चंदौली: मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री और स्थानीय सांसद महेंद्र नाथ पांडेय उस वक्त असहज हो गए, जब किसानों ने उनका घेराव कर लिया. किसान धान खरीद में अनिमितता पर नाराजगी जता रहे थे. मंत्री के सामने किसानों ने धमकी देते हुए रातों रात हरियाणा और पंजाब के किसानों की तरह हाइवे जाम करने की बात कही.
इस दौरान किसानों ने प्रशासन पर बिचौलियों के मदद का आरोप भी लगाया. इसे लेकर एक वीडियो भी वायरल हुआ है. इस वीडियो में साफ सुना जा सकता है कि किस तरह सिस्टम की खामियों को बयां करते हुए लाचार किसान धमकी तक पहुंच गया.
इसी बीच बीच-बचाव करने गए डीएम संजीव सिंह को भी किसानों ने नहीं छोड़ा. कहा कि उनकी सालभर की कमाई मंडी से लेकर क्रय केंद्रों तक फेंकी पड़ी है लेकिन शासन-प्रशासन इसका मजाक बना रहा है. हालांकि बाद में महेंद्र नाथ पांडेय ने किसानों की बात सुनने के बाद सोमवार तक मामले के निस्तारण की बात कही है.
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दरअसल, धान ख़रीद में हीलाहवाली को लेकर किसान आक्रोशित थे. इसी बीच शासन की तरफ जारी ऑनलाइन टोकन के नए फरमान ने किसानों के सामने एक नई समस्या खड़ी कर दी. इससे परेशान किसानों ने अपना आपा खो दिया. ओवरब्रिज निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने पहुंचे केंद्रीय मंत्री का घेराव कर अपना विरोध जताया.
इस दौरान किसानों ने प्रशासनिक अधिकारियों को जमकर खरी खोटी सुनाई. खास बात यह है कि किसानों की समस्या पर महेंद्र पांडेय और जिलाधिकारी के पास कोई जवाब नहीं था.
बता दें कि शुक्रवार को योगी सरकार ने सभी धान क्रय केंद्रों पर बिक्री के लिए ऑनलाइन टोकन अनिवार्य कर दिया. वहीं, पुराने ऑफलाइन टोकन को रद्द मान लिया गया. इसके बाद प्रदेश भर के किसानों ने सरकार की साइट पर जाकर जद्दोजहद में जुट गए. सर्वर पर अचानक पड़े बोझ के चलते सर्वर भी धड़ाम हो गया. किसान हांफते नजर आए.