मुजफ्फरनगर: जिले में कोरोना संक्रमित की होम आइसोलेशन में मौत हो गई. उसका शव घंटों घर में ही पड़ा रहा. पड़ोसी तो दूर की बात है उसकी पत्नी और बेटा भी इस प्रयास में लग गए कि उन्हें अंतिम संस्कार करने श्मशान घाट तक न जाना पड़े. परिजनों ने कहा कि किसी प्रकार जिला प्रशासन की टीम व्यक्ति का अंतिम संस्कार कर दें. भले ही इसके लिए वह अपनी फीस ले लें.
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पुत्र ने किया अंतिम संस्कार से मना
मुजफ्फरनगर के वार्ड नंबर-2 के मोहल्ला धर्मपुरी में किराए पर रह रहे एक व्यक्ति की बुधवार सुबह कोरोना संक्रमण से मौत हो गई. मंगलवार को ही वह कोरोना पॉजिटिव आया था और होम आइसोलेशन में था. उसका शव घर में पड़ा रहा लेकिन कोई सुध लेने नहीं आया. सूचना पर पालिका सभासद के पति लक्ष्मण सिंह मामले की जानकारी लेने पहुंचे. मृतक की पत्नी ने बताया कि उनका शहर में कोई जाने वाला नहीं है. इस पर लक्ष्मण सिंह ने मोहल्ले के लोगों को बुलाने का प्रयास किया, लेकिन कोई नहीं आया. करीब दो घंटे तक लक्ष्मण सिंह ने अधिकारियों को फोन मिलाया लेकिन वो इसको भी टालते रहे. सभासद के पति के प्रयासों से एडीएम प्रशासन अमित सिंह ने एक टीम शव को रिकवर करने भेजा. आलम यह था कि जब टीम पहुंची तो मृतक की पत्नी और पुत्र ने उनसे अनुरोध किया कि वही लोग शव को श्मशान घाट ले जाकर के अंतिम संस्कार भी कर दें. इसके लिए वह चाहे तो फीस ले लें. इस पर टीम के सदस्य भड़क उठे और साफ मना कर दिया. बाद में मृतक का पुत्र पीपीई किट पहनकर टीम के साथ गया और नईमंडी श्मशान घाट पर पिता का अंतिम संस्कार किया.