मुज़फ्फरनगरः उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने फरीदाबाद में प्रॉपर्टी डीलर मनोज भाटी की हत्या करने वाले दो शूटरों को मुजफ्फरनगर के जानसठ क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया. दरअसल, हत्या के बाद शूटर उत्तर प्रदेश आ गये और मुजफ्फरनगर जिले के जानसठ के एक गांव में छिप गये थे. फरीदाबाद पुलिस ने शूटरों को पकड़ने के लिए एसटीएफ से अनुरोध किया था.
बता दें कि 23 दिसम्बर को फरीदाबाद (हरियाणा) के सेक्टर-31 थाना क्षेत्र में कुख्यात गैंगस्टर मनोज मांगरिया के शार्प शूटरों ने कूड़े के ठेके के लिये प्रॉपर्टी डीलर मनोज भाटी पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या कर दी थी. हत्यारों के उत्तर प्रदेश में होने की सूचना पर एसटीएफ की मेरठ इकाई को मनोज भाटी के हत्यारों को गिरफ्तार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई.
मनोज भाटी के हत्यारे मुजफ्फरनगर से गिरफ्तार यूपी में छिपे थे प्रॉपर्टी डीलर के हत्यारेप्रॉपर्टी डीलर की हत्या में वांछित चल रहे टीकड़ी खेडा सोनीपत (हरियाणा) निवासी अपराधी आर्यन खान और मुजफ्फरनगर जिले के जानसठ इलाके के कादरीपुर गांव निवासी धीरेन्द्र उर्फ अजय फौजी उर्फ भूरा जाट जानसठ के एक गांव में छिपे थे. इस सूचना पर एसटीएफ के निरीक्षक रविन्द्र कुमार व सुनील कुमार के नेतृत्व में फरीदाबाद की क्राइम ब्रांच के निरीक्षक विमल राय की एक संयुक्त टीम का गठन कर जानसठ रवाना किया गया. मुखबिर की सूचना पर एसटीएफ टीम एवं फरीदाबाद हरियाणा की क्राईम ब्रांच टीम आर्यन खान उर्फ बिटटू व धीरेन्द्र उर्फ अजय फौजी को राजपुर तिलोरा गांव में हरेन्द्र उर्फ हप्पू के मकान से कल देर रात गिरफ्तार कर लिया.
कूड़े के ठेके को लेकर हुई थी प्रॉपर्टी डीलर मनोज भाटी की हत्या क्राइम ब्रांच के सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार हत्यारोपियों ने पूछताछ में बताया कि हम लोग फरीदाबाद, हरियाणा के गैंगस्टर 2 लाख के इनामी अपराधी मनोज मांगरिया के लिए कार्य करते हैं. उसके कहने पर ही मनोज मांगरिया व अन्य साथियों के साथ मिलकर 23 दिसम्बर को कुड़े के ठेके को लेकर प्रोपर्टी डीलर मनोज भाटी पर 10-12 राउण्ड गोलियां चलायी, जिसमें उसकी मौत हो गयी थी. आरोपियों ने बताया कि हत्या करने के बाद हम लोग हरियाणा से उत्तर प्रदेश आये थे. भाटी की हत्या की घटना के संबंध में थाना सेक्टर 31 फरीदाबाद हरियाणा पर मामला दर्ज कराया गया था. इस मामले में फरीदाबाद क्राइम ब्रांच हत्यारोपी फरीदाबाद निवासी अशोक पाटिल, विकास उर्फ बिक्की, आर्यनगर दिल्ली निवासी सोनू को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.
बता दें कि हत्यारोपी धीरेन्द्र उर्फ अजय फौजी उर्फ भूरा ने पूछताछ पर बताया कि वह वर्ष 2004 में भारतीय सेना में भर्ती होकर फस्ट पैरा कमाण्डो हिमाचल प्रदेश में नियुक्त था. वर्ष 2016 में बारमूला में नियुक्ति के दौरान हुई हत्या के केस में सजा होने के बाद वह सेण्ट्रल जेल अम्बाला में बंद था. यहीं उसकी मुलाकात मनोज मांगरिया से हुई थी और इसी साल कोविड-19 के मद्देनजर वह पैरोल पर था. हत्या के बाद वह अपने साले के मामा के घर पर मौजूद था, जहां से उसे गिरफ्तार कर लिया गया.