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युवक को आत्महत्या के लिए उकसाने पर भाई-बहन को 5 साल की सजा - Government Advocate Ashish Kumar Tyagi

मुजफ्फरनगर की अदालत ने खुदकुशी के मामले में भाई-बहन को दोषी ठहराया है. कोर्ट ने दोनों को 5-5 साल की सजा सुनाई है.

Muzaffarnagar News
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Published : Jul 19, 2023, 9:49 PM IST

मुजफ्फरनगर: जनपद की अदालत ने बुधवार को एक युवक को खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोप में भाई-बहन को दोषी ठहराया है. इसके साथ ही कोर्ट ने भाई-बहन को 5-5 साल कैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता आशीष कुमार त्यागी ने बताया कि थाना चरथावल क्षेत्र के गांव न्यामु के जंगल में 15 वर्ष पूर्व संजय पुत्र महावीर का शव बरामद हुआ था. महावीर सिंह की तहरीर पर पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी. पुलिस की जांच में सामने आया था कि संजय का गांव की एक युवती पिंकी से अवैध संबंध है. 9 नवंबर 2008 की रात को पिंकी ने संजय को फोन कर अपने घर बुलाया था. जहां पिंकी के भाई रजनीश ने दोनों को रंगे हाथ पकड़ लिया था.

रजनीश ने गांव वालों की पंचायत बुलाकर संजय को घर के कमरे में बंद कर दिया था. इसके बाद संजय ने कमरे की छत के हुक में रस्सी का फंदा डालकर खुदकुशी कर ली थी. पुलिस की जांच में सामने आया था कि खुदकुशी के बाद संजय का शव एक रेहड़ी में डालकर जंगल ले जाया गया. पुलिस के अनुसार पिंकी के भाई रजनीश ने संजय का शव घर से ले जाकर गांव में बॉबी पुत्र रतिराम के खेत में डाल दिया था. इस मुकदमे की सुनवाई एडीजे प्रथम जय सिंह पुंडीर ने की. उन्होंने मामले को खुदकुशी मानते हुए इसके लिए उकसाने में पिंकी और उसके भाई रजनीश पुत्र सलेकचन्द को 5-5 साल कैद की सजा सुनाई.

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सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता आशीष कुमार त्यागी ने बताया कि थाना चरथावल क्षेत्र के गांव न्यामु के जंगल में 15 वर्ष पूर्व संजय पुत्र महावीर का शव बरामद हुआ था. महावीर सिंह की तहरीर पर पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी. पुलिस की जांच में सामने आया था कि संजय का गांव की एक युवती पिंकी से अवैध संबंध है. 9 नवंबर 2008 की रात को पिंकी ने संजय को फोन कर अपने घर बुलाया था. जहां पिंकी के भाई रजनीश ने दोनों को रंगे हाथ पकड़ लिया था.

रजनीश ने गांव वालों की पंचायत बुलाकर संजय को घर के कमरे में बंद कर दिया था. इसके बाद संजय ने कमरे की छत के हुक में रस्सी का फंदा डालकर खुदकुशी कर ली थी. पुलिस की जांच में सामने आया था कि खुदकुशी के बाद संजय का शव एक रेहड़ी में डालकर जंगल ले जाया गया. पुलिस के अनुसार पिंकी के भाई रजनीश ने संजय का शव घर से ले जाकर गांव में बॉबी पुत्र रतिराम के खेत में डाल दिया था. इस मुकदमे की सुनवाई एडीजे प्रथम जय सिंह पुंडीर ने की. उन्होंने मामले को खुदकुशी मानते हुए इसके लिए उकसाने में पिंकी और उसके भाई रजनीश पुत्र सलेकचन्द को 5-5 साल कैद की सजा सुनाई.

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