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चन्दौलीः नहीं लग सका सीवेज ट्रीटमेंट, गंगा हो रही प्रदूषित - अमृत योजना

केंद्र से लेकर प्रदेश सरकार तक गंगा निर्मलीकरण का राग अलाप रही है. शासन की ओर से गंगा की स्वच्छता के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन गंगा के निर्मलीकरण की शहर में अब तक पहल शुरू नहीं हो सकी. नगर पालिका की सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट परियोजना की फाइल रेल मंत्रालय की चक्कर काट रही है. शहर के सीवर का लाखों लीटर गंदा पानी और कचरा गंगा को दूषित कर रहा है.

अधर में लटका सीवेज ट्रीटमेंट प्लान परियोजनालान परियोजना
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Published : Jun 21, 2019, 11:27 AM IST

चन्दौली : शहर के अलावा रेलवे कालोनियों के नाला नालियों का पानी सीधे गंगा नदी में प्रवाहित होता है. गंगा नदी में हर पल गिरता गंदा पानी शासन-प्रशासन के खोखले दावों को बखूबी बयां कर रही है. गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए नगर पालिका प्रशासन की ओर से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की परियोजना तैयार की गई है. इसका बकायदा खाका और अनुमानित लागत भी निर्धारित किया गया है. जिसे अमृत योजना के तहत बनाया जाना है लेकिन अब मामला रेल मंत्रालय के पास जाकर अटक गया है.

अधर में लटका सीवेज ट्रीटमेंट प्लान परियोजना.
  • अमृत योजना के तहत दीनदयाल नगर में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनना है.
  • इसकी कुल अनुमानित लागत 40 करोड़ है. इससे 50 एमएलडी की क्षमता का ट्रीटमेंट प्लांट बनना है.
  • प्रतिदिन 25 एमएलडी पानी नगर का जबकि 15 एमएलडी पानी दीनदयाल जंक्शन का सीधे गंगा में गिरता है. जिससे गंगा दूषित हो रही है.

नगर पालिका को आरपीएफ कॉलोनी में खाली जमीन ट्रीटमेंट प्लांट के लिए चाहिए. रेलवे जमीन लीज पर देने को तैयार भी है. लेकिन इसके बदले किराया भी वसूलना चाहती है. इस पर नगर पालिका की दलील है कि रेलवे का भी पूरा पानी नगर के नालों से होकर ही गुजरता है. ऐसे में जमीन लीज पर तो स्वीकार है. लेकिन किराया देना मुनासिब नहीं है. दो विभागों के बीच फंसे पेच की वजह से गंगा निर्मलीकरण की परियोजना आज भी अधर में अटकी पड़ी है.
संतोष खरवार, चेयरमैन, दीनदयाल नगर

रेलवे संबंधित जमीन पर कोई कार्य शुरू नहीं कर रहा है.लेकिन नगरपालिका कम कीमत पर जमीन को लीज पर डिमांड कर रही है. जिससे हम लोगों ने मंत्रालय को फारवर्ड कर दिया है. जिसके पास होने की संभावना कम है.
पंकज सक्सेना, डीआरएम, मुगलसराय



चन्दौली : शहर के अलावा रेलवे कालोनियों के नाला नालियों का पानी सीधे गंगा नदी में प्रवाहित होता है. गंगा नदी में हर पल गिरता गंदा पानी शासन-प्रशासन के खोखले दावों को बखूबी बयां कर रही है. गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए नगर पालिका प्रशासन की ओर से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की परियोजना तैयार की गई है. इसका बकायदा खाका और अनुमानित लागत भी निर्धारित किया गया है. जिसे अमृत योजना के तहत बनाया जाना है लेकिन अब मामला रेल मंत्रालय के पास जाकर अटक गया है.

अधर में लटका सीवेज ट्रीटमेंट प्लान परियोजना.
  • अमृत योजना के तहत दीनदयाल नगर में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनना है.
  • इसकी कुल अनुमानित लागत 40 करोड़ है. इससे 50 एमएलडी की क्षमता का ट्रीटमेंट प्लांट बनना है.
  • प्रतिदिन 25 एमएलडी पानी नगर का जबकि 15 एमएलडी पानी दीनदयाल जंक्शन का सीधे गंगा में गिरता है. जिससे गंगा दूषित हो रही है.

नगर पालिका को आरपीएफ कॉलोनी में खाली जमीन ट्रीटमेंट प्लांट के लिए चाहिए. रेलवे जमीन लीज पर देने को तैयार भी है. लेकिन इसके बदले किराया भी वसूलना चाहती है. इस पर नगर पालिका की दलील है कि रेलवे का भी पूरा पानी नगर के नालों से होकर ही गुजरता है. ऐसे में जमीन लीज पर तो स्वीकार है. लेकिन किराया देना मुनासिब नहीं है. दो विभागों के बीच फंसे पेच की वजह से गंगा निर्मलीकरण की परियोजना आज भी अधर में अटकी पड़ी है.
संतोष खरवार, चेयरमैन, दीनदयाल नगर

रेलवे संबंधित जमीन पर कोई कार्य शुरू नहीं कर रहा है.लेकिन नगरपालिका कम कीमत पर जमीन को लीज पर डिमांड कर रही है. जिससे हम लोगों ने मंत्रालय को फारवर्ड कर दिया है. जिसके पास होने की संभावना कम है.
पंकज सक्सेना, डीआरएम, मुगलसराय



Intro:चन्दौली - केंद्र से लेकर प्रदेश सरकार तक गंगा निर्मली करण का राग अलाप रही है. शासन की ओर से गंगा की स्वच्छता और उसके अस्तित्व की रक्षा के लिए करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाया जा रहा है. बावजूद इसके गंगा के निर्मल करण की शहर में अब तक पहल शुरू नहीं हो सकी. नगर पालिका की सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट परियोजना की फ़ाइल रेल मंत्रालय की चक्कर काट रही है. शहर के सीवर का लाखो लीटर गंदा पानी व कचरा बेरोकटोक गंगा को दूषित कर रहा है.



Body:ओपनिंग पीटीसी

शहर के अलावा रेलवे कालोनियों के नाला नालियों का पानी सीधे गंगा नदी में प्रवाहित होता है. गंगा नदी में हर पल गिरता गंदा पानी शासन-प्रशासन के खोखले दावों को बखूबी बयां कर रही है. गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए नगर पालिका प्रशासन की ओर से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की परियोजना तैयार की गई है. इसका बकायदा खाका और अनुमानित लागत भी निर्धारित किया गया है. जिसे अमृत योजना के तहत बनाया जाना है लेकिन अब मामला रेल मंत्रालय के पास जाकर अटक गया है.

बाइट - संतोष खरवार चेयरमैन (दीनदयाल नगर)

दरअसल नगर पालिका को आरपीएफ कॉलोनी में खाली जमीन ट्रीटमेंट प्लांट के लिए चाहिए. रेलवे जमीन लीज पर देने को तैयार भी है. लेकिन इसके बदले किराया भी वसूलना चाहती है. इस पर नगर पालिका की दलील है कि रेलवे का भी पूरा पानी नगर के नालों से होकर ही गुजरता है. ऐसे में जमीन लीज पर तो स्वीकार है. लेकिन किराया देना मुनासिब नहीं है. दो विभागों के बीच फंसे पेच की वजह से गंगा निर्मली करण की परियोजना आज भी अधर में अटकी पड़ी है.

बाइट - संतोष खरवार चेयरमैन (दीनदयाल नगर)

वहीं डीआरएम मुगलसराय ने इस बाबत अपनी जमीन देने पर सहमति जताते हुए कहा कि रेलवे संबंधित जमीन पर कोई कार्य शुरू नहीं कर रहा है.लेकिन नगरपालिका कम कीमत पर जमीन को लीज मि डिमांड कर रही है. जिससे हम लोगों ने मंत्रालय को फारवर्ड कर दिया है. जिसके पास होने की संभावना कम है.

बाइट - पंकज सक्सेना (डीआरएम मुगलसराय)

बता दें की अमृत योजना के तहत दीनदयाल नगर में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनना है. जिसकी कुल अनुमानित लागत 40 करोड़ है. जिससे 50 एमएलडी की क्षमता का ट्रीटमेंट प्लांट बनना है. प्रतिदिन 25 एमएलडी पानी नगर का जबकि 15 एमएलडी पानी दीनदयाल जंक्शन का सीधे गंगा में गिरता है. जिससे गंगा दूषित हो रही है







Conclusion:वर्तमान में मोदी सरकार दूसरी बार पूर्ण बहुमत में है और प्रदेश में भी योगी की सरकार है. दीनदयाल नगर पालिका चेयरमैन भी बीजेपी के है. बावजूद इसके सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का मुद्दा अधर में लटका है.जबकि इसके लिए केंद्रीय मंत्री और स्थानीय सांसद डॉ महेंद्र पांडेय खुद पहल कर रहे है.


कमलेश गिरी
चन्दौली
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