए. सिविल लाइन पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई प्रारंभ कर दी है.

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