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चंदौली का नारायनपुर पंप कैनाल न खुलने से किसान परेशान - बिजली विभाग

चंदौली में नारायनपुर पम्प कैनाल न खुलने से किसानों को धान की नर्सरी डालने में काफी दिक्कतें हों रही है. दरअसल, नारायनपुर पम्प कैनाल विद्युत खराबी के साथ सरकारी तंत्र की गड़बड़ी की मार झेल रहा है. 34 किलोमीटर एरिया के करीब 500 गांवों की खेती इस कैनाल से सिंचित होती थी.

किसानों को सताने लगा फसल पिछड़ने डर
किसानों को सताने लगा फसल पिछड़ने डर
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Published : Jun 14, 2021, 1:14 PM IST

चंदौली : जिले में भले ही नहरों का जाल बिछा हो, लेकिन किसान बेहाल है. नहरों में पानी न होने के चलते धान की नर्सरी डालने में किसानों को देरी हो रही है. जिसका सीधा असर धान की पैदावार पर पड़ेगा. तो वहीं जीव जंतुओं के सामने पेयजल का संकट खड़ा हो गया है. लेकिन इसकी चिंता न तो जिले के अधिकारियों को है और न ही जनप्रतिनिधियों को. हालांकि किसानों से जुड़े इस मामले को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू नरायनपुर पम्प कैनाल पहुंचकर सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी.

दरअसल, नारायनपुर पंप कैनाल विद्युत खराबी के साथ सरकारी तंत्र की गड़बड़ी की मार झेल रहा है. नारायनपुर पंप कैनाल से सिंचित कृषि भूमि को पानी मिलने में 15 से अधिक दिन का समय लगना तय है. वहीं जनपद के किसान धान की नर्सरी डालने के लिए नारायनपुर पंप कैनाल की ओर टकटकी लगाए हुए हैं. अब तो किसानों को धान की फसल के पिछड़ने का भी डर सताने लगा है. यह नहर नरवन और महाईच समेत जनपद के बड़े इलाकों को सिंचित करती है. इससे करीब आधा दर्जन छोटी नहरें निकली है. जिससे चन्दौली जिले की 34 किलोमीटर एरिया की करीब 500 गांवों की खेती सिंचित होती है.

जर्जर विद्युत व्यवस्था के चलते किसान हो रहे परेशान

किसानों की समस्या के मद्देनजर पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू नारायनपुर पम्प कैनाल पहुंचे. उन्होंने बताया कि पंप कैनाल का संचालन पूरी तरह से ठप है. इसके मूल में विद्युत की उपलब्धता आड़े आ रही है. सिंचाई विभाग की लापरवाही से बिजली विभाग को 21 लाख की चपत लगी है, और विद्युत उपकेंद्र पर लगे कई उपकरणों में यांत्रिक दोष आया है. जिसका हर्जाना सिंचाई विभाग देने में आनाकानी कर रहा था. फिलहाल खराब यंत्रों को बदलने के लिए आगामी गुरुवार को टेंडर खोला जाएगा. ठेकेदार चयन के बाद मरम्मत कर विद्युत आपूर्ति बहाल करने में करीब एक सप्ताह का समय लगना तय है. क्योंकि जिन उपकरणों की जरूरत है वह यूपी के बाहर हैदराबाद या महाराष्ट्र से मंगाए जाएंगे.

यहीं नहीं उन्होंने सरकार अधिकारियों की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि किसानों की समस्या को लेकर वे जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे. लेकिन वहां न तो डीएम मिले और न ही एडीएम. मूसाखांड प्रखण्ड के एक्सईएन प्रदीप कुमार ने बताया कि पम्प कैनाल पूरी तरह से ठीक है. विद्युत आपूर्ति के अभाव में पम्प कैनाल का संचालन नहीं हो पा रहा है. इसके लिए बिजली विभाग से समन्वय स्थापित किया गया है. जल्द ही विद्युत आपूर्ति बहाल होते ही जल आपूर्ति कर दी जाएगी. हालांकि 22 लाख के नुकसान की बात से इंकार करते हुए कहा कि जर्जर संसाधनों की वजह हाइड्रिल में समस्या आ गई है.

इसे भी पढ़ें-दूल्हा कैसे ले जाए दुल्हनिया, योगी की पुलिस खोल ले गई कार का पहिया

चंदौली : जिले में भले ही नहरों का जाल बिछा हो, लेकिन किसान बेहाल है. नहरों में पानी न होने के चलते धान की नर्सरी डालने में किसानों को देरी हो रही है. जिसका सीधा असर धान की पैदावार पर पड़ेगा. तो वहीं जीव जंतुओं के सामने पेयजल का संकट खड़ा हो गया है. लेकिन इसकी चिंता न तो जिले के अधिकारियों को है और न ही जनप्रतिनिधियों को. हालांकि किसानों से जुड़े इस मामले को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू नरायनपुर पम्प कैनाल पहुंचकर सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी.

दरअसल, नारायनपुर पंप कैनाल विद्युत खराबी के साथ सरकारी तंत्र की गड़बड़ी की मार झेल रहा है. नारायनपुर पंप कैनाल से सिंचित कृषि भूमि को पानी मिलने में 15 से अधिक दिन का समय लगना तय है. वहीं जनपद के किसान धान की नर्सरी डालने के लिए नारायनपुर पंप कैनाल की ओर टकटकी लगाए हुए हैं. अब तो किसानों को धान की फसल के पिछड़ने का भी डर सताने लगा है. यह नहर नरवन और महाईच समेत जनपद के बड़े इलाकों को सिंचित करती है. इससे करीब आधा दर्जन छोटी नहरें निकली है. जिससे चन्दौली जिले की 34 किलोमीटर एरिया की करीब 500 गांवों की खेती सिंचित होती है.

जर्जर विद्युत व्यवस्था के चलते किसान हो रहे परेशान

किसानों की समस्या के मद्देनजर पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू नारायनपुर पम्प कैनाल पहुंचे. उन्होंने बताया कि पंप कैनाल का संचालन पूरी तरह से ठप है. इसके मूल में विद्युत की उपलब्धता आड़े आ रही है. सिंचाई विभाग की लापरवाही से बिजली विभाग को 21 लाख की चपत लगी है, और विद्युत उपकेंद्र पर लगे कई उपकरणों में यांत्रिक दोष आया है. जिसका हर्जाना सिंचाई विभाग देने में आनाकानी कर रहा था. फिलहाल खराब यंत्रों को बदलने के लिए आगामी गुरुवार को टेंडर खोला जाएगा. ठेकेदार चयन के बाद मरम्मत कर विद्युत आपूर्ति बहाल करने में करीब एक सप्ताह का समय लगना तय है. क्योंकि जिन उपकरणों की जरूरत है वह यूपी के बाहर हैदराबाद या महाराष्ट्र से मंगाए जाएंगे.

यहीं नहीं उन्होंने सरकार अधिकारियों की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि किसानों की समस्या को लेकर वे जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे. लेकिन वहां न तो डीएम मिले और न ही एडीएम. मूसाखांड प्रखण्ड के एक्सईएन प्रदीप कुमार ने बताया कि पम्प कैनाल पूरी तरह से ठीक है. विद्युत आपूर्ति के अभाव में पम्प कैनाल का संचालन नहीं हो पा रहा है. इसके लिए बिजली विभाग से समन्वय स्थापित किया गया है. जल्द ही विद्युत आपूर्ति बहाल होते ही जल आपूर्ति कर दी जाएगी. हालांकि 22 लाख के नुकसान की बात से इंकार करते हुए कहा कि जर्जर संसाधनों की वजह हाइड्रिल में समस्या आ गई है.

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