चंदौली : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रमुख पार्टियों के अलावा छोटी पार्टियां भी सक्रिय हो गई हैं. यहीं नहीं गरीबों, दलितों, पिछड़ों के हक्क की आवाज बुलंद करते हुए बड़ी पार्टियों से मुकाबले की रणनीति तैयार कर रही हैं. इसी क्रम में जय भारत समानता पार्टी के महागठबंधन की महासभा का आयोजन किया गया. इस दौरान विधानसभा चुनाव 2022 में मजबूती के साथ लड़ने का आह्वान किया. इस महागठबंधन में 40 दल शामिल हैं.
इस दौरान हरियाणा के पूर्व सांसद राजकुमार सैनी ने बतौर मुख्य अतिथि महागठबंधन के उद्देश्यों व पिछड़ों के साथ-साथ दलित व शोषित वर्ग को उचित राजनीतिक भागीदारी देने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि महागठबंधन पिछड़ों को राजनीतिक गुलाम नहीं, बल्कि उसका उचित भागीदार बनाना चाहता है. इसे लेकर पिछड़ों को मुखर होना होगा. कहा कि हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में अन्य पिछड़ा वर्ग का एक भी जज नहीं होना आरक्षण व्यवस्था पर सवाल है. भाजपा सरकार पिछड़ों का हमदर्द होने का मुखौटा ओढ़े हुए है. हाल ही में सरकार ने नीट में ओबीसी का आरक्षण समाप्त करके पिछड़ों को धोखा दिया है.
इसके अलावा विभिन्न राजनीतिक दलों के पिछड़े व दलित समाज के नेता, मंत्री व विधायक अपने समाज की बातें व उनके प्रतिनिधित्व को उचित स्थान नहीं दे पाते. यही नहीं, जो ऐसा करने का प्रयास करते हैं, उनको राजनीति की मुख्य धारा से पृथक कर दिया जाता है.
वहीं व्यवस्था परिवर्तन के संयोजक हेमंत कुशवाहा ने कहा कि महागठबंधन को वोट की ताकत से मजबूत बनाएं. सत्ता में आने के बाद सभी जातियों को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा. पांच साल में पांच मुख्यमंत्री व पांच उपमुख्यमंत्री के बंदोबश्त के साथ ही सभी जातियों को भागीदारी दी जाएगी, ताकि कोई भी वर्ग अपने आप को उपेक्षित महसूस न करे.
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आयोजित सभा में इंडियन नेशनल लीग के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद सुलेमान समेत अन्य पार्टियों के नेता चंद्रभान पटेल, आईपी कुशवाहा, साहब सिंह धनगर, हरिशंकर सफरी, सुरेन्द्र कुशवाहा, देशरण यादव, सुनील कुशवाहा, नरेश उत्तम, सुरेश पाल समेत अन्य लोग उपस्थित रहे.