चंदौलीः योगी आदित्यनाथ की सरकार ने मुगलसराय का नाम बदलने की पहल की और मुगलसराय नगर का नाम बदलकर दीनदयाल नगर कर दिया. जिसके बाद मुगलसराय रेलवे जंक्शन का नाम बदला गया और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन रख दिया गया. हालांकि अभी इस विधानसभा का नाम मुगलसराय विधानसभा (Mughalsarai Constituency) ही है. यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (Up assembly Election 2022) में यह सीट भाजपा और सपा दोनों के लिए एक बार फिर नाक का सवाल रहेगी.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
1952 में इस सीट का नाम चंदौली रामनगर (257) था. पहली बार इस सीट पर कांग्रेस पार्टी के उमाशंकर तिवारी निर्वाचित हुए. उमाशंकर तिवारी को 11,353 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी और निर्दल उम्मीदवार नामवर को 6,154 वोट मिले थे. उमाशंकर ने पहला चुनाव 5,199 वोटों से जीता था. 1957 में दूसरी विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से कांग्रेस पार्टी के श्यामलाल यादव विधायक चुने गए. उस वक्त इस सीट का नाम बदलकर मुगलसराय (187) कर दिया गया था. 1962 में हुए तीसरी विधानसभा चुनाव में मुगलसराय सीट से सोशलिस्ट पार्टी के उमाशंकर तिवारी ने कांग्रेस के श्यामलाल यादव को हराकर अपनी हार का बदला लिया.
1967 में चौथी विधानसभा चुनाव में मुगलसराय सीट (245) पर एक बार फिर कांग्रेस के श्यामलाल यादव ने सोशलिस्ट पार्टी के उमाशंकर तिवारी को मात्र 82 वोटों से हरा दिया. 1968 में पांचवीं विधानसभा के चुनाव में एक बार फिर से उमाशंकर तिवारी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े, जबकि श्यामलाल यादव भारतीय किसान दल के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे थे. उमाशंकर ने भारतीय किसान दल के श्यामलाल को 4,625 वोटों से हराकर अपनी हार का फिर बदला लिया.
छठीं विधानसभा के चुनाव में मुगलसराय (240) सीट पर भारतीय किसान दल के उम्मीदवार गंजी प्रसाद ने जीत हासिल करके कांग्रेस के यदुनाथ सिंह को मात्र 428 वोटों से हराया था. भारतीय किसान दल के गंजी प्रासद को 17,216 और यदुनाथ सिंह को 16,788 वोट मिले थे. सातवीं विधानसभा (1977) में जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में गंजी प्रसाद ने कांग्रेस पार्टी के यदुनाथ सिंह को 4,299 वोटों से हराया.
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1980 में आठवीं विधानसभा चुनाव में मुगलसराय सीट पर कांग्रेस ने रामचंद्र शर्मा ने दो बार के विधायक गंजी प्रसाद को हराकर कांग्रेस को जीत दिलाई. इस चुनाव में कांग्रेस को 5544 वोटों से शानदार जीत मिली थी. 1985 में नौंवीं विधानसभा चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस (आई) के रामचंद्र शर्मा ने लोकदल के अलखनाथ को 7,017 वोटों से हराया था. 10वीं विधानसभा में निर्दलीय गंजी प्रसाद ने कांग्रेस के रामचंद्र को 2638 वोटों से हराकर 1980 की हार का बदला लिया.
वहीं 11 वीं विधानसभा में पहली बार भाजपा का परचम छब्बू पटेल ने फहराया और विधायक रहे गंजी प्रसाद के बेटे रामकिशुन को 6,390 वोटों से हरा दिया. 12वीं विधानसभा में छब्बू पटेल ने एक बार फिर बसपा के मो. हलीम को 14,593 वोटों के अंतर से हराकर भाजपा को जीत दिलाई. 13 वीं विधानसभा में भाजपा के छब्बू पटेल ने समाजवादी पार्टी रामकिशुन को 6766 वोटों से हराकर अपनी जीत की हैट्रिक बनाई.
14 वीं विधानसभा चुनाव में मुगलसराय (224) सीट पर समाजवादी पार्टी के रामकिशुन यादव ने भाजपा के छब्बू पटेल का न सिर्फ जीत का रथ रोका बल्कि को 12,044 वोटों से हराकर अपनी दो हार का बदला भी चुकाया. 2007 में 15वीं विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के रामकिशुन यादव ने भाजपा के छब्बू पटेल को दोबारा करारी शिकस्त दी. हालांकि अबकी बार हार का अंतर कम होकर 1937 वोटों का हो गया था, लेकिन बसपा की लहर में सपा की जीत के मायने थे.
2012 में 16वीं विधानसभा (2012) में मुगलसराय सीट से बसपा से टिकट पर उतरे बब्बन चौहान ने सपा से यह सीट छीन ली. समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक और तत्कालीन सांसद रामकिशुन यादव के भाई बाबूलाल को 15,440 वोटों के अंतर से हराकर बसपा को जीत दिलाई. बाबूलाल को चुनाव में 43,643 और बब्बन चौहान को 59,083 वोट मिले.
2017 का जनादेश
2017 में जब यूपी में विधानसभा चुनाव हुआ तब पूरे देश में मोदी लहर चल रही थी और भारतीय जनता पार्टी की साधना सिंह ने समाजवादी पार्टी के बाबूलाल यादव को हराकर मुगलसराय विधानसभा (380) सीट पर भाजपा का परचम लहराया. 2017 के चुनाव में विधानसभा क्षेत्र में कुल 376583 मतदाता थे. जिनमें 232670 लोगों ने मतदान किया. विधानसभा चुनाव में कुल 61.77% मतदान हुआ.
स्थान | प्रत्याशी | पार्टी | वोट |
1 | साधना सिंह | भाजपा | 87401 |
2 | बाबूलाल | सपा | 74158 |
3 | तिलक धारी | बसपा | 57219 |
इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी साधना सिंह को कुल 87401 वोट मिले और उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बाबूलाल यादव को 13243 मतों से हराया. समाजवादी पार्टी के बाबूलाल को 74158 वोट मिले थे और इनका वोट प्रतिशत 31.88 था. वहीं बहुजन समाज पार्टी के तिलकधारी बिंद को 57219 वोट मिले. प्रगतिशील मानव समाज पार्टी के बब्बन चौहान को मात्र 7811 वोट मिले.
सामाजिक तानाबाना
मुगलसराय एक तरफ जहां देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जन्म स्थली के रूप में मशहूर है. वहीं दूसरी तरफ मुगलसराय को पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन के अंतिम पड़ाव के रूप में भी जाना जाता है. यही वजह है कि मुगलसराय शहर और दिल्ली हावड़ा रेल रूट के महत्वपूर्ण स्टेशनों में शुमार मुगलसराय स्टेशन का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर रख दिया गया. मुगलसराय विधानसभा क्षेत्र में एशिया का सबसे बड़ा रेलवे यार्ड स्थित है. वहीं दूसरी तरफ एशिया की सबसे बड़ी कोल मंडियों में शुमार चंदासी कोयला मंडी भी है. हाल ही में इस विधानसभा क्षेत्र में ही चंदौली-वाराणसी सीमा पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति उपवन का निर्माण कराया गया है. मुगलसराय विधानसभा में तकरीबन हर वर्ग के लोग रहते हैं.
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मतदाताओं का आंकड़ा
वर्तमान समय में विधानसभा में मतदाताओं की तादाद 389872 है, जिसमें 211193 पुरुष मतदाता हैं. तो वहीं महिला मतदाताओं की संख्या 178618 है. जबकि 61 ट्रांस जेंडर वर्ग के मतदाता हैं. जातिगत आंकड़ों की बात करें तो मुगलसराय विधानसभा क्षेत्र में तकरीबन 45 हजार मुस्लिम मतदाता हैं. जबकि दूसरे नंबर पर यादव मतदाता हैं और इनकी तादाद करीब 41 हजार है. इस विधानसभा क्षेत्र में क्षत्रिय मतदाताओं की संख्या तकरीबन 35 हजार है और 28 हजार ब्राह्मण मतदाता हैं.
क्षेत्र में 30 हजार के करीब वैश्य मतदाता हैं. जबकि 26 हजार बिंद, 20 हजार बियार, 26 हजार चौहान, 15 हजार पटेल, 10 हजार लोहार, 9 हजार खटीक, 9 हजार राजभर, 9 हजार मल्लाह, 6 हजार सिख, 5 हजार कायस्थ और शेष अन्य जातियों के मतदाता हैं.