चन्दौली: प्रियंका गांधी के मिशन 2022 के आह्वान का असर कांग्रेस में दिखने लगा है. उत्तर प्रदेश में अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने की जद्दोजहद भी शुरू हो गई. जनता तक अपनी पहुंच बनाने के लिए कांग्रेस ने किसान जनजागरण अभियान की शुरुआत की है. किसान के सम्मान में कांग्रेस मैदान में नारे के साथ 40 दिनों तक चलने वाले जागरण अभियान की औपचारिक लॉन्चिंग चन्दौली में हुई. इस जनजागरण अभियान पर किसान जनजागरण अभियान के प्रभारी अजय राय से बातचीत हुई.
भाजपा ने किसानों के साथ छल किया
केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार किसानों के साथ हर मोर्चे पर छल किया है. आज किसान को फसल का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है. खेती की लागत बढ़ गई है. दूसरी तरफ आवारा पशुओं के कहर से किसान परेशान है. किसान की फसल आवारा पशु रौंद देते हैं. किसानों को कोई मुआवजा तक नहीं मिलता. कांग्रेस पार्टी इस पूरे अभियान के जरिए किसानों के हक की आवाज को मजबूत करेगी.
40 दिनों तक कांग्रेस कार्यकर्ता किसानों से संपर्क करेंगे
जन जागरण यात्रा के दौरान उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के प्रत्येक किसान परिवारों से संपर्क करेगी. इस अभियान में प्रत्येक पांचवें किसान परिवार को इस अभियान का हिस्सा बनाएंगे. 40 दिन के इस लंबे अभियान में कांग्रेस कार्यकर्ता दूरदराज के गांवों में भी जाकर किसानों से संपर्क करेंगे. इस दौरान किसानों की समस्या जानेंगे और पिछली सरकार के उपलब्धियों को गिनाएंगे.
कांग्रेस का किसान जन जागरण अभियान पांच चरणों में होगा
- प्रथम चरण 10 फरवरी से 16 फरवरी तक चलेगा. इस दौरान ब्लॉक स्तर का चिन्हित कार्यकर्ता प्रतिदिन कम से कम 10 किसान परिवारों के घर जाकर वार्ता करेगा. उनसे किसान मांग पत्र भरवाएंगे. यही नहीं उन्हें आंदोलन से जुड़ने के लिए प्रेरित करेंगे.
- दूसरा चरण 17 फरवरी से 23 फरवरी तक चलेगा. इस दौरान प्रत्येक ब्लॉक में दो नुक्कड़ सभाएं की जाएंगी. इन नुक्कड़ सभा में भी किसानों से मांग पत्र भरवाए जाएंगे. इन नुक्कड़ सभाओं में किसानों की व्यक्तिगत समस्याओं को दिखाया जाएगा. हालांकि इस दौरान भी चिन्हित कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर किसानों से वार्ता और मांग पत्र भरवाने का काम जारी रखेंगे.
- तीसरा चरण 25 फरवरी से 3 मार्च तक चलेगा. इस दौरान 25 फरवरी को सभी स्थानीय विधायकों को उनके आवास या कार्यालय पर कांग्रेस कार्यकर्ता ज्ञापन सौंपेंगे, जबकि 28 फरवरी को सरकार जगाओ, किसान बचाओ के नारे के साथ किसानों के मुद्दे पर स्थानीय सांसद के आवास या कार्यालय पर ज्ञापन सौंपेंगे. वहीं 3 मार्च को तहसील दिवस पर किसानों की मांगों को लेकर बड़े प्रदर्शन किए जाएंगे. यही नहीं पीड़ित किसानों का नाम लेकर उनकी समस्याओं को हाईलाइट किया जाएगा और सरकार पर दबाव बनाया जाएगा.
- चौथे चरण में 6 मार्च को किसानों की मांगों को लेकर जिलाधिकारी कार्यालयों पर धरना प्रदर्शन करना है. इस दौरान पीड़ित किसानों को भी अपने साथ ले जाएंगे. हालांकि 6 मार्च से पहले लगातार चिन्हित कार्यकर्ता किसानों से जनसंपर्क करते रहेंगे. इस दौरान किसानों से दो फार्म भरवाए जाएंगे. पहली 'किसान की बात' जिसमें किसानों की समस्याएं नोट की जाएंगी, जबकि दूसरी 'किसान मांग रहा है' इसे तहसील दिवस पर उपजिलाधिकारी को दिया जाएगा.
- पांचवें और आखिरी चरण में किसानों की मांगों और समस्याओं को लेकर लखनऊ में प्रदेश स्तरीय 'किसान आक्रोश प्रदर्शन' के तहत विशाल धरना-प्रदर्शन किया जाएगा. इसमें प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू समेत प्रियंका गांधी और अन्य बड़े नेता भी शिरकत करेंगे.