चंदौली: जिला पंचायत सदस्य पद के समर्थित उम्मीदवारों की सूची जारी होने के बाद ही सपा में विरोध के स्वर मुखर होने लगे. जहां टिकट को लेकर सहमति नहीं बनी, वहां भी पार्टी ने प्रत्याशी उतार दिए. जबकि सपा नेता राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के उन निर्देशों का हवाला दे रहे हैं, जिसमें कहा गया है कि जहां टिकट को लेकर सहमति नहीं बन रही वहां उम्मीदवार की घोषणा न की जाए. किसी को चुनाव लड़ने से न रोका जाए.
पूर्व विधायक उतरे अंजनी के समर्थन में
धानापुर ब्लॉक के सेक्टर तीन से वरिष्ठ सपा नेता और समाजसेवी अंजनी सिंह को टिकट भले नहीं मिला लेकिन, पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू का साथ जरूर मिल रहा है. पार्टी उम्मीदवार को दरकिनार कर पूर्व विधायक ने अपने पुराने साथी के साथ भव्य जुलूस निकाला और नामांकन में भी शामिल हुए. पूर्व विधायक का कहना है कि सपा जिलाध्यक्ष गलती कर गए. सहमति नहीं बनने पर सेक्टर तीन से किसी को उम्मीदवार घोषित नहीं करना चाहिए था. वहीं अंजनी सिंह का कहना है कि उनकी जीत पार्टी मुखिया अखिलेश यादव को समर्पित होगी. उन्होंने कहा मैं समाजवादी हूं और हमेशा रहूंगा.
सपा ने ठुकराया, बसपा ने थमाया
वहीं वरिष्ठ सपा नेता और तीन बार जिला पंचायत सदस्य रह चुके अशोक त्रिपाठी 'छोटू' भी पार्टी की उपेक्षा का शिकार हुए. चंदौली सेक्टर नंबर दो से टिकट मांग रहे थे. लेकिन टिकट नहीं मिला तो नामांकान वाले दिन ही राजनीतिक दांव खेलते हुए न सिर्फ बसपा में शामिल हो गए बल्कि पार्टी ने मौके को भुनाते हुए उन्हें अपना अधिकृत प्रत्याशी भी घोषित कर दिया. इस तरह बसपा प्रत्याशी के तौर पर पार्टी पदाधिकारियों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे और नामांकन पत्र दाखिल किया.
दो बागी प्रत्यासी का नामांकन 15 अप्रैल को
समाजवादी पार्टी में बगावती सुर यहीं नहीं थमे. सकलडीहा सेक्टर 3 से निवर्तमान सदस्य और पूर्व सांसद के भतीजे मुलायम यादव का टिकट काटकर अमित यादव को दिया गया है. जिसके बाद मुलायम यादव बागी प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में हैं. इसके अलावा नियामताबाद ब्लॉक के सेक्टर 5 से चंद्रशेखर यादव को प्रत्यासी घोषित किया गया. जिसके बाद बागी प्रत्यासी के तौर पर बीरेंद्र बिंद चुनाव मैदान में है.