चंदौलीः चर्चित महड़ौरा प्रधानपति पंकज सिंह की हत्या में शामिल एक हत्यारोपी रविवार को बलुआ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने आरोपी को भगवानपुर गांव के पास महड़ौरा-चहनियां मार्ग पर नहर अतीत पुलिया से धर-दबोचा. पूछताछ में हत्यारोपी धर्मेन्द्र यादव ने पंकज की हत्या की बात स्वीकार की. हत्या बदले की भावना से प्रेरित होकर की गई. धर्मेंद्र यादव ने अपने साथियों के साथ पंकज सिंह की हत्या की घटना को अंजाम दिया. हालांकि इस घटना में लिप्त अन्य आरोपी अभी भी फरार चल रहे हैं.
ऐसे हुई पंकज सिंह की हत्या
पुलिस पूछताछ में हत्यारोपी धर्मेन्द्र यादव ने बताया कि चचेरे भाई मनोज यादव की हत्या के बाद परिवार के संतोष यादव, राज नारायण उर्फ मुन्ना व मेरे दोस्त परमेश्वर यादव उर्फ पिंटू हत्या का बदला लेने के लिए पंकज सिंह के जेल से छूटकर आने का इंतजार कर रहे थे. इसी बीच पंकज सिंह जेल से छूटकर आया और प्रधानी के चुनाव में अपनी पत्नी संगीता सिंह को खड़ा किया. संगीता सिंह चुनाव जीत गईं वहीं मनोज यादव की पत्नी ममता यादव चुनाव हार गयी. इस बात से हम सभी लोग और आवेश में आ गए.
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आरोपी धर्मेंद्र ने बताया कि परमेश्वर यादव उर्फ पिंटू को लगा कि प्रधानपति पंकज सिंह उसकी कोटेदारी छीन लेगा. जिसे पूर्व प्रधान मनोज यादव ने उसे दिलवाया था. इसे देखते हुए पंकज के हत्या की योजना बनाई और उसे अंजाम देने के लिए तीन शूटर भी बुलाए गए. जिन्हें असलहा व अन्य संसाधन की व्यवस्था करने का जिम्मा पिंटू ने लिया और राजनारायण यादव उर्फ मुन्ना ने घटना के बाद सबकुछ टीक करने का भरोसा दिया.
पैसे देकर बुलाए गए शूटर
आरोपी धर्मेंद्र ने बताया कि एक जून की सुबह को सभी दो बाइक पर सवार होकर पंकज सिंह के ट्यूबवेल पर पहुंचे और शूटरों ने घेर कर पंकज पर गोलियां बरसाना शुरू कर दिया. जिसमें पंकज सिंह की मौत हो गयी. घटना के बाद हम सभी बाइक पर सवार होकर गांव से बाहर भाग निकले और वह खुद आजमगढ़ चला गया.
हालांकि पकड़े गए हत्यारोपी ने अन्य लोगों के बारे में कोई भी जानकारी नहीं दी है. एसपी अमित कुमार ने बताया कि जल्द ही अन्य आरोपी पुलिस गिरफ्त में होंगे.