चंदौली: पूर्व सपा विधायक मनोज सिंह डब्ल्यू के बोल एक कार्यक्रम में बिगड़ गए. मंच से भाजपा विधायक पर निशाना साधते हुए मनोज सिंह शब्दों की मर्यादा भूल गए. उन्होंने पिछले दिनों सैयदराजा विधायक सुशील सिंह द्वारा जिले का नाम बदले जाने के बयान पर मंच से कहा कि पहले अपने लड़के का नामकरण करें फिर दूसरे के बदलने की बात करें. जिस मेडिकल कॉलेज का वह क्रेडिट ले रहे हैं, वो किसी की बपौती नहीं, मनोज सिंह डब्लू की देन है.
हालांकि बाद में मनोज सिंह डब्ल्यू ने कहा कि उनका यह बयान जिले के विकास के संदर्भ में दिया गया है. पहले जिले में कोई नया काम लेकर आएं फिर उसका नामकरण करें. पूर्व विधायक मनोज धोबी कल्याण समिति की तरफ से आयोजित संत गाडगे के 147वें जन्मोत्सव में पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि संत गाडगे द्वारा देश और समाज के लिए किए गए कुर्बानियों को धोबी समाज कभी भुला नहीं जा सकता. सभी को एक साथ संगठित होकर संत गाडगे बाबा के विचारों पर चलना चाहिए. संत गाडगे सदाचार, नम्रता, त्याग व कर्मयोग की प्रतिमूर्ति थे.
उन्होंने आजीवन समाज के शोषित, वंचित तथा अन्याय अत्याचार से पीड़ित दीन-हीनों की आवाज उठाई. संत गाडगे शिक्षा समानता तथा नारी सम्मान के प्रबल पक्षधर थे. उनके जीवन का लक्ष्य समाजसेवा था. इस दौरान पूर्व विधायक मनोज सिंह ने अपने कार्यकाल में किए गए कार्यों का बखान करते हुए कहा कि जब वे विधायक थे तो सिंचाई मंत्री बनकर नहर बनवाने का काम किया. ऊर्जा मंत्री बनकर विद्युत उपकेंद्र बनवाने का काम किया. पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर बनकर तो सड़क बनवाने का काम और जिस मेडिकल कॉलेज के बनवाने का श्रेय विधायक जी ले रहे हैं वो किसी की बपौती नहीं बल्कि मनोज सिंह की देन.
मंच से संबोधन के दौरान मनोज यहीं नहीं रुके, उन्होंने पिछले दिनों सैयदराजा से भाजपा विधायक सुशील सिंह द्वारा चंदौली जनपद का नया नाम करने की बात का विरोध किया. कहा कि जनपद का जो नाम है, वही रहेगा. विधायक जी नामकरण करने की बात कह रहे हैं, तो पहले अपने बेटे का नामकरण करें फिर किसी दूसरे का नाम बदलने का प्रयास करें. इसके अलावा उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की जिस दिन सरकार बनेगी उस दिन संत गाडगे की प्रतिमा स्थापित की जाएगी और एक ऐसा स्थान चिह्नित कर एक भवन बनाया जाएगा. जिसमें उस समाज के लोग बैठकर विचार विमर्श कर सकेंगे.