मुजफ्फरनगर: रेलवे रोड पर नटराज बिल्डिंग में चल रहे डा. सुभाष बालियान के एमआरआई सेंटर को प्रशासन ने सील कर दिया गया है. यह कार्रवाई एक पत्रकार की पत्नी की फर्जी रिपोर्ट बनाने की शिकायत के बाद की गई है. जिलाधिकारी के निर्देशन में स्वास्थ्य विभाग व प्रशासनिक अधिकारियों की टीम ने सेंटर पर छापेमारी की. कई घंटे की जांच में पाया गया कि सेंटर रजिस्टर्ड नहीं है, जिसके बाद उसे सील कर दिया गया. वहीं कार्रवाई के दौरान चिकित्सकों ने जांच कर रही टीम पर दबाव बनाने की कोशिश के साथ धमकी भी दी.
बता दें कि रेलवे रोड स्थित नटराज बिल्डिंग में डा. सुभाष बालियान सिटी स्केन व एमआरआई सेंटर चला रहे थे. इस सेंटर में सालों से फर्जी रिपोर्ट बनाने का खेल चल रहा था. इसको लेकर सेंटर पर पहले भी कई बार हंगामा हो चुका है. शनिवार को मान्यता प्राप्त पत्रकार मिर्जा गुलजार बेग की पत्नी शीजा खानम की रिपोर्ट फर्जी मिलने के बाद हंगामा हो गया. इस इस रिपोर्ट के मुताबिक शीजा खानम का गर्भाशय व दाईं ओवरी नार्मल थी, जबकि शीजा खानम की ओवरी दो साल पहले ही आपरेशन कर निकाल दी गई थी. इस रिपोर्ट को गलत बताते हुए जब पीड़ित ने इसका विरोध किया तो सेंटर पर उसके साथ दुर्व्यवहार हुआ और उसका मोबाइल छीन लिया गया. उस दौरान पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पीड़ित का मोबाइल वापस दिलवाया था.
इस घटना के बाद मीडिया जगत में रोष फैल गया और फर्जी एमआरआई सेंटर को बंद कराने के लिए सभी पत्रकार लामबंद हो गए. सोमवार को पत्रकारों ने इस मामले को लेकर जिलाधिकारी व एसएसपी को एक ज्ञापन दिया था. जिलाधिकारी ने मामले का संज्ञान लेते हुए फौरन सिटी मजिस्ट्रेट अनूप श्रीवास्तव व अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. प्रशान्त कुमार के नेतृत्व में एक टीम गठित कर जांच के आदेश दिए. इसके बाद मंगलवार को टीम रेलवे रोड स्थित नटराज होटल में चले रहे सेंटर पर पहुंची और सभी रिकार्ड खंगालने शुरू कर दिए. इस दौरान पाया गया कि डा. सुभाष बालियान का एमआरआई सेंटर रजिस्टर्ड नहीं है और अनाधिकृत रूप संचालित किया जा रहा है. इस पर कार्रवाई करते हुए जांच टीम की तरफ से सेंटर सील कर दिया गया.
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जानकारी के मुताबिक इस सेंटर पर जब कोई मरीज सिटी स्कैन व एमआरआई के लिए जाता है, तो हॉस्पिटल स्टाफ मरीज से उसका पुराना अल्ट्रासाउंड व रिपोर्ट मांगते हैं. इसी रिपोर्ट के आधार पर मरीज को फर्जी रिपोर्ट बनाकर दे दी जाती थी. इसके चलते सही परिणाम सामने नहीं आ पाते थे. शीजा खानम वाले प्रकरण में भी हॉस्पिटल स्टाफ की तरफ से पुरानी रिपोर्ट मांगी गई थी. जिसके बाद शीजा ने उनके पास मौजूद ऑपरेशन से पहले की रिपोर्ट दे दी थी. इसी रिपोर्ट के आधार पर सेंटर ने नई रिपोर्ट तैयार कर दी. लेकिन वो यह चेक नहीं कर पाए कि जिस ओवरी को वह सही दर्शा रहे हैं, वह ओवरी मौजूद ही नहीं हैं.
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