चंदौलीः उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक है. ऐसे में सभी पार्टियां चुनावी तैयारियों में जुट गई हैं. इस दौरान नेताओं के बीच अपनी उपलब्धियां गिनाने के साथ ही आरोप प्रत्यारोप का भी दौर शुरू हो गया है. जिले में मेडिकल कॉलेज का मुद्दा भाजपा-सपा के लिए अखाड़ा बन गया है. रविवार को केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय चंदौली पहुंचे और सपा पर निशाना साधते हुए मेडिकल कॉलेज को जिले की सबसे बड़ी परियोजना बताई. जिसके बाद पूर्व सांसद रामकिशुन यादव ने भी पलटवार करते हुए उन्हें झूठा करार दिया. साथ ही कहा कि वे शिलान्यास का शिलान्यास कर खुद को गौरवान्वित महसूस करते हैं.
रामकिशुन यादव ने याद दिलाया कि महेंद्र नाथ पांडेय जब गंगा कटान से प्रभावित कुंडा गांव में गए थे. उन्होंने कहा था कि मैं गंगा कटान का मामला संसद में उठाउंगा. लेकिन सांसद जी को यह नहीं पता है कि कैबिनेट मंत्री बनने के बाद वह सदन में प्रश्न नहीं उठा सकते हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने पिछले 4 सालों में एक भी बड़ा और नया काम चंदौली जिले में नहीं किया, बल्कि वह लगातार झूठ बोलते रहे हैं.
पूर्व सांसद ने निशाना साधते हुए कहा कि सांसद जी अक्सर गिनाया करते हैं कि फ्रेट कॉरिडोर पर मैंने इतने ओवरब्रिज और फुट ओवर ब्रिज बनवाए हैं. उनको यह याद होना चाहिए कि यह फ्रेट कॉरिडोर परियोजना का हिस्सा है, और जब फ्रेट कॉरिडोर परियोजना बन रही थी. तभी यह तय हो गया था कि कहां पर रेलवे ओवर ब्रिज बनेगा और कहां पर फुट ओवर ब्रिज बनेगा. ऐसे में इसमें सांसद डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय का कोई योगदान नहीं है.
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यहीं नहीं पूर्व सांसद रामकिशुन ने निशाना साधते हुए कहा कि उनकी असली बहादुरी तब होती जब वह पटना लाइन पर ओवरब्रिज बनवा कर दिखा देते और वहां पर कोई नया काम करवा कर दिखाते. वह फ्रेट कॉरिडोर परियोजना में वह केवल झूठी वाहवाही ले रहे हैं. पूर्व सांसद यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज के निरीक्षण के दौरान केंद्रीय मंत्री ने मंच से बोलते हुए कहा कि अखिलेश यादव ने चुनाव आचार संहिता लगने के बाद मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास किया है. तो सांसद जी को याद दिलाना चाहते हैं कि चंदौली मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास 20 दिसंबर 2016 को हुआ था, जबकि जनवरी, 2017 में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगी थी.
'दिशा' की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे थे केंद्रीय मंत्री
सांसद एवं भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय की अध्यक्षता में जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति 'दिशा' की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में हुई. इस दौरान मनरेगा की समीक्षा में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए जनपद में कुल 105.56 करोड़ वित्तीय परिव्यय निर्धारित किया गया है. जिसके सापेक्ष कुल 3151156 लाख मानव दिवस सृजन का लक्ष्य निर्धारित है. इसके सापेक्ष माह अगस्त 2021 तक की वित्तीय प्रगति लक्ष्य के सापेक्ष 121.30 प्रतिशत है.
बैठक के दौरान विकास खंड चकिया में आवास निर्माण में हुई अनियमितता संज्ञान में आने पर दोषियों के खिलाफ फौरन कार्रवाई के निर्देश दिए. स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अंतर्गत 729 सामुदायिक शौचालय लक्ष्य के सापेक्ष 581 सामुदायिक शौचालय का निर्माण हो चुका है. शेष कार्य प्रगति पर है. जिसे तेजी से पूर्ण कराए जाने के निर्देश पंचायती राज विभाग को दिए.
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इसके साथ ही जनपद में किसानों के खेतों तक सिंचाई के पानी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित हो. इसके लिए रोस्टरवार नहरों का संचालन पूरी क्षमता के साथ चलाए जाने के निर्देश दिए. कौशल विकास योजना के अंतर्गत रोजगार पाए व्यक्तियों का समय-समय पर फोन कर फीडबैक लिए जाने का निर्देश दिया. उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना व जनपद की अन्य सड़कों को पूरी गुणवत्ता के साथ तेजी से निर्मित कराए जाने तथा खराब हो चुकी सड़कों पर तत्काल मरम्मत कराए जाने के निर्देश दिए.