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चंदौली: पराली जलाने को लेकर जिला प्रशासन और किसानों की बैठक, नहीं बनी सहमति

उत्तर प्रदेश के चंदौली में पराली जलाने से रोकने के लिए किसानों और जिला प्रशासन की बैठक हुई. इस बैठक में दोनों पक्षों के बीच पराली जलाने को रोकने के लिए आम सहमति नहीं बन पाई.

जिला प्रशासन और किसानों की बैठक.
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Published : Nov 21, 2019, 1:49 PM IST

चंदौली: एनजीटी और शासन के निर्देश पर किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए किसानों और जिला प्रशासन की संयुक्त बैठक की गई. बैठक में दोनों पक्षों के बीच आम सहमति नहीं बन पाई. जिला प्रशासन जहां पराली जलाने को रोकने के लिए कटिबद्व है तो वहीं किसान इसे मानने को बिल्कुल भी तैयार नहीं हैं.

जिला प्रशासन और किसानों की बैठक.

एडीएम के नेतृत्व में टास्क फोर्स का गठन
दरअसल दिल्ली एनसीआर में एयर क्वालिटी इंडेक्स का स्तर काफी बढ़ गया. बढ़ते प्रदूषण के चलते एनजीटी ने चिंता जाहिर करते हुए सभी प्रदेश की सरकारों से इस समस्या का हल निकालने के लिए कहा था. इसके बाद सूबे की योगी सरकार ने धान की फसल का अपशिष्ट (पराली) जलाने से रोकने के लिए सभी जिलों के डीएम को निर्देश दे दिए. निर्देश का अनुपालन किए जाने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से एडीएम के नेतृत्व में टास्क फोर्स का गठन कर इसके अनुपालन का प्रयास किया जा रहा है.

पराली जलाने पर जिला प्रशासन सख्त
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) और शासन के निर्देश के बाद खेतों में फसल के अवशेष (पराली) जलाने वालों पर जिला प्रशासन सख्त है. पराली जलाने वालों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है. साथ ही पराली जलाने पर जुर्माने का प्रावधान है.

किसानों ने बैठक को निरर्थक बताते हुए पराली न जलाए जाने की बात मानने से सीधे तौर पर इंकार किया. किसानों का कहना है कि जिला प्रशासन इसके लिए जरूरी अनुदान देकर मदद करें. सिर्फ शासनादेश को किसानों पर थोपने से काम नहीं चलेगा. हम पराली जलाएंगे चाहे जिला प्रशासन जुर्माना करे या फिर जेल भेज दें. किसानों ने एनजीटी के नियमों के अनुपालन किये जाने के क्रम में जिला प्रशासन की ओर से सख्ती दिखाने पर गेंहू की बुआई का बहिष्कार किए जाने की बात कही.

चंदौली: एनजीटी और शासन के निर्देश पर किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए किसानों और जिला प्रशासन की संयुक्त बैठक की गई. बैठक में दोनों पक्षों के बीच आम सहमति नहीं बन पाई. जिला प्रशासन जहां पराली जलाने को रोकने के लिए कटिबद्व है तो वहीं किसान इसे मानने को बिल्कुल भी तैयार नहीं हैं.

जिला प्रशासन और किसानों की बैठक.

एडीएम के नेतृत्व में टास्क फोर्स का गठन
दरअसल दिल्ली एनसीआर में एयर क्वालिटी इंडेक्स का स्तर काफी बढ़ गया. बढ़ते प्रदूषण के चलते एनजीटी ने चिंता जाहिर करते हुए सभी प्रदेश की सरकारों से इस समस्या का हल निकालने के लिए कहा था. इसके बाद सूबे की योगी सरकार ने धान की फसल का अपशिष्ट (पराली) जलाने से रोकने के लिए सभी जिलों के डीएम को निर्देश दे दिए. निर्देश का अनुपालन किए जाने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से एडीएम के नेतृत्व में टास्क फोर्स का गठन कर इसके अनुपालन का प्रयास किया जा रहा है.

पराली जलाने पर जिला प्रशासन सख्त
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) और शासन के निर्देश के बाद खेतों में फसल के अवशेष (पराली) जलाने वालों पर जिला प्रशासन सख्त है. पराली जलाने वालों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है. साथ ही पराली जलाने पर जुर्माने का प्रावधान है.

किसानों ने बैठक को निरर्थक बताते हुए पराली न जलाए जाने की बात मानने से सीधे तौर पर इंकार किया. किसानों का कहना है कि जिला प्रशासन इसके लिए जरूरी अनुदान देकर मदद करें. सिर्फ शासनादेश को किसानों पर थोपने से काम नहीं चलेगा. हम पराली जलाएंगे चाहे जिला प्रशासन जुर्माना करे या फिर जेल भेज दें. किसानों ने एनजीटी के नियमों के अनुपालन किये जाने के क्रम में जिला प्रशासन की ओर से सख्ती दिखाने पर गेंहू की बुआई का बहिष्कार किए जाने की बात कही.

Intro:चंदौली - एनजीटी और शासन के निर्देश पर किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए जिला प्रशासन और किसानों की संयुक्त बैठक की गई. लेकिन इस मुद्दे पर दोनों पक्षों में आम सहमति नहीं बन सकी. जिला प्रशासन जहां पराली जलाने से रोकने को कटिबद्ध है तो वहीं किसान इसे मानने को बिल्कुल भी तैयार नहीं है.

Body:दरअसल दिल्ली एनसीआर में एयर क़्वालिटी इंडेक्स का स्तर काफी बढ़ गया. बढ़ते प्रदूषण के चलते एनजीटी पर चिंता जाहिर करते हुए सभी प्रदेश की सरकारों से इसका हल निकालने की बात कही थी. जिसे सूबे की योगी सरकार ने धान की फसल का अपशिष्ट (पराली) जलाने से रोकने के लिए सभी जिलों के डीएम को निर्देश दे दिए. जिसका अनुपालन किये जाने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से एडीएम के नेतृत्व में टास्क फोर्स का गठन कर इसके अनुपालन का प्रयास किया जा रहा है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) और शासन के निर्देश के बाद खेतों में फसल के अवशेष (पराली) जलाने वालों पर जिला प्रशासन सख्त है. पराली जलाने वालों की कड़ी निगरानी रखी जायेगी. साथ ही पराली जलाने पर जुर्माने का प्रावधान है.जिसे कड़ाई से पालन कराया जाएगा.

वहीं इस एकतरफा शासनादेश से किसान कत्तई भी मूकमईन नहीं है.उन्होंने बैठक को निरर्थक बताते हुए पराली न जलाये जाने की बात मानने से सीधे तौर पर इन्तेजार किया. उनका कहना जिला प्रशासन इसके लिए जरूरी अनुदान देकर मदद करें. सिर्फ शासनादेश को किसानों पर थोपने से काम नहीं चलेगा. हम पराली जलाएंगे चाहे जिला प्रशासन जुर्माना करे या फिर जेल भेज दें.

यहीं नहीं किसानों ने एनजीटी के नियमों के अनुपालन किये जाने के क्रम में जिला प्रशासन की ओर से सख्ती दिखाने पर गेंहू की बुआई का बहिष्कार किये जाने की बात कही. जिला प्रशासन पर मनमाना रवैया अपनाने की बात कहते हुए किसानों ने आरोप लगाया कि यहां तो अपराध होने से पहले ही सजा दी जा रही है. हार्वेस्टर को जिले आने से रोका जा रहा है. तरह तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है.

बाइट - नवनीत सिंह चहल (डीएम)
बाइट - संतोष मिश्रा (किसान)
बाइट - अंजनी सिंह (किसान)

 Conclusion:कमलेश गिरी
चन्दौली
9452845730

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