मुजफ्फरनगर : नगरपालिका पर बिजली बिल का 225 करोड़ रुपये बकाया है. जिसके भुगतान के लिए बिजली विभाग के नगरीय वितरण खंड प्रथम के ने एक पत्र लिखकर नगरपालिका प्रशासन के साथ-साथ जिलाधिकारी से लेकर जिले के अन्य बड़े अधिकारियों को सूचित किया है.
जानकारी के मुताबिक नगरपालिका ने बिजली विभाग के नगरीय वितरण खंड प्रथम के खिलाफ 12 करोड़ रुपए की आरसी जारी की है. नगरपालिका ने 12 करोड़ की ये आरसी बिजली विभाग के कार्यालयों पर हॉउस टैक्स के नाम से जारी की है. जिसके बाद बिजली विभाग भी हरकत में आया और उसने भी आनन-फानन में दबी हुई फाइलों को खगालतें हुए 225 करोड़ का बिजली का बिल बकाया बताते हुए नगरपालिका को इसका भुगतान करने के लिए बाकायदा एक पत्र लिखा दिया.
बताया जा रहा है कि नगरपालिका पर बकाया 225 करोड़ का ये भारी भरकम बिजली बिल शहर की स्ट्रीट लाइटों, पानी के ट्यूबवेल, नगरपालिका कार्यालय और नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी के निवास का है. सूत्रों के मुताबिक नगरपालिका कार्यालय पर लगभग 1 करोड़ 82 लाख का बिजली बिल बकाया है, जबकि नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी के निवास का 5 लाख का बिजली बिल कराया है. बाकी बिजली बिल शहर की स्ट्रीट लाइटों और पानी के ट्यूबवेल पर बकाया है.
नगरपालिका पर बकाया 225 करोड़ के बिल के बारे बिजली विभाग के नगरीय वितरण खंड प्रथम के अधीक्षण अभियंता बीके मिश्रा ने बताया कि नगरपालिका ने हमारे डिवीजन को 12 करोड़ की आरसी जारी की है, जिसके बाद बिजली विभाग ने 225 करोड़ का बकाया बिल जमा करने के लिए उन्हें पत्र लिखा है.
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बहराल नगरपालिका पर बकाया बिजली विभाग के 225 करोड़ के बिल का ये झमेला आज नहीं तो कल निमट ही जायेगा, क्योंकि इसके लिए नगरपालिका के पास सरकारी फंड आता है, लेकिन जरा सोचकर देखिये नगरपालिका पर 225 करोड़ का बिजली का बिल बकाया है और तब भी इनके घर कार्यालय सब रोशन है, लेकिन अगर आम आदमी पर 5 हजार रुपये से ज्यादा का घरेलू बिजली का बिल हो जाता है, तो उसका कनेक्शन तक कटने की नौबत तक आ जाती. उधर, इस पूरे मामले पर नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी हेमराज सिंह का कहना है बिजली विभाग झूठ बोल रहा है, नगरपालिका पर बिजली विभा करोड़ों का कोई भी बि भुगतान बिजली विभाग का नहीं है.