मुजफ्फरनगरः फिरौती के लिए किए गए अपहरण के बाद बदमाशों ने युवक की गला दबाकर हत्या कर दी. हत्या के बाद बदमाशों ने युवक का शव खेत में 4 फीट गहरे गड्ढे में दबा दिया. पुलिस ने मृतक के पिता की दुकान से 2 लाख रुपये की फिरौती के लिए भेजा गया एक पर्चा भी बरामद किया है. कई संदिग्धों को हिरासत में लेकर पुलिस ने पूछताछ शुरू कर दी है.
चरथावल थाना बिरालसी गांव का आशुतोष (23) पुत्र जगपाल, अचानक से 18 फरवरी को घर से लापता हो गया था. 2 दिन तलाशने के बाद जब उसका कोई सुराग नहीं लगा तो पुलिस में गुमशुदगी दर्ज कराई थी. पुलिस गुमशुदा आशुतोष को तलाश रही थी, लेकिन कई दिन की छानबीन के बाद भी उसकी कोई जानकारी नहीं मिली.
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आशुतोष के पिता जगपाल की बिरालसी में सुनार की दुकान है. उनकी दुकान से 2 दिन पहले एक पर्चा बरामद हुआ था. पर्चे में आशुतोष के अपहरण की बात करते हुए अज्ञात बदमाशों ने उसे छोड़ने के एवज में 2 लाख रुपये फिरौती देने की मांग की थी. इसके बाद सक्रिय हुई पुलिस ने एक संदिग्ध को हिरासत में लेकर पूछताछ की.
पुलिस ने पूछताछ के बाद गांव बिरालसी के जंगल से संदिग्ध की निशानदेही पर कई फीट गहरे गड्ढे को खोदकर गुमशुदा आशुतोष का शव बरामद किया. बताया जा रहा है की आशुतोष की हत्या गला दबाकर की गई है.
मृतक के परिजन ने बताया कि शव गड्ढे से बाहर निकाला गया तो उसमें से दुर्गंध आ रही थी. आशंका है कि आशुतोष की हत्या उसके गायब होने के एक या दो दिन के अंदर ही कर दी गई थी. पुलिस को भटकाने और परिजन को गुमराह करने के लिए हत्या के बाद आशुतोष को रिहा करने के एवज में 2 लाख रुपए की फिरौती मांगी जा रही थी.
आशंका जताई जा रही है कि आशुतोष की हत्या नशेड़ियों के ग्रुप ने की है. पुलिस आशुतोष को भी नशे का आदि मानकर चल रही है. नशा करने के दौरान ही किसी बात को लेकर उसकी हत्या का शक जाहिर किया जा रहा है. हालांकि अभी तक पुलिस ने बिना जांच कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है.
मृतक के पिता जगपाल की सुनार की दुकान से फिरौती की मांग के लिए डाली गई, जो चिट्ठी बरामद हुई है. वह अपहरण की अजब कहानी बयां कर रही है. चिट्ठी में आशुतोष के अपहरण कर लेने की बात लिखते हुए उसको छोड़ने के बदले में 2 लाख रुपये की मांग की गई है. चिट्ठी में कथित अपहरणकर्ता ने लिखा है कि वे लोग एक बच्चे का अपहरण कर उसे जंगल में लिए बैठे थे. जहां नशा किए हुए आशुतोष पहुंच गया. उन्होंने उसको भी वहीं बैठा लिया. अपहरणकर्ता चिट्ठी में अपने आप को पीड़ित का शुभचिंतक लिखे हैं.
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