चंदौलीः सीएम योगी आदित्यनाथ की सभा में जाते समय समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं और पुलिस में हुई झड़प मामले में अपर न्यायिक मजिस्ट्रेट एफटीसी-प्रथम की अदालत ने बुधवार को पूर्व जिलाध्यक्ष बलिरायम यादव समेत चार सपाइयों को जमानत दे दी है. देर शाम कोर्ट ने चारों समाजवादी नेताओं की रिहाई पर मुहर लगा दी. जमानत की सूचना मिलते ही सपा कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई. सपा जिलाध्यक्ष सत्यनारायण राजभर ने इसे लोकतंत्र की जीत बताया.
सपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि समाजवादी पार्टी अपने संघर्ष के लिए जानी जाती है. सपा के जिन साथियों को लोकतांत्रियों मूल्यों की रक्षा के लिए जेल जाना पड़ा. जेल से रिहा होने के बाद पार्टी उनका जोरदार इस्तकबाल करेगी. समाजवादी पार्टी किसान, नौजवान व आम आदमी के हक और हुकूक की बात करती है. इसके पूर्व कोर्ट में बेल पर सुनवाई के दौरान जिलाध्यक्ष सत्य नारायण राजभर समेत सपाई डंटे रहे.
कोर्ट में समाजवादी पार्टी के लीगल पैनल में अधिवक्ता अजय मौर्या, राकेश रत्न तिवारी, विरेंद्र सिंह छोटे, बृजेश यादव, इमरान सिद्दीकी ने समाजवादी साथियों की रिहाई के लिए तथ्य दलील दी. जिसके बाद वाराणसी जिला जेल में निरुद्ध सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष बलिराम यादव, सदानन्द सिंह यादव, परमहंस यादव, राहुल चौहान की जमानत याचिका मंजूर कर ली. कोर्ट से आदेश रिहाई आदेश जारी होने के बाद सपा के लोग अपने साथियों की रिहाई की प्रक्रिया को मुकम्मल कराने में जुट गए. साथ ही रिहाई के आदेश का परवाना लेकर वाराणसी कूच किये.
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बता दें कि मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दौरान समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं और क्षेत्राधिकारी अनिरुद्ध सिंह के बीच हुई झड़प मामले में पुलिस ने दो नामजद सहित 150 अज्ञात लोगों पर संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है. इसके बाद पुलिस ने पूर्व जिलाध्यक्ष बलिराम यादव सहित सपा के कई नेताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था.