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चन्दौली: स्कूलों में शिक्षकों की कमी, कैसे 'सब पढ़ें सब बढ़ें' का सपना होगा साकार

यूपी के चन्दौली के अकांक्षात्मक जिले में चयनित होने के बावजूद यहां परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी है. जिससे अभिभावक निजी स्कूलों की तरफ भाग रहे है. ऐसे में 'सब पढ़ें सब बढ़ें' सपना कैसे साकार होगा.

परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की कमी.
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Published : Jul 8, 2019, 12:14 PM IST

चंदौली: सीएम योगी के निर्देश के बाद 1 जुलाई से 'स्कूल चलो अभियान' की शुरुआत कर दी गई, जिससे अधिक से अधिक बच्चों का परिषदीय विद्यालयों में दाखिला कराया जा सके. नए सत्र की पढ़ाई भी शुरू होने के बाद इसे सुचारू रूप से चला पाना बेसिक शिक्षा अधिकारी के लिए टेढ़ी खीर साबित होगा. इसका पीछे की बड़ी वजह जिले में शिक्षकों की भारी कमी का होना बताया जा रहा है. फिलहाल बीएसए उपलब्ध शिक्षकों के सहारे विद्यालयों में शिक्षण कार्य सुचारू बनाने की बात कह रहे हैं.

परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की कमी.

1 जुलाई से 'स्कूल चलो अभियान' के साथ नए शिक्षा सत्र की शुरुआत

  • जिले के परिषदीय विद्यालयों में 2 हजार से ज्यादा शिक्षकों की कमी है.
  • जिले में परिषदीय विद्यालयों में 5 हजार से ज्यादा शिक्षकों की तैनाती की जाएगी.
  • सुदूर इलाके के स्कूलों में शिक्षकों की संख्या छात्रों के अनुपात में कम है.
  • चकिया नौगढ़, शहाबगंज, इलिया, बरहनी इलाके में शिक्षकों की कमी ज्यादा है.
  • चन्दौली जिला इस्पेरेसनल (अकांक्षात्मक) डिस्ट्रिक्ट में चयनित है.
  • जिले में शिक्षकों की भारी कमी के कारण अभिभावक निजी स्कूलों की तरफ जाने पर मजबूर हो रहे हैं.

शिक्षकों की कमी से शासन को अवगत करा दिया गया है. फिलहाल उपलब्ध शिक्षकों के जरिये विद्यालयों में शिक्षण कार्य सुचारू बनाने का प्रयास किया जा रहा है. जल्द ही शिक्षकों के मिलने की उम्मीद है.
-भोलेन्द्र प्रताप सिंह, बीएसए, चन्दौली

योगी सरकार ने शुरुआती दौर में प्राइवेट स्कूलों पर लगाम लगाने की कोशिश की. लेकिन सरकार की शिक्षा नीति फेल हुई और निजी विद्यालयों को बढ़ाने का काम रही है, जिसमें जनता पिस रही है.
-एड.धर्मेंद्र सिंह, समाजसेवी

चंदौली: सीएम योगी के निर्देश के बाद 1 जुलाई से 'स्कूल चलो अभियान' की शुरुआत कर दी गई, जिससे अधिक से अधिक बच्चों का परिषदीय विद्यालयों में दाखिला कराया जा सके. नए सत्र की पढ़ाई भी शुरू होने के बाद इसे सुचारू रूप से चला पाना बेसिक शिक्षा अधिकारी के लिए टेढ़ी खीर साबित होगा. इसका पीछे की बड़ी वजह जिले में शिक्षकों की भारी कमी का होना बताया जा रहा है. फिलहाल बीएसए उपलब्ध शिक्षकों के सहारे विद्यालयों में शिक्षण कार्य सुचारू बनाने की बात कह रहे हैं.

परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की कमी.

1 जुलाई से 'स्कूल चलो अभियान' के साथ नए शिक्षा सत्र की शुरुआत

  • जिले के परिषदीय विद्यालयों में 2 हजार से ज्यादा शिक्षकों की कमी है.
  • जिले में परिषदीय विद्यालयों में 5 हजार से ज्यादा शिक्षकों की तैनाती की जाएगी.
  • सुदूर इलाके के स्कूलों में शिक्षकों की संख्या छात्रों के अनुपात में कम है.
  • चकिया नौगढ़, शहाबगंज, इलिया, बरहनी इलाके में शिक्षकों की कमी ज्यादा है.
  • चन्दौली जिला इस्पेरेसनल (अकांक्षात्मक) डिस्ट्रिक्ट में चयनित है.
  • जिले में शिक्षकों की भारी कमी के कारण अभिभावक निजी स्कूलों की तरफ जाने पर मजबूर हो रहे हैं.

शिक्षकों की कमी से शासन को अवगत करा दिया गया है. फिलहाल उपलब्ध शिक्षकों के जरिये विद्यालयों में शिक्षण कार्य सुचारू बनाने का प्रयास किया जा रहा है. जल्द ही शिक्षकों के मिलने की उम्मीद है.
-भोलेन्द्र प्रताप सिंह, बीएसए, चन्दौली

योगी सरकार ने शुरुआती दौर में प्राइवेट स्कूलों पर लगाम लगाने की कोशिश की. लेकिन सरकार की शिक्षा नीति फेल हुई और निजी विद्यालयों को बढ़ाने का काम रही है, जिसमें जनता पिस रही है.
-एड.धर्मेंद्र सिंह, समाजसेवी

Intro:चंदौली - सीएम योगी के निर्देश के बाद 1 जुलाई से स्कूल चलो अभियान की शुरुआत कर दी. ताकि अधिक से अधिक बच्चों का परिषदीय विद्यालयों में एडमिशन कराया जा सके. और अब नवीन सत्र की पढ़ाई भी शुरू कर दी गई. लेकिन इसे सुचारू रूप से चला पाना बेसिक शिक्षा अधिकारी के लिए टेढ़ी खीर साबित होगा. क्योंकि इस जिले में शिक्षकों की भारी कमी है. जिले में शिक्षकों की नियुक्ति का ये हाल तब है जबकि यह जिला आकांक्षात्मक जिलों में चयनित है और शिक्षा उसके इंडिकेटर्स में शामिल है.फिलहाल बीएसए उपलब्ध शिक्षकों के सहारे विद्यालयों में शिक्षण कार्य सुचारू बनाने की बात कह रहे है.




Body:एक जुलाई से स्कूल चलो अभियान के साथ नए शिक्षा सत्र की शुरुआत

परिषदीय विद्यालयों में 2 हजार से ज्यादा शिक्षकों की कमी

परिषदीय विद्यालयों में 5 हजार से ज्यादा शिक्षकों की तैनाती

सुदूर इलाके के स्कूलों में शिक्षक छात्र अनुपात ज्यादा

चकिया नौगढ़, शहाबगंज, इलिया, बरहनी इलाके में शिक्षकों की कमी ज्यादा

इस्पेरेसनल (अकांक्षात्मक) डिस्ट्रिक्ट में चयनित है चन्दौली

शिक्षा उसके प्रमुख इंडिकेटर्स में शामिल

शिक्षा की गुणवत्ता हो रही प्रभावित

निजी स्कूलों की तरफ जाने को मजबूर अभिभावक

शिक्षकों की कमी से शासन को अवगत करा दिया गया है. फिलहाल उपलब्ध शिक्षकों के जरिये विद्यालयों में शिक्षण कार्य सुचारू बनाने का प्रयास किया जा रहा है. जल्द ही शिक्षकों के मिलने की उम्मीद है.

भोलेन्द्र प्रताप सिंह (बीएसए चंदौली)

योगी सरकार ने शुरुआती दौर में प्राइवेट स्कूलों पर लगाम लगाने की कोशिश की. लेकिन सरकार की शिक्षा नीति फेल हुई और निजी विद्यालयों को बढ़ाने का काम रही है.जिसमें जनता पीस रही है.

एड.धर्मेंद्र सिंह (समाजसेवी)




Conclusion:चंदौली - अकांक्षात्मक जिले में चयनित होने के बावजूद यहां परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी है. जिससे अभिभावक निजी स्कूलों की तरफ भाग रहे है. ऐसे सब पढ़े सब बढ़े सपना कैसे होगा साकार?

kamlesh giri
chandauli
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