मुजफ्फरनगर: जिले में भोपा थाने क्षेत्र के सीकरी गांव के पूर्व प्रधान की हत्या के मामले में पति-पत्नी सहित सात दोषियों को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता ने बताया कि 22 अगस्त 2017 को भोपा थाने क्षेत्र के सीकरी गांव में पूर्व प्रधान कचहरी जा रहा था कि आर्यपुरी में एक इलेक्ट्रिक स्टोर के पास उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. वादी कलीम ने गांव के दूसरे पक्ष के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. प्रकरण की सुनवाई अपर सत्र न्यायालय में हुई. अदालत ने दोषी दिलशाद, संदीप, पूजा, विजेंद्र उर्फ गौरी, राहुल उर्फ कपिल, आमिर और जमशेद को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
भोपा थाने क्षेत्र के सीकरी गांव के पूर्व प्रधान अम्मार की हत्या की साजिश तीन अलग-अलग जेल में रची गई थी. वारदात के वक्त तीन आरोपी जेल में बंद थे. पुलिस जांच में सामने आया था कि हमलावरों की जेल में पहले से बंद जमशेद, गुल सरोवर और नौशाद से लगातार मोबाइल पर बात हो रही थी. हमलावर प्रधान की लोकेशन की रेकी कर रहे थे.
भोपा क्षेत्र के सीकरी गांव में गुल सनोवर की पत्नी हसरूबा और पूर्व प्रधान अम्मार की पत्नी शगुप्ता ने जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा था. मतदान के दिन दोनों पक्षों में झगड़ा हो गया था. इसी रंजिश में दोनों पक्षों में तनाव रहने लगा. इसके बाद पूर्व प्रधान अम्मार पक्ष के खालिद उर्फ भूरा पर जानलेवा हमला किया गया. इसके बाद पूर्व प्रधान पक्ष के तस्लीम की गोली मारकर हत्या कर दी गई.
तस्लीम की हत्या की पैरवी में पूर्व प्रधान अम्मार कचहरी में आर्यपुरी के रास्ते से आ रहा था, तभी उसे आर्यपुरी में ही गुप्ता इलेक्ट्रिक स्टोर के पास गोली मार दी गई. 16 अक्टूबर 2015 को सीकरी गांव में खालिद उर्फ भूरा पर जानलेवा हमला करने के जुर्म में सगे भाई जमशेद, गुल सरोवर और नौशाद के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ. भूरा पर जानलेवा हमले और पूर्व प्रधान अम्मार हत्या मामले में एक साथ सुनवाई हुई. शुक्रवार को अपर सत्र न्यायालय कोर्ट के पीठासीन अधिकारी जयसिंह पुंडीर ने खालिद उर्फ भूरा पर हमले के मामले में तीनों भाइयों को दस-दस साल के कारावास की सजा सुनाई है.
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