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रक्षा मंत्री ने की शहीद धर्मदेव के परिजनों से बात, दिया ये आश्नासन

छत्तीसगढ़ के बीजापुर नक्सली हमले में शहीद हुए धर्मदेव का पार्थिव शरीर सोमवार देर रात को चंदौली पहुंचा. उसे दुल्हीपुर स्थित सीआरपीएफ कैम्प से मंगलवार को राजकीय सम्मान के साथ उनके पैतृक आवास ले जाया गया, जहां परिजनों ने शहीद का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया. परिजनों व ग्रामीणों का कहना है कि रक्षा मंत्री या सीएम योगी के आने के बाद ही अंतिम संस्कार किया जाएगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने परिजनों से बात की और अंतिम यात्रा में सीएम या उनके प्रतिनिधि के शामिल होने का आश्वासन दिया.

परिजनों ने अंतिम संस्कार से किया इंकार.
परिजनों ने अंतिम संस्कार से किया इंकार.
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Published : Apr 6, 2021, 11:27 AM IST

Updated : Apr 6, 2021, 4:04 PM IST

चंदौली: छत्तीसगढ़ नक्सली हमले में शहीद ठेकहां गांव निवासी शहीद धर्मदेव का पार्थिव शरीर सोमवार की रात सीआरपीएफ कैंप दुल्हीपुर पहुंचा, जिसके बाद मंगलवार को सैकड़ों वाहनों के काफिले के साथ हजारों लोग शहीद की शव यात्रा में शामिल हुए. राजकीय सम्मान के साथ शहीद का पार्थिव शरीर पैतृक गांव पहुंचा. इसके बाद शहीद के पिता रामआश्रय गुप्ता और छोटे भाई सीआरपीएफ के जवान धनंजय ने शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया. ग्रामीण भी परिजनों के इस फैसले के साथ लामबंद होकर खड़े हैं. परिजनों का कहना है कि सीएम या रक्षामंत्री के आने के बाद ही शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा.

परिजनों ने अंतिम संस्कार से किया इंकार.

पढ़ें- अगवा कमांडो की पांच साल की बेटी ने लगाई पिता को रिहा करने की गुहार

रक्षा मंत्री या मुख्यमंत्री को मौके पर बुलाने की मांग

शहीद धर्मदेव के परिजन इस बात से आहत हैं कि रक्षा मंत्री का गृह जनपद होने के बावजूद सत्ता पक्ष का कोई भी जनप्रतिनिधि या मंत्री गांव नहीं आया. शहीद के भाई धनंजय का कहना है कि चंदौली से दो कैबिनेट मंत्री हैं, एक केंद्र सरकार में मंत्री हैं. देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का गृह जनपद है, लेकिन कोई भी मंत्री श्रद्धांजलि देने गांव नहीं आया. परिजनों का कहना है कि जब तक सीएम या खुद रक्षा मंत्री नहीं आते हैं, तब तक शव को अंतिम संस्कार के लिए नहीं ले जाया जाएगा.

शहीद धर्मदेव की अंतिम यात्रा में शामिल हुए हजारों लोग.

पढ़ें- जानें कौन है नक्सली हिडमा, जिसने सुरक्षाबलों को एम्बुश में फंसाया

रक्षा मंत्री से मिला आश्वासन
शहीद के पिता ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से फोन पर बात हुई है. उन्होंने हर संभव मदद का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा है कि व्यस्तता के चलते उनका फिलहाल गांव आना संभव नहीं है, लेकिन वे सीएम योगी आदित्यनाथ से बात करेंगे. प्रयास करेंगे कि सीएम या उनके प्रतिनिधि के तौर पर कोई सक्षम मंत्री शहीद की अंतिम यात्रा में शामिल हों.


पढ़ें- छत्तीसगढ़ : शहीद जवानों के परिवार को ₹80 लाख सहायता राशि की घोषणा

'पूरे गांव को गोली मरवा दें'
वहीं शहीद के परिजनों की इस मांग पर ग्रामीण भी लामबंद हो रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि हम मांग करते हैं कि सीएम मौके पर आएं और श्रद्धांजलि दें. नहीं तो किसी भी कीमत पर शव को जाने नहीं देंगे. चाहे तो सीआरपीएफ लगाकर पूरे गांव को गोली मरवा दें.

चंदौली: छत्तीसगढ़ नक्सली हमले में शहीद ठेकहां गांव निवासी शहीद धर्मदेव का पार्थिव शरीर सोमवार की रात सीआरपीएफ कैंप दुल्हीपुर पहुंचा, जिसके बाद मंगलवार को सैकड़ों वाहनों के काफिले के साथ हजारों लोग शहीद की शव यात्रा में शामिल हुए. राजकीय सम्मान के साथ शहीद का पार्थिव शरीर पैतृक गांव पहुंचा. इसके बाद शहीद के पिता रामआश्रय गुप्ता और छोटे भाई सीआरपीएफ के जवान धनंजय ने शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया. ग्रामीण भी परिजनों के इस फैसले के साथ लामबंद होकर खड़े हैं. परिजनों का कहना है कि सीएम या रक्षामंत्री के आने के बाद ही शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा.

परिजनों ने अंतिम संस्कार से किया इंकार.

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रक्षा मंत्री या मुख्यमंत्री को मौके पर बुलाने की मांग

शहीद धर्मदेव के परिजन इस बात से आहत हैं कि रक्षा मंत्री का गृह जनपद होने के बावजूद सत्ता पक्ष का कोई भी जनप्रतिनिधि या मंत्री गांव नहीं आया. शहीद के भाई धनंजय का कहना है कि चंदौली से दो कैबिनेट मंत्री हैं, एक केंद्र सरकार में मंत्री हैं. देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का गृह जनपद है, लेकिन कोई भी मंत्री श्रद्धांजलि देने गांव नहीं आया. परिजनों का कहना है कि जब तक सीएम या खुद रक्षा मंत्री नहीं आते हैं, तब तक शव को अंतिम संस्कार के लिए नहीं ले जाया जाएगा.

शहीद धर्मदेव की अंतिम यात्रा में शामिल हुए हजारों लोग.

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रक्षा मंत्री से मिला आश्वासन
शहीद के पिता ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से फोन पर बात हुई है. उन्होंने हर संभव मदद का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा है कि व्यस्तता के चलते उनका फिलहाल गांव आना संभव नहीं है, लेकिन वे सीएम योगी आदित्यनाथ से बात करेंगे. प्रयास करेंगे कि सीएम या उनके प्रतिनिधि के तौर पर कोई सक्षम मंत्री शहीद की अंतिम यात्रा में शामिल हों.


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'पूरे गांव को गोली मरवा दें'
वहीं शहीद के परिजनों की इस मांग पर ग्रामीण भी लामबंद हो रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि हम मांग करते हैं कि सीएम मौके पर आएं और श्रद्धांजलि दें. नहीं तो किसी भी कीमत पर शव को जाने नहीं देंगे. चाहे तो सीआरपीएफ लगाकर पूरे गांव को गोली मरवा दें.

Last Updated : Apr 6, 2021, 4:04 PM IST
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