चंदौली: प्रदेश में गरीब बेटियों के हाथ पीले करने के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना संचालित की जा रही है. लेकिन इसके लाभार्थी चयन पर बड़े पैमाने पर लापरवाही बरती जा रही है. आलम यह है कि इस अतिमहत्वाकांक्षी योजना के तहत लाभार्थियों के चयन में तय मानकों और नियमावली की खुलेआम अनदेखी हो रही है. इसका खुलासा तब हुआ जब एक लाभार्थी की पहली पत्नी शहाबगंज ब्लॉक मुख्यालय पहुंचकर बीडीओ से लिखित शिकायत दी.
जानकारी के मुताबिक विवाहिता ने बीडीओ को दिए शिकायती प्रार्थना-पत्र के जरिये शिकायत दर्ज कराई कि उसकी शादी मूसाखांड निवासी लक्ष्मण के साथ वर्ष 2020 में हुई थी. बावजूद इसके पति लक्ष्मण ने 17 जून को शहाबगंज ब्लाक मुख्यालय पर आयोजित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में फिर से शादी कर ली. विवाहिता ने यह भी बताया कि उसके पति ने जिसके साथ सामूहिक विवाह में दूसरी शादी रचाई, वह लड़की नाबालिग है.
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पीड़िता ने मामले की जांच कर मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना लाभार्थियो को दिए जाने वाले अनुदान राशि का लाभ गलत तरीके से लेने और सरकारी धन को फर्जी ढंग से भुगतान कराने के मामले में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है. विवाहिता की शिकायत से जहां बीडीओ दिनेश सिंह के होश उड़ गए. वहीं, जिम्मेदार ब्लाक कर्मियों में हड़कंप मच गया. फिलहाल इस प्रकरण में जिम्मेदार कुछ भी स्पष्ट कहने की स्थिति में नजर नहीं आए. बीडीओ दिनेश सिंह ने कहा कि प्रार्थना पत्र मिला है. जांच कराकर उचित कार्रवाई की जाएगी.
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