मुजफ्फरनगरः जिले में एक बुजुर्ग की एकाएक आंखों की रोशनी चली गई. बुजुर्ग ने पांच दिन पहले कोविशील्ड वैक्सीन की दूसरी डोज ली थी. अब पीड़ित परिवार कोरोना संक्रमण की वजह से अस्पतालों के चक्कर काट रहा है. वहीं इस मामले में डॉक्टर का कहना है कि बुजुर्ग के आंखों की रोशनी वैक्सीन की वजह से नहीं गई है. बल्कि उनकी आंखों में काला मोतिया होने की वजह से आंखों की रोशनी कम हुई थी.
ये है पूरा मामला
दरअसल मामला थाना ककरौली क्षेत्र के गांव भुआपुर का है. यहां के पूरणचंद पुत्र दलेल की उम्र 65 साल है, जो पिछले एक महीने से अपनी आंखों की रोशनी वापस लाने के लिए हॉस्पिटल के चक्कर काट रहे हैं. परिजनों के अनुसार पूरणचंद ने कोविड़ का पहला टीका 12 मार्च को लगवाया था. जिनके बाद सबकुछ ठीक चल रहा था. लेकिन 20 अप्रैल को उनके पिता पूरणचंद ने जब कोविडशील्ड का दूसरा टीका लगवाया तो करीब 5 दिन बाद ही पूरणचंद की आंखों की रोशनी चली गयी. उसके बाद परिजन उसे लेकर हॉस्पिटल के चक्कर काट रहे हैं. लेकिन कोरोना के चलते इसका इलाज नहीं हो सका. मगर गुरुवार को फिर पूरणचंद के परिजन उसे लेकर प्राथमिक स्वाथ्य केंद्र मोरना पहुंचे. जंहा डॉक्टरों ने उसे मेरठ मेडिकल के लिए रेफर कर दिया. इस मामले में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मोरना के प्रभारी डॉक्टर अर्जुन सिंह ने बताया कि इस व्यक्ति को वैक्सीन लगी थी, आज इसका परीक्षण किया गया है. इनकी आंखों में काला मोतिया है. जिस वजह से आंखों की रोशनी कम हुई है. डॉक्टर अर्जुन सिंह का साफ तौर पर कहना है कि अगर वैक्सीन की वजह से इनकी रोशनी कम होती तो पहला टीका लगने से भी हो सकती थी. लेकिन इनको दूसरा टीका भी लग गया. अब डॉक्टरों ने पूरण चंद को मेरठ के लिए रेफर कर दिया है.
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