चन्दौली : शहर के अलावा रेलवे कालोनियों के नाला नालियों का पानी सीधे गंगा नदी में प्रवाहित होता है. गंगा नदी में हर पल गिरता गंदा पानी शासन-प्रशासन के खोखले दावों को बखूबी बयां कर रही है. गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए नगर पालिका प्रशासन की ओर से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की परियोजना तैयार की गई है. इसका बकायदा खाका और अनुमानित लागत भी निर्धारित किया गया है. जिसे अमृत योजना के तहत बनाया जाना है लेकिन अब मामला रेल मंत्रालय के पास जाकर अटक गया है.
- अमृत योजना के तहत दीनदयाल नगर में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनना है.
- इसकी कुल अनुमानित लागत 40 करोड़ है. इससे 50 एमएलडी की क्षमता का ट्रीटमेंट प्लांट बनना है.
- प्रतिदिन 25 एमएलडी पानी नगर का जबकि 15 एमएलडी पानी दीनदयाल जंक्शन का सीधे गंगा में गिरता है. जिससे गंगा दूषित हो रही है.
नगर पालिका को आरपीएफ कॉलोनी में खाली जमीन ट्रीटमेंट प्लांट के लिए चाहिए. रेलवे जमीन लीज पर देने को तैयार भी है. लेकिन इसके बदले किराया भी वसूलना चाहती है. इस पर नगर पालिका की दलील है कि रेलवे का भी पूरा पानी नगर के नालों से होकर ही गुजरता है. ऐसे में जमीन लीज पर तो स्वीकार है. लेकिन किराया देना मुनासिब नहीं है. दो विभागों के बीच फंसे पेच की वजह से गंगा निर्मलीकरण की परियोजना आज भी अधर में अटकी पड़ी है.
संतोष खरवार, चेयरमैन, दीनदयाल नगर
रेलवे संबंधित जमीन पर कोई कार्य शुरू नहीं कर रहा है.लेकिन नगरपालिका कम कीमत पर जमीन को लीज पर डिमांड कर रही है. जिससे हम लोगों ने मंत्रालय को फारवर्ड कर दिया है. जिसके पास होने की संभावना कम है.
पंकज सक्सेना, डीआरएम, मुगलसराय