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रेलवे ने यात्रियों को दी राहत, रिफंड अवधि में किया विस्तार

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Published : Jan 7, 2021, 12:40 PM IST

रेलवे द्वारा रद्द की गई नियमित ट्रेनों के लिए जारी आरक्षित टिकटों के रिफंड नियमों में एक बार फिर यात्रियों को रियायत प्रदान की गई है. कोविड के चलते ट्रेन परिचालन के स्थगित होने की घोषणा के पूर्व नियमित ट्रेनों का आरक्षित यात्रा टिकट बुक करा चुके यात्रियों की सुविधा के लिए भारतीय रेल द्वारा टिकट वापसी नियमों में रियायत दी गई है.

रेलवे ने यात्रियों को दी राहत
रेलवे ने यात्रियों को दी राहत

चंदौली : रेलवे द्वारा रद्द की गई नियमित ट्रेनों के लिए जारी आरक्षित टिकटों के रिफंड नियमों में एक बार फिर यात्रियों को रियायत प्रदान की गई है. कोविड के चलते ट्रेन परिचालन के स्थगित होने की घोषणा के पूर्व नियमित ट्रेनों का आरक्षित यात्रा टिकट बुक करा चुके यात्रियों की सुविधा के लिए भारतीय रेल द्वारा टिकट वापसी नियमों में रियायत दी गई है. यात्रा की तारीख से अगले 06 महीने तक फुल रिफंड प्राप्त करने की सुविधा प्रदान की गई थी. इसी कड़ी में 21 मार्च, 2020 से 31 जुलाई, 2020 तक की यात्रा अवधि वाले आरक्षित टिकट के फुल रिफंड हेतु टिकट वापसी नियमों में रियायत की समय-सीमा में 03 माह की वृद्धि की गई है.

ई-टिकट मामलों में स्वतः रिफंड

अब तक पीआरएस काउंटर के मामले में फुल रिफंड नहीं ले पाने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए फुल रिफंड हेतु टिकट वापसी नियम में रियायत की समय-सीमा यात्रा तिथि से पूर्व के 06 माह से बढ़ाकर 09 माह कर दी गई है. फुल रिफंड के लिए रियायत की समय-सीमा में वृद्धि का लाभ पीआरएस काउंटर द्वारा 21 मार्च से 31 मार्च 2020 तक की यात्रा अवधि (Journey Period) के लिए जारी आरक्षित टिकटों पर लागू होगा. जबकि ई-टिकट के मामलों में स्वतः रिफंड (Auto refund) की व्यवस्था है.

आईआरसीटीसी की वेबसाइट और 139 द्वारा टिकटों का निरस्तीकरण

पीआरएस काउंटर द्वारा जारी आरक्षित टिकट को 139 के माध्यम से अथवा आईआरसीटीसी की वेबसाइट द्वारा भी रद्द करने का प्रावधान है. ऐसे मामलों में टिकट रद्द करवाने के बाद आवश्यक सूचना उपलब्ध कराते हुए यात्रा तिथि से 09 माह के भीतर किसी भी पीआरएस काउंटर से रिफण्ड प्राप्त किया जा सकता है.

मूल टिकट जमा कर लें रिफंड

यात्रा तिथि से 06 माह की समाप्ति के बाद धन वापसी के लिए मुख्य दावा अधिकारी (रिफंड) अथवा मुख्य वाणिज्य प्रबंधक/रिफंड के समक्ष टीडीआर/आवेदन के साथ पीआरएस काउंटर द्वारा जारी मूल टिकट जमा करने वाले यात्री भी फुल रिफंड प्राप्त कर सकते हैं.

चंदौली : रेलवे द्वारा रद्द की गई नियमित ट्रेनों के लिए जारी आरक्षित टिकटों के रिफंड नियमों में एक बार फिर यात्रियों को रियायत प्रदान की गई है. कोविड के चलते ट्रेन परिचालन के स्थगित होने की घोषणा के पूर्व नियमित ट्रेनों का आरक्षित यात्रा टिकट बुक करा चुके यात्रियों की सुविधा के लिए भारतीय रेल द्वारा टिकट वापसी नियमों में रियायत दी गई है. यात्रा की तारीख से अगले 06 महीने तक फुल रिफंड प्राप्त करने की सुविधा प्रदान की गई थी. इसी कड़ी में 21 मार्च, 2020 से 31 जुलाई, 2020 तक की यात्रा अवधि वाले आरक्षित टिकट के फुल रिफंड हेतु टिकट वापसी नियमों में रियायत की समय-सीमा में 03 माह की वृद्धि की गई है.

ई-टिकट मामलों में स्वतः रिफंड

अब तक पीआरएस काउंटर के मामले में फुल रिफंड नहीं ले पाने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए फुल रिफंड हेतु टिकट वापसी नियम में रियायत की समय-सीमा यात्रा तिथि से पूर्व के 06 माह से बढ़ाकर 09 माह कर दी गई है. फुल रिफंड के लिए रियायत की समय-सीमा में वृद्धि का लाभ पीआरएस काउंटर द्वारा 21 मार्च से 31 मार्च 2020 तक की यात्रा अवधि (Journey Period) के लिए जारी आरक्षित टिकटों पर लागू होगा. जबकि ई-टिकट के मामलों में स्वतः रिफंड (Auto refund) की व्यवस्था है.

आईआरसीटीसी की वेबसाइट और 139 द्वारा टिकटों का निरस्तीकरण

पीआरएस काउंटर द्वारा जारी आरक्षित टिकट को 139 के माध्यम से अथवा आईआरसीटीसी की वेबसाइट द्वारा भी रद्द करने का प्रावधान है. ऐसे मामलों में टिकट रद्द करवाने के बाद आवश्यक सूचना उपलब्ध कराते हुए यात्रा तिथि से 09 माह के भीतर किसी भी पीआरएस काउंटर से रिफण्ड प्राप्त किया जा सकता है.

मूल टिकट जमा कर लें रिफंड

यात्रा तिथि से 06 माह की समाप्ति के बाद धन वापसी के लिए मुख्य दावा अधिकारी (रिफंड) अथवा मुख्य वाणिज्य प्रबंधक/रिफंड के समक्ष टीडीआर/आवेदन के साथ पीआरएस काउंटर द्वारा जारी मूल टिकट जमा करने वाले यात्री भी फुल रिफंड प्राप्त कर सकते हैं.

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