चंदौली: आगामी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) के मद्देनजर चल रहे मतदाता पुनरीक्षण के विशेष तिथि को एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. मुख्य विपक्षी दल सपा के जिलाध्यक्ष सत्यनारायण राजभर (SP District President Satyanarayan Rajbhar) ने फेसबुक पर पोस्ट कर चंदौली के राजनीति में सनसनी फैला दी. उन्होंने जनपद के मुगलसराय विधानसभा (Mughalsarai Assembly) के कुछ बूथों पर मुगलसराय कोतवाली (Mughalsarai Kotwali) में तैनात दीवान राजकुमार तिवारी (Diwan Rajkumar Tiwari) पर जातिगत आधार पर नए मतदाताओं का नाम जोड़ने व हटाने के आंकड़े जमा करने जैसा गंभीर आरोप लगाए हैं. ईटीवी से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले में निर्वाचन आयोग को शिकायती पत्र लिखेंगे.
सपा जिलाध्यक्ष सत्यनारायण राजभर ने आरोप लगाया कि मुगलसराय कोतवाली पर तैनात दीवान राजकुमार तिवारी ने यह कृत्य बावर्दी किया यानी वह जिस वक्त इस तरह के कृत्य को अंजाम दे रहे थे वे ड्यूटी पर थे. यदि सपा जिलाध्यक्ष के आरोप में दम है तो यह लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा है और एक गंभीर विषय भी.
यदि निष्पक्ष तरीके व लोभरहित रहकर राष्ट्र को संप्रभु बनाए रखने की कसम खाने वाले सरकारी सेवक किसी पार्टी अथवा नेता विशेष के लिए ऐसे कार्य को अंजाम देंगे तो चुनाव की निष्पक्षता को बचा पाना मुश्किल हो जाएगा. फिलहाल उन्होंने चंदौली के पुलिस महकमे से कुछ सवाल किए हैं और उक्त दीवान के बूथ पर किए गए कृत्य के संबंध में सरकारी दस्तावेज तलब किए हैं.
मसलन यह मामला इसलिए इतना महत्वपूर्ण हो जाता है कि हाल फिलहाल में जाति आधारित जनगणना की मांग देश की बहुसंख्यक जातियां कर रही हैं. बावजूद इसके इस पुरजोर मांग को सरकार लगातार अपने मौन से खारिज करती आई है. जानकारों का ऐसा मानना है कि यदि जनगणना हुई और जाति आंकड़े सार्वजनिक पटल पर आई तो उन जातियों की जनसंख्या के सापेक्ष भागीदारी के लिए आवाजें उठेंगी, जो सरकारें देना नहीं चाहती हैं.
वहीं, दूसरी ओर चुनावों में इन्हीं आंकड़ों की अहमियत बढ़ जाती है. हर दल के नेता जो जहां से चुनाव लड़ता है किसी निजी एजेंसी या अपने खुद के कराए हुए सर्वे के आंकड़ों के आधार पर अपनी चुनावी रणनीति तैयार करता है. आज भी यही जाति आधारित आंकड़ें जीत-हार को तय करते हैं. यही वजह है कि देश की बहुसंख्यक जातियां आज अपने आप को राजनीतिक, सामाजिक व आर्थिक मोर्चे पर पिछड़ा व उपेक्षित महसूस कर रही है.
इन जातियों की सोच है कि उन्हें उनकी जनसंख्या के सापेक्ष राजनीति, शिक्षा व नौकरी में उचित प्रतिनिधित्व व भागीदारी मिलनी चाहिए. शायद इसी का परिणाम है कि आज पूरे देश में जाति आधारित जनगणना की मांग जोर पकड़े हुए हैं.
ऐसे में शनिवार को विशेष मतदाता पुनरीक्षण तिथि पर चंदौली के मुगलसराय विधानसभा क्षेत्र के बूथ संख्या 94 से 98 के अलावा 107 से 109 समेत कई बूथों पर मुगलसराय कोतवाली में तैनात दीवान राजकुमार तिवारी को नाम जोड़ने-काटने आदि का विवरण जातिगत आधार पर जमा करते हुए पाया गया.
यह जानकारी जब बजरिये बूथ कार्यकर्ता सपा जिलाध्यक्ष सत्य नारायण राजभर तक पहुंची तो उन्होंने फेसबुक के जरिए जिला निर्वाचन कार्यालय चंदौली से सवाल किए और पूछा कि किस आदेश के तहत दीवान राजकुमार बावर्दी उक्त बूथों पर जातिगत आंकड़े जमा कर रहे थे.
यहीं नहीं उन्होंने इस प्रकरण को निर्वाचन आयोग के यूपी कार्यालय के समक्ष रखने की भी बात कही है. इस बात को लेकर बूथों पर सक्रिय सपा अब पहले से ज्यादा सक्रिय भूमिका में दिखेगी, ताकि बूथों पर वोट के जोड़-घटाव की प्रक्रिया में कोई किसी तरह की सेंधमारी न करने पाए.
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