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मृत्यु प्रमाण पत्र के आवेदनों में इजाफा, जानें क्या है कारण?

चंदौली में पिछले तीन महीनों में मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के आवेदन में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली है. कर्मचारियों का कहना है कि कोरोना की वजह से हो रही मृत्यु के कारण इसमें तेजी आई है.

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Published : May 1, 2021, 12:57 PM IST

मृत्यु प्रमाण पत्र आवेदन में तेजी
मृत्यु प्रमाण पत्र आवेदन में तेजी

चंदौली: जनपद में कोरोना से मृत्यु दरें बढ़ने के कारण मृत्यु प्रमाण पत्र के आवेदन भी बढ़ गए हैं. प्रमाण पत्र बनवाने के लिए नियमानुसार 21 दिनों के अंदर आवेदन करना पड़ता है. बीते तीन माह में मृत्यु प्रमाण पत्र आवेदन में तेजी आई है.

आवेदन से ही पता चल रहा है संक्रमण की भयावहता

जनपद में रोजाना कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा लगभग 400 है. वहीं रोज 8 से 10 लोगों की मौत इस संक्रमण के कारण हो रही है. इसको लेकर मृत्यु प्रमाण पत्र के आवेदन में भी तेजी से बढ़ोतरी हुई है.

पिछले तीन माह में तेजी से बढ़े हैं आवेदन के आंकड़े

बताया जा रहा है कि पिछले तीन माह में मृत्यु प्रमाण पत्र के 228 आवेदन आए हैं, जिसमें से लगभग 150 आवेदन अभी भी लंबित हैं. पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर पालिका परिषद कार्यालय में मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने के लिए रोजाना सात से आठ आवेदन आ रहे हैं. कर्मियों ने बताया कि एक माह पूर्व पोर्टल लखनऊ से बंद था. इसके अपग्रेडेशन का काम चल रहा था. नगर पंचायतों में चार से पांच और ब्लॉकों में छह से सात आवेदन रोजाना हो रहे हैं.

मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के नियम

जहां व्यक्ति की मृत्यु होती है, वहीं प्रमाणपत्र भी बनता है. यदि किसी नागरिक की मौत किसी गैरजनपद अथवा राज्य में होती है तो वहीं उसका मृत्यु प्रमाणपत्र भी बनेगा. यदि अस्पताल की बजाय गांव में अथवा घर पर मौत हुई तो परिवार रजिस्टर की नकल, ग्राम प्रधान का प्रमाण पत्र सचिव से लिखवाकर जमा कराना होगा तब जाकर संबंधित ब्लॉक मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करेगा.

पढ़ें: रेलवे ग्रीन कॉरिडोर बनाकर ऑक्सीजन सिलेंडर हॉस्पिटल पहुंचाएगी : आरपीएफ

शहर में निवास करने वाले लोगों को प्रमाणपत्र बनवाने के लिए नगर पालिका परिषद, नगर पंचायत दफ्तर में आवेदन करना होता है. वहीं ग्रामीण इलाकों के लोगों का प्रमाण पत्र ब्लॉक में बनाया जाता है.

चंदौली: जनपद में कोरोना से मृत्यु दरें बढ़ने के कारण मृत्यु प्रमाण पत्र के आवेदन भी बढ़ गए हैं. प्रमाण पत्र बनवाने के लिए नियमानुसार 21 दिनों के अंदर आवेदन करना पड़ता है. बीते तीन माह में मृत्यु प्रमाण पत्र आवेदन में तेजी आई है.

आवेदन से ही पता चल रहा है संक्रमण की भयावहता

जनपद में रोजाना कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा लगभग 400 है. वहीं रोज 8 से 10 लोगों की मौत इस संक्रमण के कारण हो रही है. इसको लेकर मृत्यु प्रमाण पत्र के आवेदन में भी तेजी से बढ़ोतरी हुई है.

पिछले तीन माह में तेजी से बढ़े हैं आवेदन के आंकड़े

बताया जा रहा है कि पिछले तीन माह में मृत्यु प्रमाण पत्र के 228 आवेदन आए हैं, जिसमें से लगभग 150 आवेदन अभी भी लंबित हैं. पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर पालिका परिषद कार्यालय में मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने के लिए रोजाना सात से आठ आवेदन आ रहे हैं. कर्मियों ने बताया कि एक माह पूर्व पोर्टल लखनऊ से बंद था. इसके अपग्रेडेशन का काम चल रहा था. नगर पंचायतों में चार से पांच और ब्लॉकों में छह से सात आवेदन रोजाना हो रहे हैं.

मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के नियम

जहां व्यक्ति की मृत्यु होती है, वहीं प्रमाणपत्र भी बनता है. यदि किसी नागरिक की मौत किसी गैरजनपद अथवा राज्य में होती है तो वहीं उसका मृत्यु प्रमाणपत्र भी बनेगा. यदि अस्पताल की बजाय गांव में अथवा घर पर मौत हुई तो परिवार रजिस्टर की नकल, ग्राम प्रधान का प्रमाण पत्र सचिव से लिखवाकर जमा कराना होगा तब जाकर संबंधित ब्लॉक मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करेगा.

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शहर में निवास करने वाले लोगों को प्रमाणपत्र बनवाने के लिए नगर पालिका परिषद, नगर पंचायत दफ्तर में आवेदन करना होता है. वहीं ग्रामीण इलाकों के लोगों का प्रमाण पत्र ब्लॉक में बनाया जाता है.

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