चंदौली: पूर्व सांसद रामकिसुन यादव भी अपने नेता के नक्शे कदम पर चलते दिखाई दे रहे है. समाजवादी चिंतक डॉ. राममनोहर लोहिया की पुण्यतिथि के दिन पूर्व सांसद ने आंदोलन का बिगुल फूंका है. भारत माला प्रोजेक्ट के लिए किए जा रहे अधिग्रहण के विरोध में प्रभावित किसान मजदूर धरना स्थल पहुंचकर विरोध जताया. इस दौरान किसानों ने कहा कि मर मिटेंगे. लेकिन जमीन-मकान नहीं देंगे. वहीं पूर्व सांसद रामकिसुन भी किसानों के समर्थन में उतर पड़े हैं और निर्णायक लड़ाई की बात कही.
पूर्व सांसद रामकिसुन यादव ने कहा कि हम सभी लोहिया जी के आदर्शों पर चलने वाले लोग है. उनका मानना था जब सड़कें सूनी हो जाती है, तो संसद आवारा हो जाते हैं. लेकिन, हम समाजवादी लोग सांसद को आवारा नहीं होने देंगे. किसानों मजदूरों के लिए हक की लड़ाई लड़ने के लिए संघर्ष करेंगे और उन्हें उनका हक दिला कर रहेंगे. उन्होंने आगे कहा कि भारत माला प्रोजेक्ट जिले में 23 किलोमीटर की सीमा विस्तार में है. कमोबेश सभी जगहों पर हालात ऐसे ही है.
कहीं लोगों का मकान जा रहा है, तो कहीं लोग भूमिहीन हो रहे है. लेकिन सरकार इन किसानों की जमीन सस्ते दामों पर खरीद एक्सप्रेस वे बनाकर उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने का काम कर रही है. जिसकी जमीन इस परियोजना में जा रही है, उनकी कीमत कम कीमत दी जा रही है. जबकि उसी सड़क के किनारे जमीन की कीमतें आसमान छू रही है. ऐसे में किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए.
विदित हो कि भारत माला ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट में रेवसा गांव के सैकड़ों लोगों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है. जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोगों का घर मकान प्रभावित हो रहा है. किसानों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि हम लोग भारत माला ग्रीनफेल्ड हाईवे (ग्रीन प्रोजेक्ट) में अपना मकान देना नहीं चाहते है. यदि लेना है तो जमीन के बदले जमीन व मकान के बदले मकान दिया जाए. ताकि किसानों के साथ न्याय हो सके.
यह भी पढ़ें: जगदगुरु स्वामी रामभद्राचार्य बोले- सनातन धर्म पर होगा 2024 का लोकसभा चुनाव, फिर से पीएम बनेंगे नरेंद्र मोदी