मुजफ्फरनगर: विधिक माप-तौल विभाग सीधे रूप से जनता के हितों से जुड़ा विभाग है. ईटीवी भारत ने इस विभाग की कार्यप्रणाली के बारे में वरिष्ठ निरीक्षक विधिक माप-तौल विभाग हरीश कुमार से बातचीत की. उन्होंने बताया कि पिछले दिनों जिले में बड़ी-बड़ी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, जिसका परिणाम यह है कि एक करोड़ 1 लाख 48 हजार का समन विभाग ने वसूला है. साथ ही ग्राहकों को जो उत्पाद बाजार में मिल रहा है, उसकी गुणवत्ता में सुधार हुआ है. उन्होंने बताया कि बड़ी-बड़ी कंपनियों ने अपने उत्पादों की पैकेजिंग को सुधार कर उन्हें नियमानुसार बनाया है.
वरिष्ठ निरीक्षक विधिक माप विभाग ने ईटीवी भारत से की बातचीत
ईटीवी भारत ने विभाग की कार्यप्रणाली के विषय में वरिष्ठ निरीक्षक विधिक माप विभाग हरीश कुमार से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि हमारे विभाग का कार्य है कि उपभोक्ता अगर किसी वस्तु को खरीद रहा है और जितनी मात्रा के लिए वह भुगतान कर रहा है, उतनी पूरी मात्रा उसको मिले. उन्होंने बताया कि डिब्बाबंद वस्तुओं के लिए उपभोक्ता आश्वस्त होकर उसपर लिखी मात्रा, एमआरपी और पैकिंग डेट को देखकर सामान लेता है. विभाग का काम है कि इन सभी चीजों को जांचा जाए कि एमआरपी ज्यादा तो नहीं ली जा रही है, पैकिंग डेट पुरानी तो नहीं है, जिसका उपयोग करने से उपभोक्ता पर उसका दुष्परिणाम हो. उन्होंने बताया कि इसके लिए वह पैकेज कमेटी कमॉडिटी 2011 को फॉलो करते हैं.
कार्रवाई के बाद कंपनियों ने किया सुधार
उन्होंने बताया कि विभाग ने बड़ी-बड़ी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की है, जिसका परिणाम यह रहा कि करोड़ 48 लाख का समन शुल्क वसूला गया है. उन्होंने बताया कि कंपनियों ने अपनी पैकेजिंग को सुधारकर उसे नियमानुसार बनाया है. खासतौर से ऑनलाइन कंपनियों के सारे मानक पूरे नहीं होते थे, आज की स्थिति में कार्रवाई के पश्चात पूरे भारत में खासतौर पर अमेजॉन पर लिस्टेड कंपनियों ने अपने आप सुधार किया है. वरिष्ठ निरीक्षक ने उदाहरण देते हुए बताया कि नहाने के साबुन के शेड्यूल के 2 मानक निर्धारित हैं कि वह 75 ग्राम, 100 ग्राम 125 ग्राम या अन्य कई मानकों में क्रय किया जा सकता है. बहुत सारी कंपनी ऐसी मिलीं जो 85 ग्राम, 135 ग्राम का साबुन पैक कर रही थी. ऐसे में ग्राहक के सामने यह समस्या होती है कि वह मार्केट में उपलब्ध दूसरे उत्पाद से उनकी तुलना नहीं कर पाते. इस प्रकार के मानक पैकेजिंग के ऊपर विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है.
पूरे देश में सबसे ज्यादा वसूला समन शुल्क
2019-2020 वित्त वर्ष में कंपनियों से वसूले गए समन शुल्क के विषय में हरीश कुमार ने बताया कि पूरे उत्तर प्रदेश में ही नहीं, बल्कि भारत में हमारे द्वारा वसूला गया 1 करोड़ 1 लाख 48 हजार रुपए अब तक का सबसे ज्यादा समन शुल्क है. उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है और आगे भी इसी प्रकार उपभोक्ता हित में कार्य करते रहेंगे.