मुजफ्फरनगर: जिले के रामपुर तिराहा चौराहे पर बने भारतीय किसान यूनियन के जिला कार्यालय पर सैंकड़ों महिला कार्यकर्ताओं ने भाकियू के जिलाध्यक्ष और कार्यकर्ताओं पर दर्ज मुकदमों और लाठीचार्ज किए जाने के विरोध में हाथों में लाठी डंडे लेकर पुलिस के विरोध में जमकर नारे लगाए. महिलाओं ने प्रदर्शन करते हुए पुलिस के खिलाफ जो ना माने झंडे से वो मानेगा डंडे से नारे लगते हुए जमकर प्रदर्शन किया. महिला कार्यकर्ताओं ने भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं पर दर्ज मुकदमो को वापस लिए जाने की मांग की है.
मुजफ्फरनगर के सदर कोतवाली क्षेत्र के रोहना गांव में नौ स्थित टोल प्लाजा पर भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष बलराम और पांच कार्यकर्ताओं द्धारा टोल के पैसो को लेकर हुए विवाद में पुलिस द्धारा जिलाध्यक्ष समेत छह लोगों पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की थी, जिसके चलते भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष योगेश प्रताप सिंह ने जिला कार्यालय पंहुचकर भाकियू के हजारों कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए पुलिस के विरोध में धरना प्रदर्शन किया था. इसी धरना प्रदर्शन में भाकियू की सैंकड़ों महिलाएं हाथों में लाठी-डंडे लेकर पंहुच गई.
भारतीय किसान यूनियन की कार्यकर्ता फराह ठाकुर का कहना है की "पुलिस ने हमारे भाई बलराम सिंह के साथ टोल प्लाजा पर बदतमीजी की है. हमारे भाई पर मुकदमा दर्ज कर दिया गया और हाथों में हथकड़ी लगाकर पुलिस उसे ले गई, जिसके विरोध में हम बहने अपने भाइयों की ढाल बन चुकी है." आक्रोशित महिलाओं ने सदर कोतवाली के इंस्पेक्टर अनिल कप्परवान को निलंबित किए जाने की मांग के साथ मुक़दमा वापस लिए जाने की भी मांग की है. महिला कार्यकर्ताओं ने जिला प्रसाशन और टोल प्लाजा पर आरोप लगाते हुए कहा की टोल प्लाजा पर मंत्रियो और नेताओ से टोल नहीं वसूला जाता है, जबकि किसानो से टोल वसूला जाता है. हमारी यह मांग है की पुरे देश में किसानो से टोल वसूलना बंद होना चाहिए.
भारतीय किसान यूनियन की राष्ट्रीय सचिव ठाकुर मनीषा राणा ने कहा की किसानों के साथ अन्याय हो रहा है. सरकार ने किसानों को बैकफुट पर लाकर खड़ा कर दिया है. हर जगह शासन-प्रशासन की गुंडागर्दी चल रही है. हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसान को अन्नदाता कहते हैं और उनके साथ क्या कर रहे हैं. सरकार ने कृषि बिल पास कर किसानों की दुर्गति का रास्ता तय कर दिया है