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पीएम के कृषि कानून वापसी के ऐलान बाद सोशल मीडिया पर आई कमेंट की बाढ़ - repeal of farm laws

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान के बाद राजनीतिक पार्टियों के साथ ही आम नागरिकों ने भी खूब प्रतिक्रिया दी है. सोशल मीडिया पर लोगों ने प्रतिक्रियाएं दी हैं. सोशल मीडिया पर कमेंट की बाढ़ आ गई. लोग अपने ही अंदाज में इस बयान देते दिखे.

सोशल मीडिया आई कमेंट की बाढ़
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Published : Nov 19, 2021, 12:22 PM IST

Updated : Nov 19, 2021, 4:57 PM IST

चन्दौली: राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा के खास अवसर पर विवादित तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए यह कहना चाहता हूं कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी. उन्होंने कहा कि सरकार कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाई. संसद सत्र शुरू होते ही तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया शुरू कर देंगे. जिसके बाद सोशल मीडिया पर कमेंट की बाढ़ आ गई. लोग अपने ही अंदाज में इस बयान देते दिखे.



एक फेसबुक यूजर ने अपने वॉल पर पोस्ट करते हुए आगामी चुनावों में हार के डर से लिए गए फैसले के तौर पर लिखा की 'डर सबको लगता है, गला सबका सूखता है.

सोशल मीडिया आई कमेंट की बाढ़
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वहीं एक यूजर निरंजन मिश्र ने लिखा कि 'वीकेंड की नींद से जब जगा तो पता चला कि देश को आजादी मिल गई, किसानों के संघर्ष को सलाम. गोपाल गिरी ने फेसबुक पोस्ट कर लिखा कि 'चुनावी एलान ने आखिर राकेश टिकैत को लठैत बना दिया.'

सोशल मीडिया आई कमेंट की बाढ़
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वहीं प्रधानमंत्री मोदी के तीनों कृषि कानून वापसी के एलान के बाद फेसबुक यूजर अभिनव पांडेय ने किसान प्रोटेस्ट की तश्वीर साझा करते हुए लिखा है कि 'झुकती है दुनिया, झुकाने वाला चाहिए'

सोशल मीडिया आई कमेंट की बाढ़
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वहीं फेसबुक यूजर मनोज सिंह डब्लू ने कृषि कानून को काला कानून बताते हुए लिखा है कि 'आगामी 2022 में यूपी चुनाव और चुनावी नतीजों की वजह से मोदी सरकार का यू टर्न. खलिस्तानी और डकैत जीत गए.'

सोशल मीडिया आई कमेंट की बाढ़
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वहीं फेसबुक यूजर सद्दाम अली खान ने अपनी वाल पर पोस्ट करते हुए सवालिया लहजे में लिखा है कि कृषि कानून वापस लिए जाने एलान किया गया है. लेकिन यह फैसला किसानों के लिए लिया गया है या फिर वोटों के लिए.

सोशल मीडिया आई कमेंट की बाढ़
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वहीं मुकेश कुमार मौर्य ने सरकार पर तंज कसते हुए लिखा है कि 'आखिरकार ऊंट पहाड़ के नीचे आ ही गया.'

सोशल मीडिया आई कमेंट की बाढ़
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वहीं एक अन्य यूजर विनोद श्रीवास्तव ने कृषि कानून वापसी पर तंज कसते हुए फेसबुक वाल पर लिखा है कि 'पता नहीं ईश्वर ने सद्बुध्दि दी है या फिर हार का डर'

सोशल मीडिया आई कमेंट की बाढ़
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बहरहाल मोदी सरकार के तीनों कृषि कानून की वापसी के एलान के बाद सोशल मीडिया पर इससे जुड़े पोस्ट की बाढ़ आ गई, और ज्यादातर पोस्ट में इसे किसान आंदोलन की जीत करार दिया गया है.

हालांकि किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि अभी तत्काल आंदोलन वापस नहीं होगा. हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब संसद में कृषि कानून रद्द किया जाएगा. सरकार एमएसपी के साथ किसानों के अन्य मुद्दों पर भी बातचीत करें.

चन्दौली: राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा के खास अवसर पर विवादित तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए यह कहना चाहता हूं कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी. उन्होंने कहा कि सरकार कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाई. संसद सत्र शुरू होते ही तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया शुरू कर देंगे. जिसके बाद सोशल मीडिया पर कमेंट की बाढ़ आ गई. लोग अपने ही अंदाज में इस बयान देते दिखे.



एक फेसबुक यूजर ने अपने वॉल पर पोस्ट करते हुए आगामी चुनावों में हार के डर से लिए गए फैसले के तौर पर लिखा की 'डर सबको लगता है, गला सबका सूखता है.

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वहीं एक यूजर निरंजन मिश्र ने लिखा कि 'वीकेंड की नींद से जब जगा तो पता चला कि देश को आजादी मिल गई, किसानों के संघर्ष को सलाम. गोपाल गिरी ने फेसबुक पोस्ट कर लिखा कि 'चुनावी एलान ने आखिर राकेश टिकैत को लठैत बना दिया.'

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वहीं प्रधानमंत्री मोदी के तीनों कृषि कानून वापसी के एलान के बाद फेसबुक यूजर अभिनव पांडेय ने किसान प्रोटेस्ट की तश्वीर साझा करते हुए लिखा है कि 'झुकती है दुनिया, झुकाने वाला चाहिए'

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वहीं फेसबुक यूजर मनोज सिंह डब्लू ने कृषि कानून को काला कानून बताते हुए लिखा है कि 'आगामी 2022 में यूपी चुनाव और चुनावी नतीजों की वजह से मोदी सरकार का यू टर्न. खलिस्तानी और डकैत जीत गए.'

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वहीं फेसबुक यूजर सद्दाम अली खान ने अपनी वाल पर पोस्ट करते हुए सवालिया लहजे में लिखा है कि कृषि कानून वापस लिए जाने एलान किया गया है. लेकिन यह फैसला किसानों के लिए लिया गया है या फिर वोटों के लिए.

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वहीं मुकेश कुमार मौर्य ने सरकार पर तंज कसते हुए लिखा है कि 'आखिरकार ऊंट पहाड़ के नीचे आ ही गया.'

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वहीं एक अन्य यूजर विनोद श्रीवास्तव ने कृषि कानून वापसी पर तंज कसते हुए फेसबुक वाल पर लिखा है कि 'पता नहीं ईश्वर ने सद्बुध्दि दी है या फिर हार का डर'

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बहरहाल मोदी सरकार के तीनों कृषि कानून की वापसी के एलान के बाद सोशल मीडिया पर इससे जुड़े पोस्ट की बाढ़ आ गई, और ज्यादातर पोस्ट में इसे किसान आंदोलन की जीत करार दिया गया है.

हालांकि किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि अभी तत्काल आंदोलन वापस नहीं होगा. हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब संसद में कृषि कानून रद्द किया जाएगा. सरकार एमएसपी के साथ किसानों के अन्य मुद्दों पर भी बातचीत करें.

Last Updated : Nov 19, 2021, 4:57 PM IST
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