चंदौली: चकिया कोतवाली क्षेत्र के बरौझी और सिकंदरपुर गांव में शुक्रवार को बिजली के तारों में शार्ट-सर्किट से गेहूं की फसल में आग लग गई. देखते ही देखते करीब 40 बीघे फसल को आग ने अपने आगोश में ले लिया. आसपास के ग्रामीणों और किसानों समेत फायर ब्रिगेड की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद करीब 2 घंटे में आग पर काबू पाया. इस दौरान तैयार फसल को जलता देख किसान रोने लगे. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसे ट्वीट कर सरकार पर सवाल उठाए हैं और इसकी भरपाई किए जाने की बात कही है.
दरअसल, बरौझी और सिकंदरपुर के किसानों का खेत सिवान में है. शुक्रवार की दोपहर करीब ढाई बजे अचानक खेतों के ऊपर से गुजर रहे हाईटेंशन तारों में तेज हवा के चलते शार्ट-सर्किट होने लगा. इस दौरान हाईटेंशन तारों की चिंगारी से खेतों में लगभग सूख चुकी गेहूं की फसल धू-धू कर जलने लगी. देखते ही देखते पूरा सिवान आग की आगोश में आ गया.
इसकी सूचना ग्रामीणों ने प्रभारी कोतवाल गिरीश राय को दी. इसके बाद फायर ब्रिगेड के साथ पुलिस विभाग की टीम फौरन मौके पर पहुंच गई और आग बुझाने में लग गई. पुलिस और ग्रामीणों की मदद से इस विकराल आग पर करीब दो घंटे बाद काबू पाया जा सका, लेकिन तब तक सिकंदरपुर और बरौझी गांव के करीब 10 से अधिक किसानों की फसल जलकर खाक हो चुकी थी.
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इस दौरान सूचना मिलने पर राजस्व विभाग की टीम के साथ लेखपाल भी मौके पर पहुंचे और आग से पीड़ित किसानों की जली फसल का आंकलन किया. लेखपाल के मुताबिक इस अग्निकाण्ड में मनोज यादव, पन्ना पाल, भोला मौर्या, झनाटू, अवनीश पटेल, संजय पटेल, अमर सिंह, राममोहन सोनकर सहित 10 से अधिक किसानों की फसल नष्ट हुई है, जिसकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है.
अब यह मामला राजनीतिक रंग ले रहा है. शुक्रवार की रात अखिलेश यादव ने इस घटना से जुड़ा एक वीडियो ट्वीट किया है. इसमें उन्होंने लिखा है कि चंदौली के सिकंदरपुर गांव, थाना चकिया में आग लगने की घटना अत्यंत दुःखद है. सरकार बताए कि इस दुर्घटना में हुए नुकसान की भरपाई आखिर कौन करेगा?
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