चंदौली : नौनिहालों का भविष्य संवारने के लिए सरकार भले ही तमाम कोशिशें कर रही हो, लेकिन सरकारी परिषदीय स्कूलों के जिम्मेंदार अधिकारी/कर्मचारी सरकारी की योजनाओं पर बट्टा लगाने का काम कर रहे हैं. दरअसल, चंदौली जिले के कई स्कूलों में लापरवाही और अव्यवस्थाओं का मामला सामने आया है.
चंदौली जिले के शहाबगंज ब्लॉक में स्थित परिषदीय विद्यालय में अध्यापकों के देरी से आने से आने की बात सामने आई. आरोप है कि विद्यालय में 9 बजे के बाद भी शिक्षक नहीं आते हैं. इसी कड़ी में जिले के शहाबगंज ब्लॉक के कम्पोजिट विद्यालय उदयपुरा में स्कूली बच्चे साफ-सफाई करते हुए दिखाई दे रहे हैं.
आरोप है कि स्कूली बच्चे स्कूल में आने के बाद स्वयं झाड़ू लगाते हैं उसके बाद पढ़ाई करते हैं. ऐसा ही एक मामला नियामताबाद ब्लॉक के चौरहट गांव में बने स्कूल का है, जहां बच्चों को भरपूर मिड डे मील नहीं मिल रहा है. इसके अलावा शहाबगंज ब्लॉक के ही एक अन्य परिषदीय विद्यालय का मामला सामने आया है.
शहाबगंज ब्लॉक के स्कूल में मिड डे मील के तहत बच्चों को मिलने वाले दूध को खुद स्टाफ के लोग डकार रहे हैं. स्टाफ के लोग सप्ताह में एक दिन बच्चों को मिलने वाले दूध की चाय बनाकर खुद पी रहे हैं. जिले के शहाबगंज ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय भुड़कुड़ा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें स्कूली छात्राएं आलू छीलते हुए दिखाई दे रहीं हैं. वायरल वीडियो में आलू छील रहीं छात्राएं बता रहीं हैं कि उन्हें स्कूल की अध्यापिका ने काम करने के लिए कहा है.
विद्यालय में अध्यापकों के देरी से आने के संबंध में जब बीएसए सत्येंद्र कुमार सिंह से बात की गई, तो उन्होंने जानकारी न होने की बात कही. वहीं स्कूल में बच्चों के काम करवाने के मामले में उन्होंने बताया कि इस संबंध में उन्होंने संबंधित खण्ड शिक्षा अधिकारी को जांच कराकर रिपोर्ट देने की बात कही है. शहाबगंज ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय भुड़कुड़ा में छात्राओं द्वारा रशोई में काम कराने के मामले में उन्होंने कहा कि एक रसोइया बीमार थी इसलिए बच्चे मदद कर रहे थे. उन्होंने कहा कि बच्चों से प्रतिदिन काम नहीं करवाया जाता है.