चंदौलीः उत्तराखंड जल प्रलय (uttarakhand jal pralay) में चमोली में तबाही मची है. इसका असर देश के अलग-अलग हिस्सों में भी देखने को मिल रहा है. इस हादसे के बाद से ही चंदौली जिले के पंकज पांडेय लापता हैं. पंकज के लापता होने की जानकारी मिलने के बाद परिजनों में कोहराम मच गया. पंकज के भाई राहुल पांडेय समेत परिवार के अन्य लोग उत्तराखंड के चमोली रवाना हो गए हैं.
मां के नहीं थम रहे आसूं
चमोली हादसे में लापता पंकज के घर पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. उनकी मां और परिवार के अन्य लोग पंकज की सलामती की दुआ के साथ ही रोते बिलखते रहते हैं. ईटीवी से बात करते हुए पंकज की मां की आंखों के आंसू रुक नहीं रहे थे. उन्होंने बताया कि 4 दिन पहले बात हुई थी. तब सब कुछ ठीक था. पंकज भी काफी खुश थे.
6 माह पहले बने थे पिता
उनकी मां ने बताया कि पंकज करीब 6 महीने पहले पिता बने थे. तब पंकज घर भी आए थे. इसके बाद छुट्टियां बिताकर हंसी खुशी वापस लौटे थे. घटना के दिन भी एक घण्टे घर पर बात हुई थी. घटना के बाद सबकुछ तबाह हो गया. फोन पर पंकज ने बताया था कि सुरंग में काम चल है, काम करने वाले मजदूरों को सैलरी देने वहां पहुंचे थे. तभी अचानक हुए हादसे के बाद सभी लोग लापता हो गए.
4 साल से हैं एनटीपीसी में कार्यरत
पंकज पांडेय शहाबगंज के केरायगांव निवासी हैं. पिछले चार सालों से चमोली में ही एनटीपीसी में सुपरवाइजर के पद कार्यरत हैं. उनके चाचा का कहना है कि 3 साल पहले पिता की मौत के बाद घर की सारी जिम्मेदारी उन्ही पर है. पंकज के लापता होने से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है.
दो साल पहले ही हुई थी शादी
चमोली हादसे में लापता पंकज की शादी दो साल पहले ही इलिया थाना क्षेत्र में शीतल से हुई थी. शीतल फिलहाल मायके में ही हैं. इनका एक 6 महीने का एक बेटा है. पंकज दिसंबर 2020 में घर से वापस चमोली चले गए थे. पंकज दो भाइयों में छोटे हैं, पंकज के बड़े भाई असम के एक फर्म में काम करते हैं. अब परिवार के लोग उनकी सलामती की दुआ के साथ ही सरकार से मांग कर रहे हैं कि उनके बेटे को जल्द से जल्द तलाश करें.