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मुजफ्फरनगर में दो दुष्कर्मियों को मिली गुनाहों की सजा

यूपी के मुजफ्फरनगर कोर्ट ने दो अलग-अलग दुष्कर्म के मामलों में सजा सुनाई है. दो दुष्कर्मियों को पॉक्सो कोर्ट ने उनके गुनाह की सजा दी है.

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दो दुष्कर्मियों को मिली सजा.
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Published : Feb 13, 2020, 2:43 PM IST

मुजफ्फरनगर: जिले में दो दुष्कर्मियों को पॉक्सो और एफटीसी कोर्ट ने उन्हें उनके गुनाहों की सजा दी है. पॉक्सो कोर्ट ने बच्ची से हैवानियत करने वाले को 25 साल की कठोर सजा और 50 हजार का जुर्माना लगया है. वहीं दूसरे दुष्कर्म मामले में एफटीसी कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है और साथ ही 25 हजार का जुर्माना भी लगाया है.

पांच साल की मासूम बच्ची के साथ दरिंदगी करने वाले युवक को अदालत ने दोषी करार 25 साल के कठोर कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. जनपद की पोक्सो अदालत ने यह फैसला सुनाया है.

अभियोजन पक्ष के अनुसार थाना खतौली पर पीड़िता के पिता ने 11 अक्टूबर 2013 को यह मुकदमा दर्ज कराया था. बताया था कि उसकी पांच वर्ष की बेटी घर के बाहर खेल रही थी. दूसरे गांव के निवासी आरोपी रूपेश उर्फ रूपेशी पुत्र सोहनबीर ने बच्ची को अगवा कर जंगल में उसके साथ दरिंदगी की. इस मुकदमें की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजीव कुमार तिवारी की अदालत संख्या-8 पॉक्सो कोर्ट में हुई.

विशेष लोक अभियोजक दिनेश कुमार शर्मा ने आठ गवाह कोर्ट में पेश किए. न्यायाधीश ने अभियुक्त रूपेश उर्फ रूपेशी पुत्र सोहनबीर को मासूम बच्ची के साथ दरिंदगी करने का दोषी करार देते 25 साल के कठोर कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. सजा सुनाए जाने के बाद उसे जेल भेज दिया गया.

मुजफ्फरनगर: एफटीसी प्रथम ने दुष्कर्म मामले में सुनाया फैसला, आरोपी को 10 साल की सजा
फास्ट ट्रैक कोर्ट-1 ने किशोरी का अपहरण कर दुष्कर्म करने वाले युवक को दोषी करार देते हुए उसे 10 साल के कठोर कारावास और 25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. जुर्माने में से आधा पीड़िता को देने के आदेश दिए हैं.

एडीजीसी रीतू चौधरी के अनुसार चरथावल थाने पर 16 फरवरी 2014 को पीडिता की मां ने मुकदमा दर्ज कराया था. बताया था कि उसकी नाबालिग बेटी को पांच जनवरी 2014 को नीटू पुत्र सुभी निवासी चंदेना थाना देवबंद जनपद सहारनपुर बहला फुसला कर ले गया था. उसकी बेटी नीटू के चंगुल से छूटकर 15 फरवरी 2014 को घर पहुंची. उसने मां को सारी घटना बताते हुए कहा कि आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया है. इस मुकदमे की सुनवाई एडीजे अंकुर शर्मा की फास्ट ट्रैक कोर्ट संख्या-1 में हुई.

एडीजीसी रीतू चौधरी ने पांच गवाह कोर्ट में पेश किए. न्यायाधीश ने दोनों पक्षों को सुनते हुए अभियुक्त नीटू पुत्र सुभी निवासी चंदेना थाना देवबंद को अपहरण कर दुष्कर्म करने का दोषी करार ‌देते हुए 10 साल के सश्रम कारावास और 25 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है.
इसे भी पढ़ें:- सपा-कांग्रेस में पोस्टर वार, मुजफ्फरनगर में लगाए गए प्रियंका के उल्टे पोस्टर

मुजफ्फरनगर: जिले में दो दुष्कर्मियों को पॉक्सो और एफटीसी कोर्ट ने उन्हें उनके गुनाहों की सजा दी है. पॉक्सो कोर्ट ने बच्ची से हैवानियत करने वाले को 25 साल की कठोर सजा और 50 हजार का जुर्माना लगया है. वहीं दूसरे दुष्कर्म मामले में एफटीसी कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है और साथ ही 25 हजार का जुर्माना भी लगाया है.

पांच साल की मासूम बच्ची के साथ दरिंदगी करने वाले युवक को अदालत ने दोषी करार 25 साल के कठोर कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. जनपद की पोक्सो अदालत ने यह फैसला सुनाया है.

अभियोजन पक्ष के अनुसार थाना खतौली पर पीड़िता के पिता ने 11 अक्टूबर 2013 को यह मुकदमा दर्ज कराया था. बताया था कि उसकी पांच वर्ष की बेटी घर के बाहर खेल रही थी. दूसरे गांव के निवासी आरोपी रूपेश उर्फ रूपेशी पुत्र सोहनबीर ने बच्ची को अगवा कर जंगल में उसके साथ दरिंदगी की. इस मुकदमें की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजीव कुमार तिवारी की अदालत संख्या-8 पॉक्सो कोर्ट में हुई.

विशेष लोक अभियोजक दिनेश कुमार शर्मा ने आठ गवाह कोर्ट में पेश किए. न्यायाधीश ने अभियुक्त रूपेश उर्फ रूपेशी पुत्र सोहनबीर को मासूम बच्ची के साथ दरिंदगी करने का दोषी करार देते 25 साल के कठोर कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. सजा सुनाए जाने के बाद उसे जेल भेज दिया गया.

मुजफ्फरनगर: एफटीसी प्रथम ने दुष्कर्म मामले में सुनाया फैसला, आरोपी को 10 साल की सजा
फास्ट ट्रैक कोर्ट-1 ने किशोरी का अपहरण कर दुष्कर्म करने वाले युवक को दोषी करार देते हुए उसे 10 साल के कठोर कारावास और 25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. जुर्माने में से आधा पीड़िता को देने के आदेश दिए हैं.

एडीजीसी रीतू चौधरी के अनुसार चरथावल थाने पर 16 फरवरी 2014 को पीडिता की मां ने मुकदमा दर्ज कराया था. बताया था कि उसकी नाबालिग बेटी को पांच जनवरी 2014 को नीटू पुत्र सुभी निवासी चंदेना थाना देवबंद जनपद सहारनपुर बहला फुसला कर ले गया था. उसकी बेटी नीटू के चंगुल से छूटकर 15 फरवरी 2014 को घर पहुंची. उसने मां को सारी घटना बताते हुए कहा कि आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया है. इस मुकदमे की सुनवाई एडीजे अंकुर शर्मा की फास्ट ट्रैक कोर्ट संख्या-1 में हुई.

एडीजीसी रीतू चौधरी ने पांच गवाह कोर्ट में पेश किए. न्यायाधीश ने दोनों पक्षों को सुनते हुए अभियुक्त नीटू पुत्र सुभी निवासी चंदेना थाना देवबंद को अपहरण कर दुष्कर्म करने का दोषी करार ‌देते हुए 10 साल के सश्रम कारावास और 25 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है.
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