चंदौली: सीएम योगी के निर्देश के बाद 1 जुलाई से 'स्कूल चलो अभियान' की शुरुआत कर दी गई, जिससे अधिक से अधिक बच्चों का परिषदीय विद्यालयों में दाखिला कराया जा सके. नए सत्र की पढ़ाई भी शुरू होने के बाद इसे सुचारू रूप से चला पाना बेसिक शिक्षा अधिकारी के लिए टेढ़ी खीर साबित होगा. इसका पीछे की बड़ी वजह जिले में शिक्षकों की भारी कमी का होना बताया जा रहा है. फिलहाल बीएसए उपलब्ध शिक्षकों के सहारे विद्यालयों में शिक्षण कार्य सुचारू बनाने की बात कह रहे हैं.
1 जुलाई से 'स्कूल चलो अभियान' के साथ नए शिक्षा सत्र की शुरुआत
- जिले के परिषदीय विद्यालयों में 2 हजार से ज्यादा शिक्षकों की कमी है.
- जिले में परिषदीय विद्यालयों में 5 हजार से ज्यादा शिक्षकों की तैनाती की जाएगी.
- सुदूर इलाके के स्कूलों में शिक्षकों की संख्या छात्रों के अनुपात में कम है.
- चकिया नौगढ़, शहाबगंज, इलिया, बरहनी इलाके में शिक्षकों की कमी ज्यादा है.
- चन्दौली जिला इस्पेरेसनल (अकांक्षात्मक) डिस्ट्रिक्ट में चयनित है.
- जिले में शिक्षकों की भारी कमी के कारण अभिभावक निजी स्कूलों की तरफ जाने पर मजबूर हो रहे हैं.
शिक्षकों की कमी से शासन को अवगत करा दिया गया है. फिलहाल उपलब्ध शिक्षकों के जरिये विद्यालयों में शिक्षण कार्य सुचारू बनाने का प्रयास किया जा रहा है. जल्द ही शिक्षकों के मिलने की उम्मीद है.
-भोलेन्द्र प्रताप सिंह, बीएसए, चन्दौली
योगी सरकार ने शुरुआती दौर में प्राइवेट स्कूलों पर लगाम लगाने की कोशिश की. लेकिन सरकार की शिक्षा नीति फेल हुई और निजी विद्यालयों को बढ़ाने का काम रही है, जिसमें जनता पिस रही है.
-एड.धर्मेंद्र सिंह, समाजसेवी