मुजफ्फरनगर: हैदरपुर में प्रवासी पक्षियों का आना मुजफ्फरनगर को एक नई पहचान देने लगा है. बता दें कि हैदरपुर में पहली बार कुरजां यानी डेमोइसेल सारस (Demoiselle crane) नामक पक्षियों का प्रवास देखने को मिला है. यह मुजफ्फरनगर के लिए किसी तोहफे से कम नहीं है. यह कुरजां नामक पक्षी मंगोलिया, साइबेरिया से हैदरपुर वेटलैंड पर पहुंचना शुरू हो गए है. इसके बाद यह गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान में देखने को मिलेंगे.
कुरजां पक्षी 6000 से 8000 मीटर की ऊंचाई पर उड़ता है. यह पक्षी अधिकांश राजस्थान में दिखाई देता है. बता दें कि राजस्थान में लोकगीतों में कुरजां को विशेष दर्जा मिला है. पक्षी विशेषज्ञ आशीष लोया ने बताया कि कुरजां हिमालय की ऊंचाइयों को पार करता हुआ यह पक्षी सर्दियों में प्रवास के लिए पहुंचना शुरू हो गए हैं. कुरजां पक्षियों के दो से तीन झुंड हैदरपुर में रुके हुए हैं. यह चमत्कार से कम नहीं है. पर्यटकों और पक्षी विशेषज्ञों के लिए यह आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.
आशीष लोया ने बताया कि यह बहुत ही खूबसूरत शर्मीले स्वभाव का पक्षी होता है बगुले से बड़ा और सारस से छोटा होता है. कुरजां पक्षियों के झुंड में एक मुखिया भी होता है, जो धरती पर बाकी पक्षियों का उतरना तय करता है. पहले खुद मुखिया धरती पर आता है और उसके बाद बाकी पक्षी नीचे उतरते है. उन्होंने बताया कि अक्टूबर के महीने में सारे पक्षियों की गणना की जाती है. गणना के अनुसार यहां कुरजां के 65 प्रजातियां दिखे हैं. इन्हें देखकर पर्यटक बहुत उत्साहित हैं.
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