चंदौली: पिछले दिनों बलुआ में डॉ. अरुण शर्मा की हत्या के मामले में लापरवाही और अनुशासनहीनता के मामले में एसपी ने थानाध्यक्ष सूर्य प्रताप सिंह को निलंबित कर दिया. वहीं, कुछ दिन पहले उन्हें कर्तव्यहीनता के आरोप में लाइनहाजिर किया गया था. साथ ही पूरे मामले की जांच सीओ सकलडीहा भवनेश चिकारा को सौंपी गई थी.
कर्तव्यहीनता के आरोप में हुई कार्रवाई
बलुआ हत्याकांड मामले में आरोप था कि मृतक के परिजनों और जनता द्वारा पुलिस से कहासुनी व संघर्ष की स्थिति कायम होने के बावजूद तत्कालीन थाना प्रभारी सूर्य प्रताप सिंह थाने पर ही बैठे रहे. इसकी जांच क्षेत्राधिकारी सकलडीहा द्वारा की जा रही थी. सीओ की जांच में बलुआ थाना प्रभारी पर लगे आरोपों की पुष्टि हुई. इसके आधार पर एसपी अमित कुमार ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ श्रेणी के पुलिस अधिकारियों की नियमावली-1991 के नियम 17(1)(क) के प्रावधानों के तहत तत्काल निलंबित कर दिया.
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पुलिस प्रशासन और जनता हो गई थी आमने-आमने
डॉ. अरुण शर्मा हत्याकांड में परिजन और ग्रामीण चक्काजाम कर आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ ही शव की बरादमगी की मांग कर रहे थे. इसी दौरान पुलिस और जनता आमने-सामने आ गई और मौके पर तनाव की स्थिति कायम हो गई थी. बावजूद इसके थाना प्रभारी बलुआ थाना परिसर में ही मौजूद रहे. इस आरोप की पुष्टि सीओ सकलडीहा की जांच में होेने के बाद निलंबन की कार्यवाही को अमल में लाया गया. यहीं नहीं मृतक के परिजनों ने बलुआ इंस्पेक्टर पर 5 लाख रुपये की हेराफेरी का भी आरोप लगाया था.