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आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम, टेरेस गार्डन की तर्ज पर सब्जियों की खेती

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Published : Nov 22, 2020, 1:34 PM IST

Updated : Nov 22, 2020, 2:30 PM IST

हरा भरा और फूलों की सुगंध से महका घर का गार्डन न सिर्फ अच्‍छा लगता है, बल्कि इससे घर की खूबसूरती भी बढ़ जाती है. साथ ही सेहत पर भी इसका अच्‍छा असर पड़ता है. इसके इतर कोरोना लॉकडाउन में चंदौली के रहने वाले लाल बहादुर ने अपने घर की छत पर फूलों के अलावा सब्जियों की खेती कर लोगों के लिए प्रेरण के स्रोत बने हैं.

छत पर जैविक सब्जी की खेती
छत पर जैविक सब्जी की खेती

चंदौली: वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौर में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कई लोगों ने इस आपदा को अवसर में बदल डाला. देश के प्रधानमंत्री भी अपने संबोधन में कई बार आत्मनिर्भर बनने की बात को दोहरा चुके हैं. अब धीरे-धीरे इसका असल लोगों में होने लगा है. पीएम के इस आवाहन को चंदौली के रहने वाले लाल बहादुर ने आत्मसात कर लिया है. लॉकडाउन के दौरान लाल बहादुर अपने घर के छत पर सब्जियों की जैविक खेती कर रहे हैं. जैविक तरीके से फलों और सब्जियों को उगाकर वे आत्मनिर्भर तो बने ही, साथ ही कोरोना काल में आपदा को अवसर में भी बदल दिया.

टेरेस गार्डन
करीब एक दर्जन सब्जियों और फलों की खेती

चंदौली में पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर के वार्ड नंबर-5 में रहने वाले लाल बहादुर अपने घर की छत पर हरी मौसमी सब्जियां उगाकर कम लागत में स्वस्थ जीवन जी रहे हैं. खास बात यह है कि सब्जी की खेती पूरी तरह से ऑर्गेनिक है. लाल बहादुर ने 500 स्क्वायर फीट एरिया में में ही पालक, लहसुन, हरी मिर्च, फूल गोभी, शिमला मिर्च, मूली, गाजर बैगन, चुकंदर, धनिया, करेला, बोरा, नेनुआ समेत दर्जन भर किस्म की की सब्जी व फल उगा रहे हैं. लाल बहादुर बताते हैं कि सब्जियों के पौधों की हरियाली से छत गुलजार है और बेहद फायदेमंद भी.

बैगन.
बैगन.

हाइजेनिक, ऑर्गेनिक और स्वादिष्ट सब्जी

लाल बहादुर ने बताया कि कोरोना के शुरुआती लॉकडाउन के दौरान बाजार बंद थे, तो ताजी और हरी सब्जियां मिलना मुश्किल हो गया था. साथ ही सब्जियों की महंगाई भी बढ़ गई. ऐसे में सब्जियों की बढ़ती महंगाई से निजात पाने और ताजी सब्जियों के लिए छत पर सब्जियों की खेती शुरू करने की योजना बनाई. उनके इस काम में पर्यावरण विद मित्र विजय ने भी काफी सहयोग किया. जिसके बाद उन्होंने ऑर्गेनिक तरीके से सब्जियां उगाने का निर्णय लिया. अब एक छोटे अंतराल के बाद इसका लाभ भी मिलना शुरू हो गया. रोजाना अलग अलग किस्म के सब्जियां उन्हें खाने को मिल जाती है. यह सब्जियां पूरी तरह हाइजेनिक और ऑर्गेनिक है, साथ ही बेहद स्वादिष्ट भी.

हरी मिर्च.
हरी मिर्च.

टेरेस गार्डन की तर्ज पर जैविक सब्जी की खेती

टेरेस गार्डेन की तर्ज पर शुरू की जैविक सब्जियों की खेती में सफलता से उत्साहित लाल बहादुर अब अपने दोस्तों, रिश्तेदारों को भी इस खेती के मायने समझा रहे हैं. उन्हें छत पर जैविक तरीके से सब्जियों के खेती करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

लौकी और बैगन.
लौकी और बैगन.

दो सेक्शन की है सब्जियों की खेती

लाल बहादुर अपने घर की छत पर दो सेक्शन में सब्जियां लगाए हैं. एक तरफ थर्माकोल बॉक्स में लतर वाली सब्जियों को लगाया है, जिसके झाड़ के लिए बांस और रस्सियों से जाल बनाया है. तो दूसरी तरफ सब्जियों को लगाने से पहले छत पर एक मोटी प्लास्टिक चादर बिछाई है, ताकि घर में सीलन ना आए. इस दौरान पानी की निकासी की भी व्यवस्था की गई है. इसके अलावा कुछ सब्जियां गमले में भी लगाई गई हैं.

पौधों की देखभाल करते लाल बहादुर.
पौधों की देखभाल करते लाल बहादुर.

परिजनों का भी मिलता है सहयोग

टेरेस पर ऑर्गेनिक सब्जियां उगाने में लाल बहादुर के अलावा उनके छोटे भाई राम, भांजे अमित समेत अन्य परिवार जनों का भी भरपूर पास मिलता है. जो स्कूल व अन्य कामों से फ्री होते ही सब्जियों की देखभाल में जुड़ जाते हैं.निराई-गुड़ाई और पानी का काम देखते हैं और छतों पर खेती कर के खुद को फिट रखने का प्रयास करते हैं.

टेरेस गार्डन में उगाई गई हरी सब्जियां लिए लाल बहादुर
टेरेस गार्डन में उगाई गई हरी सब्जियां लिए लाल बहादुर

किचन वेस्ट सामग्री से बनता है खाद

सब्जियों के पौधों की वृद्धि के लिए खाद्य किचन से वेस्ट मैटेरियल्स जैसे सब्जी व फल के छिलके आदि को एक डिब्बे में पानी में मिलाकर रख दिया जाता है. कुछ दिनों बाद वह खाद बन जाता है. इसका छिड़काव सब्जियों के जड़ों में किया जाता है, इसके बाद सब्जियों की वृद्धि देखते बनती है.

टेरेस पर उगाई गई तरोई और बोदी की फसल.
टेरेस पर उगाई गई तरोई और बोदी की फसल.

एक रिसर्च के अनुसार संयुक्त राष्ट्र संघ के 2030 संपोसी सतत विकास के अंतर्गत 17 लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं. इसमें मुख्य रूप से वैश्विक स्तर पर लोगों को भोजन उपलब्ध करवाना, बेरोजगारी खत्म करना, गरीबी हटाना महत्वपूर्ण है. बढ़ती आबादी के बीच सभी को भोजन उपलब्ध कराने को छत पर सब्जियां उगाने की पद्धति सार्थक एवं उपयोगी साबित होगी.

-लाल बहादुर

चंदौली: वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौर में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कई लोगों ने इस आपदा को अवसर में बदल डाला. देश के प्रधानमंत्री भी अपने संबोधन में कई बार आत्मनिर्भर बनने की बात को दोहरा चुके हैं. अब धीरे-धीरे इसका असल लोगों में होने लगा है. पीएम के इस आवाहन को चंदौली के रहने वाले लाल बहादुर ने आत्मसात कर लिया है. लॉकडाउन के दौरान लाल बहादुर अपने घर के छत पर सब्जियों की जैविक खेती कर रहे हैं. जैविक तरीके से फलों और सब्जियों को उगाकर वे आत्मनिर्भर तो बने ही, साथ ही कोरोना काल में आपदा को अवसर में भी बदल दिया.

टेरेस गार्डन
करीब एक दर्जन सब्जियों और फलों की खेती

चंदौली में पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर के वार्ड नंबर-5 में रहने वाले लाल बहादुर अपने घर की छत पर हरी मौसमी सब्जियां उगाकर कम लागत में स्वस्थ जीवन जी रहे हैं. खास बात यह है कि सब्जी की खेती पूरी तरह से ऑर्गेनिक है. लाल बहादुर ने 500 स्क्वायर फीट एरिया में में ही पालक, लहसुन, हरी मिर्च, फूल गोभी, शिमला मिर्च, मूली, गाजर बैगन, चुकंदर, धनिया, करेला, बोरा, नेनुआ समेत दर्जन भर किस्म की की सब्जी व फल उगा रहे हैं. लाल बहादुर बताते हैं कि सब्जियों के पौधों की हरियाली से छत गुलजार है और बेहद फायदेमंद भी.

बैगन.
बैगन.

हाइजेनिक, ऑर्गेनिक और स्वादिष्ट सब्जी

लाल बहादुर ने बताया कि कोरोना के शुरुआती लॉकडाउन के दौरान बाजार बंद थे, तो ताजी और हरी सब्जियां मिलना मुश्किल हो गया था. साथ ही सब्जियों की महंगाई भी बढ़ गई. ऐसे में सब्जियों की बढ़ती महंगाई से निजात पाने और ताजी सब्जियों के लिए छत पर सब्जियों की खेती शुरू करने की योजना बनाई. उनके इस काम में पर्यावरण विद मित्र विजय ने भी काफी सहयोग किया. जिसके बाद उन्होंने ऑर्गेनिक तरीके से सब्जियां उगाने का निर्णय लिया. अब एक छोटे अंतराल के बाद इसका लाभ भी मिलना शुरू हो गया. रोजाना अलग अलग किस्म के सब्जियां उन्हें खाने को मिल जाती है. यह सब्जियां पूरी तरह हाइजेनिक और ऑर्गेनिक है, साथ ही बेहद स्वादिष्ट भी.

हरी मिर्च.
हरी मिर्च.

टेरेस गार्डन की तर्ज पर जैविक सब्जी की खेती

टेरेस गार्डेन की तर्ज पर शुरू की जैविक सब्जियों की खेती में सफलता से उत्साहित लाल बहादुर अब अपने दोस्तों, रिश्तेदारों को भी इस खेती के मायने समझा रहे हैं. उन्हें छत पर जैविक तरीके से सब्जियों के खेती करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

लौकी और बैगन.
लौकी और बैगन.

दो सेक्शन की है सब्जियों की खेती

लाल बहादुर अपने घर की छत पर दो सेक्शन में सब्जियां लगाए हैं. एक तरफ थर्माकोल बॉक्स में लतर वाली सब्जियों को लगाया है, जिसके झाड़ के लिए बांस और रस्सियों से जाल बनाया है. तो दूसरी तरफ सब्जियों को लगाने से पहले छत पर एक मोटी प्लास्टिक चादर बिछाई है, ताकि घर में सीलन ना आए. इस दौरान पानी की निकासी की भी व्यवस्था की गई है. इसके अलावा कुछ सब्जियां गमले में भी लगाई गई हैं.

पौधों की देखभाल करते लाल बहादुर.
पौधों की देखभाल करते लाल बहादुर.

परिजनों का भी मिलता है सहयोग

टेरेस पर ऑर्गेनिक सब्जियां उगाने में लाल बहादुर के अलावा उनके छोटे भाई राम, भांजे अमित समेत अन्य परिवार जनों का भी भरपूर पास मिलता है. जो स्कूल व अन्य कामों से फ्री होते ही सब्जियों की देखभाल में जुड़ जाते हैं.निराई-गुड़ाई और पानी का काम देखते हैं और छतों पर खेती कर के खुद को फिट रखने का प्रयास करते हैं.

टेरेस गार्डन में उगाई गई हरी सब्जियां लिए लाल बहादुर
टेरेस गार्डन में उगाई गई हरी सब्जियां लिए लाल बहादुर

किचन वेस्ट सामग्री से बनता है खाद

सब्जियों के पौधों की वृद्धि के लिए खाद्य किचन से वेस्ट मैटेरियल्स जैसे सब्जी व फल के छिलके आदि को एक डिब्बे में पानी में मिलाकर रख दिया जाता है. कुछ दिनों बाद वह खाद बन जाता है. इसका छिड़काव सब्जियों के जड़ों में किया जाता है, इसके बाद सब्जियों की वृद्धि देखते बनती है.

टेरेस पर उगाई गई तरोई और बोदी की फसल.
टेरेस पर उगाई गई तरोई और बोदी की फसल.

एक रिसर्च के अनुसार संयुक्त राष्ट्र संघ के 2030 संपोसी सतत विकास के अंतर्गत 17 लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं. इसमें मुख्य रूप से वैश्विक स्तर पर लोगों को भोजन उपलब्ध करवाना, बेरोजगारी खत्म करना, गरीबी हटाना महत्वपूर्ण है. बढ़ती आबादी के बीच सभी को भोजन उपलब्ध कराने को छत पर सब्जियां उगाने की पद्धति सार्थक एवं उपयोगी साबित होगी.

-लाल बहादुर

Last Updated : Nov 22, 2020, 2:30 PM IST
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