चंदौली: प्रीति यादव हॉरर किलिंग मामले में नया मामला मोड़ सामने आ गया है. प्रीति के पति ने चन्दौली पुलिस पर आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया पर एक श्मशान घाट की पर्ची वायरल की है. इस प्रमाण पत्र और इसके बनाने के तरीके को लेकर अंकित ने सवाल खड़े किए है. यहीं नहीं इसे जारी करने वाली महिला खुद इसके औचित्य पर सवाल उठा रही है. जिससे चन्दौली पुलिस की जांच एक बार फिर सवालों के घेरे में है. तो वहीं निर्भया मामले की वकील सीमा ने भी सोशल मीडिया के जरिए चन्दौली पुलिस पर सवाल उठाते हुए कार्रवाई की मांग की है. हालांकि इस पूरे मामले में पुलिस का कहना है कि अभी विवेचना प्रचलित है, मामले की जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.
फर्जी तरीके से बनवाई गई अंतिम संस्कार की पर्ची
दरअसल, प्रीति यादव हत्या मामले में एक श्मसान घाट की एक पर्ची सामने आई है. जिसमें 29 नवम्बर को प्रीति के अंतिम संस्कार की बात कही गई है. अंकित का आरोप है की इसमें प्रीति के परिजनों ने झूठी दाह संस्कार की पर्ची कटवाई थी, बैक डेट में जिस महिला ने वो पर्ची काटी वह महिला पढ़ी लिखी बिल्कुल नही है.
बैंक में पैसा फंसे होने की बात कहकर बनवाया था प्रमाण पत्र
श्मशान घाट की महिला ने बताया कि प्रीति के परिजन उसके घर दिनांक 7 दिसम्बर को गए थे, और बैंक में पैसा फंसा हुआ है. इसलिए पर्ची काट दीजिए ये बोलकर पर्ची ले लिए है. बाद में फिर शाम को आए और उसका अंगूठा लगवाए थे. रजिस्टर पर भी कोई प्रीति यादव का नाम नहीं मैन्सन था. यहीं नहीं अंकित का दावा है कि उस झूठी पर्ची को पुलिस ने अपनी केस डायरी का हिस्सा बना लिया है.
चंदौली पुलिस पर उठाए सवाल
वहीं निर्भया की वकील सीमा ने भी पुलिस की धीमी जांच पर सवाल उठाते हुए जल्द जांच-कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने अपने ट्विटर और फेसबुक पर इस घटना से सम्बंधित वीडियो व फोटो शेयर किए है. उन्होंने अपने ट्विटर पोस्ट के बाद सीएम योगी, डीजीपी, एडीजी वाराणसी समेत चंदौली पुलिस को टैग भी किया है. साथ ही प्रीति की मौत से पहले लिखी गया नोट को बड़ा सुबूत बताया. साथ ही पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस अबतक हैंड राइटिंग की मिलान नहीं करा सकी. ऐसे में लगता है कि चन्दौली पुलिस पूरी तरह से प्रभाव में आकर काम कर रही है.
हालांकि इस पूरे मामले पर एडिशनल एसपी प्रेमचंद का कहना है की 29 अक्टूबर को हुई घटना की जांच के लिए पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है. घटना से जुड़े सभी साक्ष्यों और आरोपों का संकलन कर जांच की जा रही है. प्रेस से मिले स्किन की फोरेंसिक जांच के साथ ही घटना से पूर्व लिखे गए पत्र की हैंड राइटिंग भी मैच कराई जा रही है.
बता दें कि मृतक छात्रा प्रीति अंकित से प्रेम करती थी. इसी बीच परिवार वालों ने छात्रा की शादी वाराणसी में तय कर दी. जबरन शादी तय किए जाने की बात से छात्रा नाराज हो गई. उसने शादी करने से इनकार कर दिया. आरोप है कि शादी टूटने के बाद परिजनों ने उसके साथ मारपीट की. इसके बाद दोनों ने परिजनों की मर्जी के खिलाफ जाकर 9 नवंबर को रजिस्ट्रार के यहां शादी कर ली. 25 नवंबर को दोबारा हिन्दू रीति-रिवाज से शादी की. इससे अंकित के परिजन भी मान गए. आरोप है कि उनका प्रेम विवाह लड़की के परिवार वाले दिल से स्वीकार नहीं कर सके और उन्होंने लड़की ही हत्या कर दी.