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मुजफ्फरनगर में गन्ना किसानों ने बिजलीघर को बना दिया धरना घर

यूपी के मुजफ्फरनगर में एक बार फिर गन्ना भुगतान और बिजली बिल को लेकर किसानों का गुस्सा फूटा है. किसानों ने इस बार आर-पार की लड़ाई के लिए कमर कस ली है. धरने का नेतृत्व स्वयं भाकियू प्रवक्ता कर रहे हैं. वहीं जनपद के डीएम ने कई बार किसानों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वह असफल रहे.

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धरना देते किसान.
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Published : Nov 3, 2020, 4:41 PM IST

Updated : Nov 3, 2020, 7:31 PM IST

मुजफ्फरनगर: जनपद में गन्ना भुगतान और बिजली की समस्याओं को लेकर भारतीय किसान यूनियन और किसानों का छठे दिन भी धरना जारी रहा. धरने का नेतृत्व खुद भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत कर रहे हैं. धरना समाप्त करने के लिए जिला प्रशासन ने कई बार किसानों से बातचीत भी की है, लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकल पाया है. सोमवार को तो किसानों ने रात को सोने के लिए धरना स्थल पर अस्थाई झोपड़ियां भी बना दीं.

गन्ना भुगतान को लेकर दिया धरना
मुजफ्फरनगर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र स्थित विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंता कार्यालय पर भारतीय किसान यूनियन ओर किसानों का पिछले 6 दिनों से धरना चल रहा है. शुगर मिलों पर किसानों के गन्ने का बकाया भुगतान और विद्युत समस्याओं को लेकर खुद राकेश टिकैत इस धरने पर किसानों का नेतृत्व कर रहे हैं.

धरनास्थल पर बनाईं अस्थाई झोपड़ियां
रात दिन चल रहे इस धरने पर किसानों के खाने के लिए भी भाकियू ने उचित व्यवस्था की है. जिला प्रशासन भी धरने को समाप्त करने के लिए लगातार किसानों से बातचीत कर रहा है. किंतु अभी तक किसानों की समस्या का कोई भी हल नहीं निकल पाया है, जिसके चलते धरना निरंतर जारी है. सोमवार को किसानों ने रात को सोने के लिए धरना स्थल पर घास फूंस से अस्थाई झोपड़ियां भी बना दी हैं.

'खत्म नहीं होगा धरना'
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की मानें तो इस बार किसान आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे. धरना तब तक समाप्त नहीं होगा जब तक किसानों का पूरा बकाया गन्ना भुगतान नहीं हो जाता. चाहे इस बार जेल ही क्यों न जाना पड़े. राकेश टिकैत ने ये भी बताया कि 7 नवंबर को दूर-दराज से किसान धरने पर इकट्ठा होंगे, जिसके बाद प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए एक बड़ी रणनीति तैयार की जायेगी.

मुजफ्फरनगर: जनपद में गन्ना भुगतान और बिजली की समस्याओं को लेकर भारतीय किसान यूनियन और किसानों का छठे दिन भी धरना जारी रहा. धरने का नेतृत्व खुद भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत कर रहे हैं. धरना समाप्त करने के लिए जिला प्रशासन ने कई बार किसानों से बातचीत भी की है, लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकल पाया है. सोमवार को तो किसानों ने रात को सोने के लिए धरना स्थल पर अस्थाई झोपड़ियां भी बना दीं.

गन्ना भुगतान को लेकर दिया धरना
मुजफ्फरनगर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र स्थित विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंता कार्यालय पर भारतीय किसान यूनियन ओर किसानों का पिछले 6 दिनों से धरना चल रहा है. शुगर मिलों पर किसानों के गन्ने का बकाया भुगतान और विद्युत समस्याओं को लेकर खुद राकेश टिकैत इस धरने पर किसानों का नेतृत्व कर रहे हैं.

धरनास्थल पर बनाईं अस्थाई झोपड़ियां
रात दिन चल रहे इस धरने पर किसानों के खाने के लिए भी भाकियू ने उचित व्यवस्था की है. जिला प्रशासन भी धरने को समाप्त करने के लिए लगातार किसानों से बातचीत कर रहा है. किंतु अभी तक किसानों की समस्या का कोई भी हल नहीं निकल पाया है, जिसके चलते धरना निरंतर जारी है. सोमवार को किसानों ने रात को सोने के लिए धरना स्थल पर घास फूंस से अस्थाई झोपड़ियां भी बना दी हैं.

'खत्म नहीं होगा धरना'
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की मानें तो इस बार किसान आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे. धरना तब तक समाप्त नहीं होगा जब तक किसानों का पूरा बकाया गन्ना भुगतान नहीं हो जाता. चाहे इस बार जेल ही क्यों न जाना पड़े. राकेश टिकैत ने ये भी बताया कि 7 नवंबर को दूर-दराज से किसान धरने पर इकट्ठा होंगे, जिसके बाद प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए एक बड़ी रणनीति तैयार की जायेगी.

Last Updated : Nov 3, 2020, 7:31 PM IST
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