चंदौली: जिला अस्पताल में एनसीडी के तहत फिजियोथेरेपी विभाग संचालित किया जाता है. जिला अस्पताल में फिजियोथेरेपी के इलाज के लिए फिजियोथेरेपिस्ट की नियुक्ति भी की गई है. वहीं अस्पताल में संसाधन के नाम पर एक स्ट्रेचर भी नहीं है, जहां मरीज को लेटाकर फिजियोथेरेपी कराई या बताई जा सके.
अस्पताल में नहीं है फिजियोथेरेपी की मशीन
कई मरीजों को फिजियोथेरेपी कराने के लिए मशीनों की जरूरत पड़ती है, लेकिन जिला अस्पताल में फिजियोथेरेपी की मशीन नहीं है. मरीजों को मजबूरन या तो प्राइवेट फिजियोथेरेपी सेंटर की तरफ रुख करना पड़ रहा है या फिर वाराणसी में फिजियोथेरेपी सेंटरों की तरफ जाना पड़ता है.
अस्पताल में मरीजों की परेशानी को देखते हुए डॉक्टर खुद अपने संसाधनों के सहारे इलाज कर रहे हैं. तस्वीर में दिख रहा यह बच्चा जन्म से ही पैरालाइज है, जिसे फिजियोथेरेपी की मदद से इलाज देने का प्रयास किया जा रहा है. काफी हद तक डॉक्टर इसमें सफल होते भी दिखाई दे रहे हैं.
नोडल अधिकारी दिग्विजय सिंह का कहना है कि शासन को मशीनों की कमी के बाबत पर प्रस्ताव बनाकर भेजा है. पैसे की पूर्ति होते ही फिजियोथेरेपी के जरूरी सामान की खरीदारी की जाएगी.